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LOCKDOWN: दुधमुहे बच्चे को गोद में लेकर सड़क पर पैदल ही निकली बेबस मां - Corona virus

प्रदेश सरकार के दावे के पोल खोलती ये तस्वीर खुद हकीकत बयां कर रही है. लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के लिए प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में कोई परिवहन व्यवस्था न होने के चलते लोग पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं.

Haridwar
दूध मुहे बच्चे को गोद में लेकर सड़क पर बेबस मां
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Published : Mar 27, 2020, 6:39 PM IST

Updated : Mar 27, 2020, 7:50 PM IST

हरिद्वार: पूरे देश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारें तमाम तरह के उपाय कर रही है. भारत सरकार ने पूरे देश में लॉक डाउन के आदेश दे दिए हैं. लॉक डाउन की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे राज्यों से आकर मजदूरी करने वालों को उठानी पड़ है. इन मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में कोई काम न होने के चलते कई मजदूर अब अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. वहीं, प्रशासन की तरफ से इन मजदूरों को कोई परिवहन व्यवस्था नहीं की गई है. जिसकी वजह से कामगार अपने अपने दुधमुहे बच्चों को लेकर मीलों का सफर पैदल ही तय करने को मजबूर हैं.

दुधमुहे बच्चे को गोद में लेकर सड़क पर पैदल ही निकली बेबस मां

हरिद्वार में भी तमाम राज्यों के मजदूर अपना जीवन यापन करने के लिए कंपनियों में कार्य कर रहे थे. लेकिन लॉक डाउन होने की वजह से कंपनियों ने मजदूरों की छुट्टी कर दी. अब इनके पास न तो रहने का ठिकाना है और न ही अपनी पेट की 'आग' बुझाने का कोई जरिया. इन मजदूरों को अपने घर जाने के लिए कोई साधन भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में मजबूरी में ये अपने पूरे परिवार के साथ पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े हैं.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में ढील पर VHP नेता ने उठाए सवाल, जानें क्या है आम लोगों की प्रतिक्रिया

मजदूरों का कहना है कि लॉक डाउन होने की वजह से कंपनियों द्वारा उन्हें छुट्टी दे दी है. इस वजह से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, जहां पर वे किराए पर रहते हैं, वहां पर भी मकान मालिक द्वारा किराए के लिए उन्हें परेशान किया जा रहा है. इसी वजह से हम वापस अपने घर जा रहे हैं. प्रशासन द्वारा हम लोगों को घर वापस भेजने कि कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें: कोरोना इफेक्ट: हरिद्वार के डीएम-एसएसपी ने उद्यमियों के साथ की बैठक

मजदूरी करने वाली महिलाओं का कहना है कि हमारे खाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जहां पर हम किराए पर रहते हैं उनके द्वारा हम से किराया मांगा जा रहा है जब काम ही सब बंद हो गए तो हम उनको किराया कैसे देंगे. मेरी छह लड़की और एक लड़का है जब कोई कार्य ही नहीं करेंगे तो उनको खाना कहां से खिला पाएंगे. हम हरिद्वार से बिजनौर पैदल ही जा रहे हैं. लेकिन प्रशासन द्वारा हमारे लिए कोई व्यवस्था नहीं की है.

हरिद्वार: पूरे देश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारें तमाम तरह के उपाय कर रही है. भारत सरकार ने पूरे देश में लॉक डाउन के आदेश दे दिए हैं. लॉक डाउन की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे राज्यों से आकर मजदूरी करने वालों को उठानी पड़ है. इन मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में कोई काम न होने के चलते कई मजदूर अब अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. वहीं, प्रशासन की तरफ से इन मजदूरों को कोई परिवहन व्यवस्था नहीं की गई है. जिसकी वजह से कामगार अपने अपने दुधमुहे बच्चों को लेकर मीलों का सफर पैदल ही तय करने को मजबूर हैं.

दुधमुहे बच्चे को गोद में लेकर सड़क पर पैदल ही निकली बेबस मां

हरिद्वार में भी तमाम राज्यों के मजदूर अपना जीवन यापन करने के लिए कंपनियों में कार्य कर रहे थे. लेकिन लॉक डाउन होने की वजह से कंपनियों ने मजदूरों की छुट्टी कर दी. अब इनके पास न तो रहने का ठिकाना है और न ही अपनी पेट की 'आग' बुझाने का कोई जरिया. इन मजदूरों को अपने घर जाने के लिए कोई साधन भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में मजबूरी में ये अपने पूरे परिवार के साथ पैदल ही अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े हैं.

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मजदूरों का कहना है कि लॉक डाउन होने की वजह से कंपनियों द्वारा उन्हें छुट्टी दे दी है. इस वजह से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, जहां पर वे किराए पर रहते हैं, वहां पर भी मकान मालिक द्वारा किराए के लिए उन्हें परेशान किया जा रहा है. इसी वजह से हम वापस अपने घर जा रहे हैं. प्रशासन द्वारा हम लोगों को घर वापस भेजने कि कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है.

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मजदूरी करने वाली महिलाओं का कहना है कि हमारे खाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जहां पर हम किराए पर रहते हैं उनके द्वारा हम से किराया मांगा जा रहा है जब काम ही सब बंद हो गए तो हम उनको किराया कैसे देंगे. मेरी छह लड़की और एक लड़का है जब कोई कार्य ही नहीं करेंगे तो उनको खाना कहां से खिला पाएंगे. हम हरिद्वार से बिजनौर पैदल ही जा रहे हैं. लेकिन प्रशासन द्वारा हमारे लिए कोई व्यवस्था नहीं की है.

Last Updated : Mar 27, 2020, 7:50 PM IST
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