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सौहार्द की मिसाल: यहां मुस्लिम बनाते हैं हिंदू भाइयों के लिए कांवड़

17 जुलाई सवान का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है. हर साल लाखों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार आते है और यहां से कांवड़ में गंगा जल लेकर शिवालयों की ओर जाते है. कांवड़ हिंदू की आस्था से जुड़ी होती है. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लक्सर का एक मुस्लिम परिवार इन कांवड़ों को बनाने का काम करता है.

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Published : Jul 5, 2019, 6:36 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 6:58 PM IST

कांवड़ बनाता मुस्लिम परिवार

लक्सर: गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने वालों की देश में कमी नहीं है. लक्सर में एक मुस्लिम परिवार ऐसा काम करता है जो हिंदू भाइयों के धर्म से जुड़ा हुआ है. यहां मुस्लिम परिवार के लोग पिछले कई सालों से कांवड़ बनाने का काम कर रहे हैं.

पढ़ें- 'सीता' के बहीखाते से नहीं खुला उत्तराखंड का 'खाता', ग्रीन बोनस की आस अधूरी

17 जुलाई सवान का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है. हर साल लाखों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार आते है और यहां से कांवड़ में गंगा जल लेकर शिवालयों की ओर जाते है. कांवड़ हिंदू की आस्था से जुड़ी होती है. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लक्सर का एक मुस्लिम परिवार इन कांवड़ों को बनाने का काम करता है.

यहां मुस्लिम बनाते हैं हिंदू भाइयों के लिए कांवड़

बहादरपुर खादर गांव निवासी कय्यूम अंसारी पिछले कई सालों से कांवड़ बनाने का काम कर रहे है. इस बार भी कय्यूम अंसारी अपने परिवार के साथ कांवड़ बनाने में जोर शोर से जुटे हुए है. कांवड़ बनाकर ही ये मुस्लिम परिवार रोजी-रोटी कमाते हैं.

पढ़ें- तीन मंजिला बुद्धा टेंपल को देखने खिंचे चले आते हैं लोग, 103 फीट की मूर्ति है आकर्षण का केन्द्र

कय्यूम अंसारी ने बताया कि वो इस बार भी पूरे परिवार के साथ कांवड़ बनाने के कार्य में जुटे हुए है. अंसारी अपने घर पर ही कांवड़ बनाते है. जिसे वे हरिद्वार बेचने जाते है, जहां देशभर से आने वाले कांवड़िये इन्हें खरीदते है. इन कांवड़ को लेकर ही हिन्दू भाई जल लाते है.

इनका कहना है कि जिस तरह हिन्दू भाइयों को कावड़ लेकर पुण्य मिलता है, उसी तरह इनको हिन्दू भाइयों के लिए कावड़ तैयार करने से सबब मिलने का अहसास होता है. भगवान किसी धर्म से बंधे नहीं होते आस्था दिल से पैदा होती है.

लक्सर: गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने वालों की देश में कमी नहीं है. लक्सर में एक मुस्लिम परिवार ऐसा काम करता है जो हिंदू भाइयों के धर्म से जुड़ा हुआ है. यहां मुस्लिम परिवार के लोग पिछले कई सालों से कांवड़ बनाने का काम कर रहे हैं.

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17 जुलाई सवान का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है. हर साल लाखों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार आते है और यहां से कांवड़ में गंगा जल लेकर शिवालयों की ओर जाते है. कांवड़ हिंदू की आस्था से जुड़ी होती है. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लक्सर का एक मुस्लिम परिवार इन कांवड़ों को बनाने का काम करता है.

यहां मुस्लिम बनाते हैं हिंदू भाइयों के लिए कांवड़

बहादरपुर खादर गांव निवासी कय्यूम अंसारी पिछले कई सालों से कांवड़ बनाने का काम कर रहे है. इस बार भी कय्यूम अंसारी अपने परिवार के साथ कांवड़ बनाने में जोर शोर से जुटे हुए है. कांवड़ बनाकर ही ये मुस्लिम परिवार रोजी-रोटी कमाते हैं.

पढ़ें- तीन मंजिला बुद्धा टेंपल को देखने खिंचे चले आते हैं लोग, 103 फीट की मूर्ति है आकर्षण का केन्द्र

कय्यूम अंसारी ने बताया कि वो इस बार भी पूरे परिवार के साथ कांवड़ बनाने के कार्य में जुटे हुए है. अंसारी अपने घर पर ही कांवड़ बनाते है. जिसे वे हरिद्वार बेचने जाते है, जहां देशभर से आने वाले कांवड़िये इन्हें खरीदते है. इन कांवड़ को लेकर ही हिन्दू भाई जल लाते है.

इनका कहना है कि जिस तरह हिन्दू भाइयों को कावड़ लेकर पुण्य मिलता है, उसी तरह इनको हिन्दू भाइयों के लिए कावड़ तैयार करने से सबब मिलने का अहसास होता है. भगवान किसी धर्म से बंधे नहीं होते आस्था दिल से पैदा होती है.

Intro:स्लग- आस्था की कॉवड बनाने मे जूटा मुस्लिम परिवार

एंकर- सावन का पवित्र महीना 17 जुलाई से शुरू होने वाला है यह महीना हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ होता है इस महीने में हिंदू समुदाय के लोग विशेष रूप से भगवान शंकर की आराधना पूजा-अर्चना करते है और हरिद्वार से गंगाजल लेकर कावड़ में हिंदू अपने अपने गंतव्य को निकलते हैं और शिवा लो मैं पहुंचकर कर भगवान के शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करते हैं जहां हिंदुओं की आस्था से जुड़ी हुई कावड़ होती है वही एक मुस्लिम परिवार ने इस कावड़ को अपनी जीविका का साधन बनाया Body: बता दें लकसर के बहादरपुर खादर गांव में एक मुस्लिम परिवार पिछले कई वर्षो से कॉवड बनाने का कार्य करता आ रहा है । इस बार भी ये परिवार जोर शोर से कांवड बनाने में लगा हुआ है जब हमने इस मुस्लिम परिवार से मुलाकात की तो उसने बताया कि हम इस कार्य को पिछले कई वर्षो से कर रहे है इससे हमे अच्छा मुनाफा मिल जाता है जिससे हमारे परिवार का गुजारा अच्छे से चल जाता है हम अपने पूरे परिवार के साथ कावड बनाने के कार्य मे जूट गये है हम पहले कांवड अपने घर बनाते है और फिर सावन के महीने मे इन्हे हरिद्वार मे बेचते है हरिद्वार मे देश के कोने कोने से आने वाले लोग इन्हे खरीदकर यहां से गंगाजल भरकर निकल जाते है और हमे भी इस कार्य को करने मे अच्छी खासी आमदानी हो जाती है जिससे हमारे परिवार का गूजारा अच्छे से चल जाता है । Conclusion: जब हमने पूछा कि यह कार्य हिन्दुओ की आस्था से जूडा है तो परिवार के सदस्यो ने कहा कि भगवान किसी धर्म से बंधे नही होते आस्था दिल से पैदा होती है ।

बाईट-कय्यूम  अंसारी  बहादरपुर खादर

बाइट - कय्यूम का सहयोगी  

report - krishankant sharma
Last Updated : Jul 5, 2019, 6:58 PM IST
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