देहरादून: भारत माता का लाल सीडीएस जनरल बिपिन रावत आज पंचतत्व में विलीन हो गया. हरिद्वार में नागा सन्यासियों के सबसे बड़े श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज और साधु-संतों ने उन्हें श्रद्धांजलि ली. इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार शहीद जनरल सीडीएस बिपिन रावत का भव्य स्मारक बनाने की मांग की.
सीडीएस बिपिन रावत समेत कुन्नूर हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए सभी जवानों को श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े ने विशेष श्रद्वांजलि दी. साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए शांति यज्ञ भी किया गया. इस दौरान हरिगिरि महाराज ने कहा कि भगवान दिवंगत आत्माओं के परिजनों को ये दु:ख सहन करने की शक्ति दे.
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हरिगिरि महाराज ने कहा इस दु:ख की घड़ी में पूरा संत समाज और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दिवंगत शहीदों के परिजनों साथ खड़ा है. अमर शहीद जनरल बिपिन रावत उत्तरखंड के अनमोल रत्न थे, जिन्होने अपनी चमक से पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन कर दिया. उनके असमय निधन से पूरे राष्ट्र को शोक के सागर में डूबो दिया है. यह ऐसी क्षति है जिससे उबरने में काफी समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि जूना अखाड़ा और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, उत्तराखंड सरकार से मांग करता है कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिर स्थायी बनाये रखने के लिए प्रदेश में उनका एक भव्य स्मारक बनाया जाए. यदि सरकार अखाड़ा परिषद को भूमि उपलब्ध कराती है तो अखाड़ा परिषद समस्त अखाड़ों और साधु-संतों के सहयोग से भव्य स्मारक बनाएगी. श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा अखाड़ा परिषद केन्द्र सरकार से मांग करती है कि इस दुर्घटना में शहीद हुए सैन्यकर्मियों के परिजनों को 50 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले थे.