हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में 2021 में होने वाले कुंभ को लेकर 13 अखाड़ों में से सबसे बड़े जूना अखाड़े के साधु-संतों ने एक अहम बैठक की. इस मौके पर देश-विदेश से आए साधु-संतों के बीच आगामी कुंभ को लेकर कई अहम प्रस्ताव पर चर्चा हुई. साधु-संतों का कहना है कि प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर हरिद्वार में होने महाकुंभ के लिए भी सरकार को तैयारियां तेज करनी चाहिए. साथ ही हरिद्वार एनएच जो खस्ताहाल बना हुआ है. उसकी मरम्मत का कार्य भी जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए.
जूना अखाड़े के प्रवक्ता महंत नारायण गिरी महाराज का कहना है कि दशनाम जूना अखाड़े के देश विदेश में जितने भी संत हैं. उनके द्वारा 2021 के कुंभ को लेकर हरी गिरी महाराज की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में 2021 कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर मंथन किया गया. उन्होंने कहा कि इस विषय में जल्द ही अखाड़ा परिषद के महामंत्री उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करेंगे और उनको अवगत कराएंगे कि कुंभ को लेकर जितने भी कार्य अधूरे पड़े हैं. उनको जल्द से जल्द पूरा करवा लिया जाए. उनकी मांग है कि जिस तरह है प्रयागराज कुंभ की व्यवस्था की गई थी ठीक उसी तरह से हरिद्वार कुंभ के लिए भी व्यवस्थाएं बनाई जाएं. क्योंकि विश्व पटल पर हरिद्वार हिंदुओं का सबसे महान तीर्थ स्थान है और यहां आने वाले हर तीर्थयात्री को अच्छी व्यवस्थाएं मिलनी चाहिए.
महंत हरि गिरी का कहना है कि हरिद्वार में सबसे ज्यादा परेशानी का सबब नेशनल हाई-वे बना हुआ है. इसे लेकर संत समाज भी काफी आक्रोश है.उन्होंने कहा कि हरिद्वार में सबसे ज्यादा ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है. ऐसे में जिस तरह कि यातायात व्यवस्था इलाहाबाद कुंभ में बनाई गई थी. उसी तर्ज पर हरिद्वार कुंभ के लिए भी रोड मैप बनाया जाया. साथ ही कांवड़ के समय जो नहर किनारे की रोड को वैकल्पिक रूप से खोला जाता है. उसे भी हाई-वे में जोड़ देना चाहिए. इससे हरिद्वार की आधी ट्रैफिक की समस्या दूर हो जाएगी. महंत हरि गिरी ने कहा कि चुनाव संपन्न होने के बाद वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करके अपने प्रस्ताव को उनके समक्ष रखेंगे और जल्द से जल्द हरिद्वार कुंभ के लिए भी व्यवस्थाएं बनाने का आग्रह करेंगे.
बहरहाल, हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ 2021 को लिए कुछ ही समय शेष बचा है. ऐसे में संत समाज कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर चितिंत है. वहीं, हरिद्वार में होने वाले कुंभ के लिए सरकार और प्रशासन के पास क्या रोड मैप है. यह तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिर इतना जरूर है कि कुंभ व्यवस्थाओं को लेकर अभी से संत समाज मुखर हो गया है.