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ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का ARTO कार्यालय में छापा, दलालों के जाल में फंसे मिले अधिकारी-कर्मचारी - रुड़की न्यूज

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल को काफी दिनों से रुड़की एआरटीओ कार्यालय में दलालों के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी. जिसके आधार पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने एआरटीओ कार्यालय में छापा मारा.

ARTO कार्यालय में छापा
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Published : Oct 12, 2019, 9:37 PM IST

रुड़की: परिवहन विभाग मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टॉरलेस की नीति को किस तरह पलीता लगा रहा है इसका एक उदाहरण रुड़की एआरटीओ कार्यालय में देखने को मिला. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने लोगों से मिल रही शिकातय पर जब एआरटीओ कार्यालय में छापा मारा तो पता चला कि यहां बड़े स्तर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. साथ ही किस तरह से कार्यालय में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक दलालों के जाल में फंसे हुए हैं.

दरअसल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को काफी दिनों से शिकायतें मिल रही थी कि एआरटीओ कार्यालय में सक्रिय दलाल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं. लाइसेंस ऑनलाइन अप्लाई नहीं हो रहे हैं. एआरटीओ कार्यालय उन्हीं आवेदनों को स्वीकार करता हैं जो सीधा एजेंट के जरिए भेजे जाते हैं. इतना ही नहीं एजेंट एक लाइसेंस बनवाने के नाम पर 3 से 5 हज़ार रुपए वसूल रहे हैं.

पढ़ें- हत्याकांड: आरोपी पति चढ़ा पुलिस के हत्थे, वारदात को अंजाम देने बाद हो गया था फरार

इन तरह की सभी शिकायतों का संज्ञान लेने के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट खंडेलवाल ने एआरटीओ कार्यालय में छापेमारी की. इस दौरान एआरटीओ कार्यालय में मौजूद दलालों की जेब से भारी-भरकम रकम और लाइसेंस धारकों के आई कार्ड भी बरामद हुए. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने एआरटीओ कार्यालय के दस्तावेजों की भी जांच की. जिसमें काफी कमियां पाई गईं. इस पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को फटकार भी लगाई.

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट खंडेलवाल ने बताया कि उन्होंने एआरटीओ कार्यालय के बाहर खुली कई दिकानों को सील किया है, जहां दलालों के जरिए काम होता है. इसके अलावा जांच के दौरान कार्यालय में कई अनियमिताएं भी पाई गई जिनकी विस्तार के जांच की जाएगी.

पढ़ें- CM के विधानसभा क्षेत्र में बंदरों का आतंक, महंगे इलाज के मजबूर ग्रामीण

कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में एआरटीओ रुड़की ज्योति शंकर मिश्रा ने कहा कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को कुछ खामियां मिली हैं, लेकिन वो सिस्टम की है. फाइलों में कोई गड़बड़ नहीं है, कुछ आशाकाएं हैं, जिसके दूर करने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट फाइल लेकर गई हैं. अध्यन करने के यदि कोई कमी बताई जाएगी तो उसको दूर किया जाएगा.

रुड़की: परिवहन विभाग मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टॉरलेस की नीति को किस तरह पलीता लगा रहा है इसका एक उदाहरण रुड़की एआरटीओ कार्यालय में देखने को मिला. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने लोगों से मिल रही शिकातय पर जब एआरटीओ कार्यालय में छापा मारा तो पता चला कि यहां बड़े स्तर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. साथ ही किस तरह से कार्यालय में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक दलालों के जाल में फंसे हुए हैं.

दरअसल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को काफी दिनों से शिकायतें मिल रही थी कि एआरटीओ कार्यालय में सक्रिय दलाल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं. लाइसेंस ऑनलाइन अप्लाई नहीं हो रहे हैं. एआरटीओ कार्यालय उन्हीं आवेदनों को स्वीकार करता हैं जो सीधा एजेंट के जरिए भेजे जाते हैं. इतना ही नहीं एजेंट एक लाइसेंस बनवाने के नाम पर 3 से 5 हज़ार रुपए वसूल रहे हैं.

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इन तरह की सभी शिकायतों का संज्ञान लेने के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट खंडेलवाल ने एआरटीओ कार्यालय में छापेमारी की. इस दौरान एआरटीओ कार्यालय में मौजूद दलालों की जेब से भारी-भरकम रकम और लाइसेंस धारकों के आई कार्ड भी बरामद हुए. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने एआरटीओ कार्यालय के दस्तावेजों की भी जांच की. जिसमें काफी कमियां पाई गईं. इस पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को फटकार भी लगाई.

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट खंडेलवाल ने बताया कि उन्होंने एआरटीओ कार्यालय के बाहर खुली कई दिकानों को सील किया है, जहां दलालों के जरिए काम होता है. इसके अलावा जांच के दौरान कार्यालय में कई अनियमिताएं भी पाई गई जिनकी विस्तार के जांच की जाएगी.

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कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में एआरटीओ रुड़की ज्योति शंकर मिश्रा ने कहा कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को कुछ खामियां मिली हैं, लेकिन वो सिस्टम की है. फाइलों में कोई गड़बड़ नहीं है, कुछ आशाकाएं हैं, जिसके दूर करने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट फाइल लेकर गई हैं. अध्यन करने के यदि कोई कमी बताई जाएगी तो उसको दूर किया जाएगा.

Intro:रूडकी

रुड़की हरिद्वार रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय मैं लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने निकल कर सामने आ रहे हैं। एआरटीओ कार्यालय अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक दलालों के जाल में पूरी तरीके से फंसे हुए हैं। लाइसेंस बनवाने के नाम पर एआरटीओ कार्यालय में सक्रिय दलाल मोटी मोटी रकम लोगों से वसूल रहे हैं। ऐसी ही शिकायत पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की के द्वारा छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया गया जिससे एआरटीओ कार्यालय और दलालों में हड़कंप मचा रहा।

Body:
बता दें कि रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल को कुछ लोगों द्वारा शिकायत की गई कि लाइसेंस ऑनलाइन अप्लाई नहीं हो रहे हैं जबकि सीधा एजेंट के थ्रू कार्यालय में आवेदन करते हैं तो आवेदन स्वीकार कर लिए जाते हैं। एआरटीओ कार्यालय में तैनात कर्मचारी और दलाल आपसी सांठगांठ से लाइसेंस बनवाने के नाम पर 3 से ₹5 हज़ार रुपये वसूल रहे हैं। शिकायत का संज्ञान लेते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की नितिका खंडेलवाल के द्वारा छापा मार कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जिसमें मौके पर एआरटीओ कार्यालय में दलाल की जेब से भारी-भरकम रकम बरामद हुई साथ ही लाइसेंस धारकों के आई कार्ड भी बरामद हुए। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की के द्वारा एआरटीओ कार्यालय के दस्तावेजों का भी अवलोकन किया गया जिसमें काफी खामियां सामने आयी। जिस पर मौके पर मौजूद अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई गई।


Conclusion:बता दें यह पहला मामला नहीं है जब रुड़की एआरटीओ कार्यालय में दलालों और एआरटीओ कार्यालय के अधिकारी कर्मचारियों की सांठगांठ से लाइसेंस धारकों को लूटने का काम न किया गया हो लगातार ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। लाइसेंस बनवाने के लिए जो लोग एआरटीओ कार्यालय पहुंचते हैं अगर वह सरकारी कर्मचारियों या दलालों को सुविधा शुल्क नही देते है या मनमानी फीस नहीं देते हैं तो लगातार लाइसेंस धारकों को चक्कर कटवाने का काम एआरटीओ कार्यालय रुड़की करता है। जिसके बाद लाइसेंस धारक परेशान होकर दलाल के पास जा पहुंचता है जिसके बाद मोटी रकम लेकर दलाल तुरंत उसका काम कर देता है।

बाइट - नितिका खंडेलवाल (ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की)
बाइट - ज्योति शंकर मिश्रा (एआरटीओ रूड़की)
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