रुड़की: वार्षिक गंगनहर बंदी के दौरान खनन माफिया ने अपनी तिजोरियां भरनी शुरू कर दिया है. रात के अंधेरे में खनन का काला कारोबार खूब धड़ल्ले से किया जा रहा है. दरअसल, वार्षिक गंगनहर बंदी के दौरान मरम्मत और साफ सफाई का कार्य किया जाता है. लेकिन इसी का फायदा उठाकर खनन माफिया गंगनहर से रेत निकालकर खूब धन बटोरने में लगे हैं. मामले में रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का साफ कहना है कि क्षेत्रीय पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वह ऐसी गतिविधियों पर नजर बनाए रखे और अवैध कार्यों में लिप्त लोगों पर कार्रवाई करें.
बता दें कि गंगनहर को हर साल साफ सफाई के लिए दशहरा से लेकर दीपावली तक बन्द किया जाता है. लेकिन नहर में साफ सफाई के बजाय खनन का खेल चल रहा है. हरिद्वार से लेकर नारसन बॉर्डर तक करीब 40 किलोमीटर गंगनहर यूपी और उत्तराखंड सिंचाई विभाग की देख-रेख में करोड़ों की लागत से सफाई की जाती है. वहीं, नहर से ग्रामीण और खनन माफिया भारी मात्रा में खनन कर अपनी जेबें भरने में लगें है, जोकि प्रतिबंधित है. जिससे विभागों को राजस्व का नुकसान झेलना पड़ता है.
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वहीं, रुड़की ज्वांइट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल का कहना है कि गंगनहर में खनन की कोई अनुमति नहीं दी जाती है, वो सिर्फ साफ सफाई के लिए बन्द की जाती है. फिलहाल सम्बंधित विभाग से बातचीत की जाएगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही क्षेत्रीय पुलिस को भी निर्देशित किया गया है कि वो ऐसी गतिविधियों पर नजर बनाए रखे, जो अवैध कार्यों में लिप्त है. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.