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CORONA: IIT रुड़की ने 45 रुपये में बना दी फेस शील्ड, AIIMS में हो रहा इस्तेमाल

एक ओर जहां डॉक्टर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर आईआईटी रुड़की उनकी सुरक्षा के लिए नए-नए अविष्कार कर रहा है.

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IIT रुड़की ने बनाया फेस शील्ड
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Published : Apr 3, 2020, 8:57 PM IST

Updated : Apr 4, 2020, 3:21 PM IST

रुड़की: आईआईटी रुड़की ने एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों के लिए कम लागत में फेस शील्ड विकसित की है. 3D प्रिटिंग के जरिए तैयार इस फेस शील्ड के जरिए डॉक्टर्स कोविड-19 से लड़ सकेंगे. आइसोलेशन वॉर्ड में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अन्य सुरक्षा उपकरणों के साथ ही इस शील्ड का उपयोग किया जा सकता है. फेस शील्ड का डिजाइन स्पेक्टेकल के प्रकार का है. इस शील्ड को बदलना बहुत आसान है, क्योंकि ट्रांसपैरेंट शीट उपयोग में आने वाली फ्रेम से बंधी नहीं होती है. शीट की लागत केवल 5 रुपए है और प्रति शील्ड के निर्माण की लागत 45 रुपए है. बड़े स्तर पर निर्माण करने पर प्रति शील्ड लागत केवल 25 रुपये आएगी.

IIT रुड़की ने 45 रुपये में बना दी फेस शील्ड.

एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि फ्रंटलाइन हेल्थकेयर पेशेवरों की सुरक्षा के लिए फेस शील्ड विकसित करने के इस सराहनीय काम के लिए आईआईटी रुड़की को बधाई देना चाहूंगा. मुझे पूरा विश्वास है कि यह फेस शील्ड ना केवल हमारे संस्थान के बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी साबित होगा.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन इफेक्ट: चिड़ियाघर के जानवर इन दिनों हैं उदास, इंसानों को कर रहे 'मिस'

आईआईटी रुड़की के टिंकरिंग लैब समन्वयक प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि यह फेस शील्ड उन सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए हमारी ओर से एक छोटी-सी भेंट है, जो मानवजाति के कल्याण के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत चतुर्वेदी ने कहा कि हम कोविड-19 रोगियों की देखभाल में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और उनके अथक प्रयासों की सराहना करते हैं. मुझे यकीन है कि यह फेस शील्ड बीमारी फैलने के जोखिम को कम करेगा.

रुड़की: आईआईटी रुड़की ने एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों के लिए कम लागत में फेस शील्ड विकसित की है. 3D प्रिटिंग के जरिए तैयार इस फेस शील्ड के जरिए डॉक्टर्स कोविड-19 से लड़ सकेंगे. आइसोलेशन वॉर्ड में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अन्य सुरक्षा उपकरणों के साथ ही इस शील्ड का उपयोग किया जा सकता है. फेस शील्ड का डिजाइन स्पेक्टेकल के प्रकार का है. इस शील्ड को बदलना बहुत आसान है, क्योंकि ट्रांसपैरेंट शीट उपयोग में आने वाली फ्रेम से बंधी नहीं होती है. शीट की लागत केवल 5 रुपए है और प्रति शील्ड के निर्माण की लागत 45 रुपए है. बड़े स्तर पर निर्माण करने पर प्रति शील्ड लागत केवल 25 रुपये आएगी.

IIT रुड़की ने 45 रुपये में बना दी फेस शील्ड.

एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि फ्रंटलाइन हेल्थकेयर पेशेवरों की सुरक्षा के लिए फेस शील्ड विकसित करने के इस सराहनीय काम के लिए आईआईटी रुड़की को बधाई देना चाहूंगा. मुझे पूरा विश्वास है कि यह फेस शील्ड ना केवल हमारे संस्थान के बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी साबित होगा.

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आईआईटी रुड़की के टिंकरिंग लैब समन्वयक प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि यह फेस शील्ड उन सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए हमारी ओर से एक छोटी-सी भेंट है, जो मानवजाति के कल्याण के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत चतुर्वेदी ने कहा कि हम कोविड-19 रोगियों की देखभाल में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और उनके अथक प्रयासों की सराहना करते हैं. मुझे यकीन है कि यह फेस शील्ड बीमारी फैलने के जोखिम को कम करेगा.

Last Updated : Apr 4, 2020, 3:21 PM IST
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