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IIT रुड़की का कमाल: देश की सुरक्षा के लिए बनाया ये डिवाइस, पल भर में पकड़ा जाएगा 'दुश्मन'

आईआईटी रुड़की वैज्ञानिकों ने विस्फोटकों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला फ्लोरोसेंट ऑप्टिकल सेंसर विकसित किया है, ये सेंसर अत्यधिक संवेदनशील और चयनात्मक आर्थिक रूप से व्यवहारिक डिटेक्टर है. जो विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने में सक्षम है.

IIT रुड़की का कमाल.
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Published : Jun 12, 2019, 3:25 PM IST

रुड़की: आईआईटी रुड़की विश्व भर में अपने नए-नए शोध करने को लेकर हमेशा ही चर्चाओं में रहता है. इस बार भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और छात्रों ने मिलकर एक ऑप्टिकल सेंसर विकसित किया है, जो भीड़-भाड़ वाले इलाके में विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने में सक्षम है. जो देश की सुरक्षा में एक बेहतर विकल्प बन सकता है.

IIT रुड़की का कमाल.

आईआईटी वैज्ञानिकों ने विस्फोटकों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला फ्लोरोसेंट ऑप्टिकल सेंसर विकसित किया है, ये सेंसर अत्यधिक संवेदनशील और चयनात्मक आर्थिक रूप से व्यवहारिक डिटेक्टर है. जो विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने में सक्षम है.

बता दें कि आईआईटी रुड़की के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और शोधकर्ता छात्रों ने मिलकर एक ऐसे सेंसर की खोज की है, जो डिटेक्टर की तरह काम करेगा. साथ ही इसका प्रयोग ज्यादा भीड़ और संकरी गलियों में भी किया जा सकेगा. बड़े-बड़े मॉल, कॉम्प्लेक्स, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट, और धार्मिक स्थलों पर इसका इस्तेमाल बड़ी आसानी और सुविधाजनक तरीकों से किया जा सकता है.

रुड़की आईआईटी के प्रोफेसर सौमित्र सतपथी ने बताया कि इसका सबसे ज्यादा फायदा रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के लिए होगा. इस सेंसर को लेकर उनके साथ कोलोब्रेशन किया जाएगा. वहीं, शोधकर्ता छात्रों का कहना है कि इस पर काफी लंबे समय से शोध किया जा रहा था. जल्द ही ये सेंसर बाजारों में भी आसानी से उपलब्ध होगा और सुरक्षा के लिहाज से फायदे मंद साबित होगा.

रुड़की: आईआईटी रुड़की विश्व भर में अपने नए-नए शोध करने को लेकर हमेशा ही चर्चाओं में रहता है. इस बार भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और छात्रों ने मिलकर एक ऑप्टिकल सेंसर विकसित किया है, जो भीड़-भाड़ वाले इलाके में विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने में सक्षम है. जो देश की सुरक्षा में एक बेहतर विकल्प बन सकता है.

IIT रुड़की का कमाल.

आईआईटी वैज्ञानिकों ने विस्फोटकों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला फ्लोरोसेंट ऑप्टिकल सेंसर विकसित किया है, ये सेंसर अत्यधिक संवेदनशील और चयनात्मक आर्थिक रूप से व्यवहारिक डिटेक्टर है. जो विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने में सक्षम है.

बता दें कि आईआईटी रुड़की के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और शोधकर्ता छात्रों ने मिलकर एक ऐसे सेंसर की खोज की है, जो डिटेक्टर की तरह काम करेगा. साथ ही इसका प्रयोग ज्यादा भीड़ और संकरी गलियों में भी किया जा सकेगा. बड़े-बड़े मॉल, कॉम्प्लेक्स, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट, और धार्मिक स्थलों पर इसका इस्तेमाल बड़ी आसानी और सुविधाजनक तरीकों से किया जा सकता है.

रुड़की आईआईटी के प्रोफेसर सौमित्र सतपथी ने बताया कि इसका सबसे ज्यादा फायदा रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के लिए होगा. इस सेंसर को लेकर उनके साथ कोलोब्रेशन किया जाएगा. वहीं, शोधकर्ता छात्रों का कहना है कि इस पर काफी लंबे समय से शोध किया जा रहा था. जल्द ही ये सेंसर बाजारों में भी आसानी से उपलब्ध होगा और सुरक्षा के लिहाज से फायदे मंद साबित होगा.

Intro:
विसुअल और बाइट मेल से भेज रहा हु

रुड़की

स्लग- रुड़की आईआईटी ने किया ऑप्टिकल सेंसर विकसित

एंकर- रुड़की आईआईटी विश्व भर में अपनी नई नई शोध करने को लेकर हमेशा ही चर्चाओं में रहता है इस बार आईआईटी के डिपार्टमेंट भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर और छात्रों ने मिलकर ऐसा सेंसर विकसित किया है जो कि आम जन के साथ साथ देश की सुरक्षा में भी एक बेहतर विकल्प बन सकता है


Body:वीओ- गौरतलब है कि इस बार आईआईटी रुड़की के भौतिक विज्ञान विभाग सुर्खियों में है आईआईटी के वैज्ञानिकों ने विस्फोटको का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाले फ्लोरोसेंट ऑप्टिकल सेंसर विकसित किया है जोकि एक अत्यधिक संवेदनशील और चयनात्मक आर्थिक रूप से व्यवहारिक डिटेक्टर है आपको बता दें कि आईआईटी रुड़की के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर और शोधकर्ता छात्रों ने मिलकर एक ऐसे सेंसर की खोज की है जोकि डिटेक्टर की तरह काम करेगा साथ ही इसका प्रयोग ज्यादा भीड भाड़ और संकरी गलियों में भी किया जा सकेगा जैसे कि भीड़ भाड़ वाले इलाके बड़े बड़े मॉल, कॉम्प्लेक्स, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड,एयरपोर्ट,बड़े बड़े धार्मिक स्थलों पर इसका इस्तेमाल बड़ी आसानी और सुविधाजनक तरीको से किया जा सकता है और ये बहुत ही लाभदायक हो सकता है रुड़की आईआईटी के प्रोफेसर सौमित्र सतपथी ने बताया कि सबसे ज्यादा फायदा रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के लिए होगा इसलिए इस सेंसर को लेकर उनके साथ कोलोब्रेशन किया जाएगा शोधकर्ता छात्रों का कहना है कि इस पर काफी लंबे समय से शोध किया जा रहा है और जल्द ये सेंसर बाजारों में भी आसानी से उपलब्ध होगा और सुरक्षा के लिहाज से फायदेमंद साबित होगा

बाइट-विशाल-शोधकर्ता छात्र आईआईटी रुड़की

बाइट- प्रोफेसर-सौमित्र सतपथी-वैज्ञानिक आईआईटी रुड़की


Conclusion:1
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