हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार की कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में रहने वाली चार माह की गर्भवती महिला को तलाक देने का मामला सामने आया है. इस मामले में ज्वालापुर पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है. हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि महिला ने अपनी किडनी नहीं दी, तो पेशे से वकील पति ने महिला को तीन तलाक दिया है. इसके साथ ही महिला ने पति पर दूसरा निकाह करने का आरोप लगाया है.
मोहल्ला पांवधोई निवासी पीड़ित महिला ने शिकायत देकर बताया कि वह मूल रूप से खाता खेडी सहारनपुर मंडी की रहने वाली है. साल 2013 में उसकी मुलाकात रानीपुर निवासी दिलशाद से हुई थी. 26 दिसंबर, 2016 में दोनों ने निकाह किया था. पति दिलशाद ने उसे अलग ज्वालापुर के पांवधोई में किराये के कमरे में रखा था. पीड़ित महिला का कहना है कि उसके पति को दूसरी शादी करनी थी, जो पैसे वाली हो, लेकिन वो गरीब परिवार से है.
पीड़ित महिला ने बताया कि दिलशाद ने उससे निकाह इसलिए किया. क्योंकि, उनकी बहन को किडनी की जरूरत थी. निकाह के बाद वो अपने पति के साथ चंडीगढ़ किडनी डोनेट करने भी गई, लेकिन डॉक्टर के कहने पर उनसे अपनी किडनी नहीं दी. तब से दिलशाद उसे किराए के मकान में रख रहा था. महिला ने बताया कि 16 जनवरी को कई लोगों के सामने पति दिलशाद ने तीन बार तलाक बोलकर छोड़ दिया. महिला ने पुलिस को बताया कि वह चार माह की गभर्वती है.
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इस मामले पर हरिद्वार एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय का कहना है कि महिला की शिकायत पर ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. 498A आईपीसी और मुस्लिम महिला अधिनियम 2019 के कानून के तहत इस मामले में पुलिस की ओर से जांच की जा रही है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.