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अब रिहायशी इलाकों में नहीं आएंगे गजराज, मानव हाथी संघर्ष रोकने वाली टीम का हुआ गठन - मानव हाथी संघर्ष टीम गठित

Human elephant conflict control team formed in Haridwar हरिद्वार के रिहायशी इलाकों में अब जंगली हाथी नहीं आएंगे. वन विभाग ने मानव हाथी संघर्ष रोकने के लिए टीम का गठन किया है. ये टीम 24 घंटे प्रमुख रास्तों पर पहरा देगी. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 19, 2024, 3:44 PM IST

हरिद्वार: शहरी और ग्रामीण रिहायशी इलाकों में जंगली हाथियों के आने से लोगों में दहशत बनी हुई है. लोग वन विभाग से हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने की लगातार मांग कर रहे हैं. जिससे वन विभाग ने अब मानव हाथी संघर्ष नियंत्रण टीम का गठन किया है. जिसमें वन दरोगा गजेंद्र सिंह को मानव हाथी संघर्ष नियंत्रण टीम का प्रभारी बनाया गया है. साथ ही जंगली हाथियों के आबादी क्षेत्र में आने वाले दो प्रमुख रास्तों पर भी वन विभाग की गश्ती टीम का पहरा 24 घंटे रहेगा.

वन प्रभाग ने जंगली हाथियों के आबादी क्षेत्र में आने वाले दो प्रमुख रास्ते मातृ सदन के पास और निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के पास गश्ती टीम का पहरा 24 घंटे कर दिया है, ताकि इन रास्तों से हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोका जा सके. वहीं, हरिद्वार वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि आबादी वाले क्षेत्र में हाथियों के आवागमन को कम करने के लिए मानव हाथी संघर्ष नियंत्रण टीम का गठन किया गया है. टीम का प्रभारी गजेंद्र सिंह को बनाया गया है. यह टीम हाथियों के आवागमन पर हर समय अपनी नजर रखेगी और हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने का काम करेगी.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार के जगजीतपुर क्षेत्र में फिर दिखाई दिया हाथियों का झुंड, वायरल हुआ वीडियो

टीम के लिए की गई है इक्विपमेंट की मांग: शैलेंद्र नेगी ने बताया कि टीम की आवश्यकता अनुसार अभी इक्विपमेंट की कमी है. एक अच्छी टॉर्च और ब्लैंक कारतूस ही इस टीम के पास हैं. हमने कई और इक्विपमेंट की उच्च अधिकारियों से मांग की है जो कि हमें उम्मीद है, जल्द ही प्राप्त हो जाएंगे. जिससे हम आने वाले समय में हाथियों को रियाशी इलाकों में आने से रोक पाएंगे.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के तराई पूर्वी वन क्षेत्र में बाघ और हाथी की मौत से हड़कंप, जांच में जुटा विभाग

हरिद्वार: शहरी और ग्रामीण रिहायशी इलाकों में जंगली हाथियों के आने से लोगों में दहशत बनी हुई है. लोग वन विभाग से हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने की लगातार मांग कर रहे हैं. जिससे वन विभाग ने अब मानव हाथी संघर्ष नियंत्रण टीम का गठन किया है. जिसमें वन दरोगा गजेंद्र सिंह को मानव हाथी संघर्ष नियंत्रण टीम का प्रभारी बनाया गया है. साथ ही जंगली हाथियों के आबादी क्षेत्र में आने वाले दो प्रमुख रास्तों पर भी वन विभाग की गश्ती टीम का पहरा 24 घंटे रहेगा.

वन प्रभाग ने जंगली हाथियों के आबादी क्षेत्र में आने वाले दो प्रमुख रास्ते मातृ सदन के पास और निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के पास गश्ती टीम का पहरा 24 घंटे कर दिया है, ताकि इन रास्तों से हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोका जा सके. वहीं, हरिद्वार वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि आबादी वाले क्षेत्र में हाथियों के आवागमन को कम करने के लिए मानव हाथी संघर्ष नियंत्रण टीम का गठन किया गया है. टीम का प्रभारी गजेंद्र सिंह को बनाया गया है. यह टीम हाथियों के आवागमन पर हर समय अपनी नजर रखेगी और हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने का काम करेगी.

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टीम के लिए की गई है इक्विपमेंट की मांग: शैलेंद्र नेगी ने बताया कि टीम की आवश्यकता अनुसार अभी इक्विपमेंट की कमी है. एक अच्छी टॉर्च और ब्लैंक कारतूस ही इस टीम के पास हैं. हमने कई और इक्विपमेंट की उच्च अधिकारियों से मांग की है जो कि हमें उम्मीद है, जल्द ही प्राप्त हो जाएंगे. जिससे हम आने वाले समय में हाथियों को रियाशी इलाकों में आने से रोक पाएंगे.
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