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हाईकोर्ट की टीम ने कुंभ निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण, सौंपेगी अनियमितताओं की रिपोर्ट - कोर्ट को सौंपेगी अनियमितताओं की रिपोर्ट

कुंभ कार्यों का निरीक्षण करने हाईकोर्ट की टीम हरिद्वार पहुंची. निरीक्षण के दौरान टीम को कई खामियां मिली.

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हाई कोर्ट की टीम ने किया कुंभ के निर्माण कार्यों का निरीक्षण
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Published : Mar 14, 2021, 1:36 PM IST

Updated : Mar 14, 2021, 7:50 PM IST

हरिद्वार: कुंभ मेले के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के लिए रविवार को हाईकोर्ट की टीम हरिद्वार पहुंची. इस दौरान टीम के साथ मेलाधिकारी दीपक रावत समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे. हाई कोर्ट की टीम ने हरकी पैड़ी और आसपास के क्षेत्रों में हुए कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान टीम को निर्माण कार्यों में कई अनियमितताएं देखने को मिली हैं. जिसकी रिपोर्ट टीम 23 मार्च को हाईकोर्ट में दाखिल करेगी.

हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी को कुंभ क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने पर शौचालयों की व्यवस्था ठीक नहीं मिली. इसके साथ ही खस्ताहाल सड़कें और पानी का सही कनेक्शन नहीं मिला. सीवर सहित कई कमियां देखने को मिलीं. वहीं, शहर के कई इलाकों में बिना मास्क के लोग घूमते नजर आए. निरीक्षण के दौरान चीफ स्टैंडिंग काउंसिल उत्तराखंड, सिविल जज सीनियर डिवीजन शिवानी पसबोला, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट, मेलाधिकारी दीपक रावत, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय मौजूद रहे.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ: सरकार की एसओपी का विरोध जारी, साधु-संतों ने CM तीरथ से की खारिज करने की मांग

हरिद्वार के याचिकाकर्ता सचिन डबराल द्वारा कोविड काल के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें कहा गया कि कुंभ के दौरान आने वाले करोड़ों से संक्रमण रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

जिसके बाद उच्च न्यायालय ने कुंभ की व्यवस्थाओं को भी पीआईएल में जोड़ दिया था. जिसके बाद मेला प्रशासन ने शपथ पत्र देकर हाईकोर्ट को संतुष्ट करने की कोशिश की थी कि कोरोना को लेकर तमाम व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने पुनः साक्ष्यों के साथ कोर्ट में काउंटर एफिडेविट रखते हुए बताया था कि हरिद्वार में कोविड की रोकथाम के न तो कोई पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और न ही कुंभ मेले से पहले शहर में होने वाले सड़क, बिजली व सीवर आदि के जरूरी कार्यों को ही पूरा किया गया है.

याचिकाकर्ता के साक्ष्यों की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश देते हुए एक विशेष टीम का गठन किया था. जो रविवार को हरिद्वार पहुंची. इस दौरान उसने भूपतवाला, खड़खड़ी, हर की पैड़ी, बैरागी कैंप, नीलधारा, चंडी टापू सहित उन तमाम इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया, जिसमें गड़बड़ी होने के आरोप याचिकाकर्ता ने लगाए थे. कमेटी अपनी रिपोर्ट 23 मार्च को कोर्ट में पेश करेगी और 24 मार्च को पूरे मामले में सुनवाई होगी.

हरिद्वार: कुंभ मेले के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के लिए रविवार को हाईकोर्ट की टीम हरिद्वार पहुंची. इस दौरान टीम के साथ मेलाधिकारी दीपक रावत समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे. हाई कोर्ट की टीम ने हरकी पैड़ी और आसपास के क्षेत्रों में हुए कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान टीम को निर्माण कार्यों में कई अनियमितताएं देखने को मिली हैं. जिसकी रिपोर्ट टीम 23 मार्च को हाईकोर्ट में दाखिल करेगी.

हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी को कुंभ क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने पर शौचालयों की व्यवस्था ठीक नहीं मिली. इसके साथ ही खस्ताहाल सड़कें और पानी का सही कनेक्शन नहीं मिला. सीवर सहित कई कमियां देखने को मिलीं. वहीं, शहर के कई इलाकों में बिना मास्क के लोग घूमते नजर आए. निरीक्षण के दौरान चीफ स्टैंडिंग काउंसिल उत्तराखंड, सिविल जज सीनियर डिवीजन शिवानी पसबोला, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट, मेलाधिकारी दीपक रावत, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय मौजूद रहे.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ: सरकार की एसओपी का विरोध जारी, साधु-संतों ने CM तीरथ से की खारिज करने की मांग

हरिद्वार के याचिकाकर्ता सचिन डबराल द्वारा कोविड काल के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें कहा गया कि कुंभ के दौरान आने वाले करोड़ों से संक्रमण रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

जिसके बाद उच्च न्यायालय ने कुंभ की व्यवस्थाओं को भी पीआईएल में जोड़ दिया था. जिसके बाद मेला प्रशासन ने शपथ पत्र देकर हाईकोर्ट को संतुष्ट करने की कोशिश की थी कि कोरोना को लेकर तमाम व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने पुनः साक्ष्यों के साथ कोर्ट में काउंटर एफिडेविट रखते हुए बताया था कि हरिद्वार में कोविड की रोकथाम के न तो कोई पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और न ही कुंभ मेले से पहले शहर में होने वाले सड़क, बिजली व सीवर आदि के जरूरी कार्यों को ही पूरा किया गया है.

याचिकाकर्ता के साक्ष्यों की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश देते हुए एक विशेष टीम का गठन किया था. जो रविवार को हरिद्वार पहुंची. इस दौरान उसने भूपतवाला, खड़खड़ी, हर की पैड़ी, बैरागी कैंप, नीलधारा, चंडी टापू सहित उन तमाम इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया, जिसमें गड़बड़ी होने के आरोप याचिकाकर्ता ने लगाए थे. कमेटी अपनी रिपोर्ट 23 मार्च को कोर्ट में पेश करेगी और 24 मार्च को पूरे मामले में सुनवाई होगी.

Last Updated : Mar 14, 2021, 7:50 PM IST
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