हरिद्वार: जिला स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को मिली एक शिकायत पर त्वरित रूप से कार्रवाई करते हुए मध्य हरिद्वार स्थित एक पॉलीक्लिनिक को सील कर दिया. बताया जा रहा है कि पॉलीक्लीनिक के संचालक ने अप्रैल में महाशय पॉलीक्लिनिक का रिन्यूअल स्वास्थ्य विभाग से नहीं कराया था. अब जब तक संचालक अपने पॉलीक्लिनिक का रिन्यूअल नहीं करा लेता, तब तक यह पॉलीक्लिनिक सील रहेगा. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से शहर के अन्य सेंटरों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है. उधर, रुड़की क्षेत्र में की गई छापेमारी के दौरान एक सेंटर पर ताला लगा मिला है.
सीएमओ हरिद्वार डॉक्टर कुमार खगेंद्र ने बताया की शिकायत मिली थी कि चंद्राचार्य चौक स्थित देवभूमि पॉलीक्लिनिक सेंटर ने बीते कुछ महीनों से अपने सेंटर का रिन्यूअल नहीं कराया है और सेंटर अवैध रूप से संचालित हो रहा है. इस शिकायत के आधार पर सीएमओ ने डॉ आरके सिंह के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग की टीम ने देवभूमि पॉलीक्लिनिक पर छापेमारी की तो इस दौरान वहां पर न तो किसी तरह के मानकों का पालन होता पाया गया. साथ ही सेंटर के संचालक ने अप्रैल माह से अपने पॉलीक्लिनिक का रिन्यूअल ही कराया था.
पढ़ें- केदारनाथ में घोड़ों की मौत: सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ HC, विस्तृत शपथ पत्र मांगा
सीएमओ डॉक्टर कुमार खगेंद्र ने बताया कि किसी भी पॉलीक्लिनिक या सेंटर को संचालित करने के कुछ नियम कायदे और कानून होते हैं. जिसके तहत सेंटर पर विशेष रूप से बोर्ड लगाना होता है कि यहां पर किसी तरह का भ्रूण लिंग परीक्षण नहीं होता. इसके अलावा कुछ अन्य मांगों का भी पालन करता होता है. लेकिन सेंटर पर ऐसा कुछ नहीं पाया गया.
वहीं, सेंटर का जो रिन्यूअल अप्रैल माह में हो जाना चाहिए था, वह अब तक नहीं कराया गया. जिसके बाद टीम ने फिलहाल सेंटर को सील कर दिया है. अब जब तक सेंटर का रिन्यूअल नहीं होगा तब तक इसकी सील नहीं खुलेगी. इसके अलावा सेंट्रआर का दोबारा रिन्यूअल कराने के लिए अब संचालक को दोबारा सभी टेस्ट क्लीयर करने होंगे.
पढ़ें- आखिरकार कैसे एक शिकायत ने बढ़ाई रामविलास यादव की मुश्किल, योगी ने लिया था पहले एक्शन
अप्रैल में भी किया था निरीक्षण: देवभूमि पॉलीक्लिनिक का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अप्रैल माह में भी निरीक्षण किया था. लेकिन उस दौरान सेंटर के संचालक ने यह कह दिया था कि हम अल्ट्रासाउंड मशीन पर काम नहीं कर रहे हैं. जब रिन्यूअल हो जाएगा, उसके बाद ही अल्ट्रासाउंड करने शुरू करेंगे. लेकिन इसके बावजूद वह धड़ल्ले से अब भी अल्ट्रासाउंड करते पाए गए.
नहीं लगे थे चेतावनी बोर्ड: मानकों के अनुसार किसी भी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अनिवार्य रूप से यह बोर्ड लगाना जरूरी है कि उनके यहां किसी भी तरह का भ्रूण लिंग परीक्षण नहीं होता. ताकि सेंटर पर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस बोर्ड को पढ़ सके. लेकिन देवभूमि पॉलीक्लिनिक में नियम कानून ताक पर रख इस तरह का कोई चेतावनी बोर्ड ही नहीं लगाया गया था.
रुड़की में बंद मिला सेंटर: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हरिद्वार के बाद रुड़की स्थित पंचम डायग्नोस्टिक सेंटर पर भी छापेमारी की. इस दौरान सेंटर पर ताला लगा मिला. वहीं, फोन करने पर पता चला कि सेंटर संचालक कोर्ट गए हुए हैं. उन्हें 2 दिन के भीतर सीएमओ कार्यालय उपस्थित होने के लिए कहा गया है.