लक्सरः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को हरिद्वार के बाढ़ प्रभावित इलाके लक्सर व उसके आस-पास के क्षेत्रों का दौरा किया. हरीश रावत ने लक्सर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की और राज्य सरकार से तुरंत जल निकासी के प्रबंध करने की मांग की. इसके बाद हरीश रावत खानपुर विधानसभा पहुंचे, जहां उन्होंने खानपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. पूर्व सीएम ने साउथ सिविल लाइन में हुए जलभराव के बीच प्रशासन की लचर व्यवस्था के खिलाफ जलतप किया.
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#खानपुर_विधानसभा के साऊथ सिविल लाईन में हुए #जलभराव के बीच प्रशासन के लचर व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेसजनों के साथ #जलतप किया।#बाढ़_प्रभावित #DMHaridwar #uttarakhand@pushkardhami @INCIndia @INCUttarakhand @RahulGandhi @priyankagandhi pic.twitter.com/vOSdPmQx86
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लक्सर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर निकले हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस समय लक्सर क्षेत्र में हालात बेहद चिंताजनक हैं. चारों तरफ जलभराव की स्थिति बनी हुई है. चारों तरफ काफी दुर्गंध आ रही है, जिससे आने वाले समय में बीमारियां फैलने का खतरा भी बन गया है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार सबसे पहले जल निकासी की व्यवस्था करे, ताकि लोगों को थोड़ी राहत मिल सके.
हरीश रावत ने कहा कि इस भीषण बाढ़ से लक्सर ही नहीं, रुड़की क्षेत्र में भी भयंकर तबाही हुई है. उन्होंने सरकार से तुरंत बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक सहायता की व्यवस्था करने की मांग की. हरीश रावत ने आरोप लगाया कि बरसात से पहले तटबंध की मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया था. मरम्मत न होने से तटबंध टूट गए जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा. हरीश रावत ने कहा कि जब वह सत्ता में थे तब समय-समय पर तटबंध का निरीक्षण कर उनकी मरम्मत करवाते थे, लेकिन वर्तमान सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया.
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हरीश रावत ने सरकार से नई नीति के तहत लोगों को मुआवजा देने की मांग की और कहा कि उन्होंने साल 2014 में मुआवजा नीति बनाई थी, उसमें अब परिवर्तन होना चाहिए. क्योंकि साल 2014 और वर्तमान के दौर में काफी कुछ बदल गया है. बस वह केवल यह मांग करते हैं कि सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष से भी बाढ़ पीड़ितों की आर्थिक सहायता करें, ताकि लोगों को थोड़ी राहत तो मिल सके.