हरिद्वार: विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर थैले बेचकर अपना गुजारा करने वाली संतोषी देवी का निधन हो गया है. संतोषी देवी ने आज सुबह अपनी अंतिम सांस ली. हरिद्वार पुलिस ने खड़खड़ी श्मशान घाट उनका अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से किया.
उन्होंने जीवन के आखिरी पड़ाव में वृद्धावस्था पेंशन की मांग की थी, जो आखिर तक अधूरी ही रही. बता दें संतोषी देवी से पिछले साल हरिद्वार के जिलाधिकारी और कुंभ मेला अधिकारी रहे दीपक रावत ने भी पेंशन लगवाने का वादा किया था. लेकिन, संतोषी देवी के उत्तर प्रदेश निवासी होने की वजह से यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी.
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आज उनके निधन की खबर सुनकर दीपक रावत भी काफी भावुक हो गये. उन्होंने कहा मुझे इस बात का दुख रहेगा कि मैं उनकी पेंशन नहीं दिलवा पाया, भगवान उनकी आत्मा को शांति दें. संतोषी देवी हरकी पैड़ी पर थैले बेचकर अपना जीवन यापन करती थी. वह हरिद्वार के रैन बसेरे में ही रहती थी. संतोषी देवी का इस दुनिया में कोई नहीं था. उम्र के आखिरी पड़ाव में उनका चलना फिरना भी बहुत मुश्किल हो गया था, जिस कारण वह वृद्धा पेंशन की मांग कर रही थी.