हरिद्वार: छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई धर्म संसद में कालीचरण द्वारा महात्मा गांधी के संबंध में दिए गए बयान के बाद देश भर में बवाल मचा हुआ है. हेट स्पीच को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. संत समाज ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है. संत समाज का मानना है कि सभी को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए. दूसरों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए बात करनी चाहिए. संत समाज ने कहा देश की संस्कृति और भारत की रक्षा के लिए टंग मैनेजमेंट की जरुरत है.
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा भाषा पर नियंत्रण रहना चाहिए. दूसरों की भावनाओं को संभाल कर रखना चाहिए, नहीं तो हम आदर खो देंगे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव रविंद्र पुरी ने कहा देशभर में हेट स्पीच का विषय चल रहा है. उस पर अंकुश लगाया जाएगा. इसके लिए हमने प्रयास शुरू किए हैं.
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परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा धर्म संसद हो या कोई और संसद हमें अपनी भाषा को संयंत रूप से बोलना चाहिए. हमारे यहां टंग मैनेजमेंट की जरूरत है. उन्होंने कहा अब यह समय आ गया है कि हम जातिवादी की दीवारों को तोड़े, ऊंच नीच की दरारों को भरें. उसी के साथ दिलों से दिलों को जोड़ें. नए वर्ष पर यही होना चाहिए. यही भारत है यही संस्कृति हैं. जब तक संस्कृति जिंदा रहेगी भारत जिंदा रहेगा.