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साध्वी प्रज्ञा के बयानों पर दो धड़ों में बंटा संत समाज, समर्थन में उतरे जूना अखाड़े के थानापति

सत्ता पाने के लिए पहले सिर्फ नेताओं में जुबानी जंग हुआ करती थी, लेकिन अब सत्ता से दूर रहने वाला संत समाज भी राजनीतिक मुद्दों को लेकर आमने-सामने हैं. साध्वी प्रज्ञा के बयानों को लेकर संत समाज दो हिस्सों में बंट गया है.

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Published : Apr 26, 2019, 10:38 AM IST

Updated : Apr 27, 2019, 7:30 AM IST

साध्वी प्रज्ञा

हरिद्वार: भाजपा की भोपाल लोकसभा सीट प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे और बाबरी विध्वंस को लेकर दिए गये बयान से चारों ओर किरकिरी हो रही है. कई साधु-संत साध्वी प्रज्ञा के इन बयानों का विरोध कर रहे हैं. लेकिन, अब साध्वी के बचाव में हरिद्वार के जूना अखाड़े के थानापति महंत रविंद्रानंद सरस्वती सामने आए हैं. महंत का कहना है कि कुछ लोग सोची समझी साजिश के तहत फूट डालो और राज करो की नीति पर काम कर रहे हैं.

जूना अखाड़े के थानापति महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि कुछ विशेष संप्रदायों के लोगों को खुश करने के लिए साध्वी के खिलाफ बयानबाजी की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब यह जिम्मेदारी बनती है कि जिन्होंने हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश की है. उन्हें साध्वी प्रज्ञा को विजयी बनाकर मुंहतोड़ जवाब दिया जाए. उन्होंने कहा कि संत समाज का पूरा आशीर्वाद साध्वी प्रज्ञा के साथ है. कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के बारे में बोलते हुए महंत ने कहा कि ये संतों के चरणों में आकर जब माफी मांगेंगे तभी माफ किया जाएगा.

साध्वी प्रज्ञा के बयानों पर दो धड़ों में बंटा संत समाज.

वहीं, अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने भी साध्वी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि निर्दोष जब सताया जाता है उसकी पीड़ा सामने आ ही जाती है. उन्होंने कहा कि चुनाव में ही जनता अन्याय का बदला लेती है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने ही साध्वी को बम ब्लास्ट की साजिश में फंसाया था और हिंदू आतंकवाद का शब्द गढ़ा था.

संत प्रेमानंद सरस्वती का कहना है कि राजनीति में सिर्फ एक दूसरे के ऊपर कीचड़ उछाला जा रहा है. शहीदों के लिए किसी तरह की कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. समाज के लिए जो काम करेगा जनता उसे ही विजयी बनाएगी.

जबकि, ऐसे भी संतों की कमी नहीं है जो साध्वी के बयानों का खुलकर विरोध कर रहे हैं. संत संजय महंत ने खुलकर साध्वी प्रज्ञा का विरोध करते हुए कहा कि संत को ये शोभा नहीं देता कि वो कहे कि उसने बाबरी मस्जिद को गिराया है. संत को मर्यादा के अनुकूल रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद उन्होंने गिराया है तो वो जवाब दें कि पिछले 5 सालों में राम मंदिर, धारा 370 गोवध अधिनियम सहित कई अन्य घोषणाएं अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ हिंदुओं की भावनाओं से खेलने का काम कर रहे हैं.

हरिद्वार: भाजपा की भोपाल लोकसभा सीट प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे और बाबरी विध्वंस को लेकर दिए गये बयान से चारों ओर किरकिरी हो रही है. कई साधु-संत साध्वी प्रज्ञा के इन बयानों का विरोध कर रहे हैं. लेकिन, अब साध्वी के बचाव में हरिद्वार के जूना अखाड़े के थानापति महंत रविंद्रानंद सरस्वती सामने आए हैं. महंत का कहना है कि कुछ लोग सोची समझी साजिश के तहत फूट डालो और राज करो की नीति पर काम कर रहे हैं.

जूना अखाड़े के थानापति महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि कुछ विशेष संप्रदायों के लोगों को खुश करने के लिए साध्वी के खिलाफ बयानबाजी की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब यह जिम्मेदारी बनती है कि जिन्होंने हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश की है. उन्हें साध्वी प्रज्ञा को विजयी बनाकर मुंहतोड़ जवाब दिया जाए. उन्होंने कहा कि संत समाज का पूरा आशीर्वाद साध्वी प्रज्ञा के साथ है. कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के बारे में बोलते हुए महंत ने कहा कि ये संतों के चरणों में आकर जब माफी मांगेंगे तभी माफ किया जाएगा.

साध्वी प्रज्ञा के बयानों पर दो धड़ों में बंटा संत समाज.

वहीं, अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने भी साध्वी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि निर्दोष जब सताया जाता है उसकी पीड़ा सामने आ ही जाती है. उन्होंने कहा कि चुनाव में ही जनता अन्याय का बदला लेती है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने ही साध्वी को बम ब्लास्ट की साजिश में फंसाया था और हिंदू आतंकवाद का शब्द गढ़ा था.

संत प्रेमानंद सरस्वती का कहना है कि राजनीति में सिर्फ एक दूसरे के ऊपर कीचड़ उछाला जा रहा है. शहीदों के लिए किसी तरह की कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. समाज के लिए जो काम करेगा जनता उसे ही विजयी बनाएगी.

जबकि, ऐसे भी संतों की कमी नहीं है जो साध्वी के बयानों का खुलकर विरोध कर रहे हैं. संत संजय महंत ने खुलकर साध्वी प्रज्ञा का विरोध करते हुए कहा कि संत को ये शोभा नहीं देता कि वो कहे कि उसने बाबरी मस्जिद को गिराया है. संत को मर्यादा के अनुकूल रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद उन्होंने गिराया है तो वो जवाब दें कि पिछले 5 सालों में राम मंदिर, धारा 370 गोवध अधिनियम सहित कई अन्य घोषणाएं अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ हिंदुओं की भावनाओं से खेलने का काम कर रहे हैं.

Intro:भाजपा की भोपाल से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के हेमंत करकरें और बाबरी ढांचे को लेकर दिए गए बयान से ज्यादातर साधु संत भी सहमत नहीं है शहीद हेमंत करकरे को लेकर और फिर बाबरी ढांचे को हटाने को लेकर दिए बयान से साध्वी प्रज्ञा एक बार फिर सवालों के घेरे में है राजनीति से लेकर संत समाज तक मैं साध्वी प्रज्ञा चर्चा का विषय बनी हुई है संत समाज से जुड़े कुछ संत साध्वी के बयानों को लेकर उनसे सहमत नहीं है तो वहीं कुछ संत खुलकर साध्वी प्रज्ञा के बचाव में आ गए हैं


Body:भोपाल से भाजपा के प्रत्याशी बनने के बाद एकाएक फिर से सुर्खियों में आई मालेगांव ब्लास्ट कि आरोपी साध्वी प्रज्ञा नामांकन से पहले ही अपने बयानों से विवादों में आ गई थी आतंकियों के हाथों शहीद हुए तत्कालीन एटीएस चीफ हेमंत करकरे को अपने श्राप के कारण मारे जाने के बयान के बाद तो साध्वी प्रज्ञा का बहुत विरोध हुआ अभी हेमंत करकरे पर दिए बयान पर विवाद चल ही रहा था कि अचानक ही बाबरी ढांचा ढहाने का श्रेय लेने के चक्कर में साध्वी प्रज्ञा का नामांकन ही खतरे में पड़ सकता है अपने बयानों के बाद विरोध झेल रही प्रज्ञा के बचाव में जूना अखाड़े के थानापति महंत रविंद्रानंद सरस्वती सामने आए हैं उन्होंने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत कुछ लोग फूट डालो और राज करो कि नीति पर चल रहे हैं साध्वी पर जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं वह सरासर गलत है उन्होंने कहा कि कुछ विशेष संप्रदायों के लोगों को खुश करने के लिए साध्वी के खिलाफ बयानबाजी की जा रही है इन लोगों में हिम्मत नहीं है कि वह देश में आतंक फैलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकें उन्होंने कहा कि अब यह हिंदू समाज की जिम्मेदारी है कि जिन लोगों ने हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश की उसके खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को वोट देकर भारी मतों से विजई बनाएं उन्होंने कहा कि संत समाज का पूरा आशीर्वाद शादी प्रज्ञा के साथ है यदि कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह संतो के चरणों में आकर माफी मांगते हैं तभी उन्हें माफ किया जाएगा

बाइट-- महंत रविंद्रानंद सरस्वती--जूना अखाड़े के थानापति

अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने भी साध्वी का समर्थन किया है उनका कहना है कि एक निर्दोष व्यक्ति को यदि सताया जाता है या उसे सजा मिलती है तो उसकी पीड़ा सामने आती है उन्होंने कहा कि चुनाव ही एक ऐसा समय है जिस समय जनता किए गए अन्याय का बदला लेती है और जिस दिग्विजय सिंह के सामने साध्वी प्रज्ञा चुनाव लड़ रही है यह वही दिग्विजय सिंह है जिसके द्वारा साध्वी को बम ब्लास्ट की साजिश में फंसाया गया और हिंदू आतंकवाद का शब्द गढ़ा गया उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी सत्ता की चाटुकारिता करते हैं उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा कहती है कि करकरे ने ही सबसे ज्यादा उन्हें टॉर्चर किया था तो कभी-कभी मन में उसकी पीड़ा निकल आती है उन्होंने कहा कि भगवान के यहां सभी का न्याय होता है उन्होंने कहा कि जिस समय बाबरी मस्जिद ढहाई गयी उस समय साध्वी का भी उस में भाग लेने का काफी मन रहा होगा

बाइट-- बाबा हठयोगी--पूर्व प्रवक्ता अखाड़ा परिषद

संत प्रेमानंद सरस्वती का कहना है कि राजनीति इतनी गंदी हो गई है कि सिर्फ एक दूसरे के ऊपर कीचड़ उछाला जा रहा है लेकिन यदि हिंदुत्व के लिए किसी ने काम किया है तो विजय अवश्य मिलेगी साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शहीदों के लिए किसी तरह की कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए उन्होंने कहा कि जो समाज के लिए काम करेगा जनता उसे ही विजय बनाएगी बाकी जनता सब जानती है

बाइट-- प्रेमानंद सरस्वती--संत

संत समाज में भी साध्वी प्रज्ञा के बयानों को लेकर दो तरह की राय है ऐसे भी संतों की कमी नहीं है जो साध्वी के बयानों का खुलकर विरोध कर रहे हैं संत संजय महंत ने खुलकर साध्वी प्रज्ञा का विरोध करते हुए कहा कि एक संत को यह कतई शोभा नहीं देता कि वह खुलकर कहे कि उसने बाबरी मस्जिद को गिराया है संत को मर्यादा के अनुकूल सदैव बात करनी चाहिए उन्होंने कहा कि यदि वह बोलती है कि बाबरी मस्जिद उन्होंने गिराई है तो वह इस बात का भी जवाब दे कि जिस सरकार की वह पैरों कारी कर रही है उसने पिछले 5 सालों में राम मंदिर धारा 370 गोवध अधिनियम सहित कई घोषणाओं को अभी तक पूरा क्यों नहीं किया उन्होंने कहा कि यह लोग सिर्फ हिंदुओं की भावनाओं से खेलने का काम कर रहे हैं उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस तरह के लोगों को लॉकर हिंदुओं की भावनाओं से खेलने का काम कर रही है

बाइट-- संजय महंत--संत

वहीं स्वामी हरिचेतनानंद का कहना है कि यह तो साध्वी प्रज्ञा से पूछा जाना चाहिए जो इस बात का दावा कर रही है कि बाबरी मस्जिद गिराने में वह शामिल थी क्या उस समय उनकी आयु इतनी थी उन्होंने कहा कि संत समाज शहीदों और सैनिकों के परिवार वालों के साथ है और किसी को भी इसको लेकर किसी तरह की कोई बयानबाजी नहीं करनी चाहिए

बाइट--स्वामी हरिचेतनानंद--संत


Conclusion:सत्ता पाने को लेकर अभी तक सिर्फ नेताओं में जुबानी जंग हुआ करती थी लेकिन इस बार सत्ता से दूर रहने वाले संत समाज भी राजनीतिक मुद्दों को लेकर आमने-सामने हैं अब देखना यह होगा कि जनता का रुख किस तरफ बैठता है और किसको जनता जीतकर सत्ता दिलवाती है यह आने वाला समय ही बताएगा मगर इस वक्त चुनाव में हर वो रंग देखने को मिल रहे हैं जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता
Last Updated : Apr 27, 2019, 7:30 AM IST
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