ETV Bharat / state

दो दशक से निर्माण की बाट जोह रहा हरिद्वार का राम मंदिर, कांग्रेस के कार्यकाल में रखी गई थी आधारशिला - हरिद्वार राम मंदिर

Haridwar Ram Temple अयोध्या की तर्ज पर हरिद्वार में बन रहे राम मंदिर की आधारशिला 2005 में रखी गई थी, लेकिन आज तक मंदिर का काम पूरा नहीं हो पाया है. कारण जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 10, 2024, 5:31 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 5:39 PM IST

Haridwar Ram Temple

हरिद्वार: 22 जनवरी का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इस दिन अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जिसमें प्रधानमंत्री मोदी जजमान बनकर शामिल होंगे. इसी बीच धर्मनगरी का अधूरा राम मंदिर भी सुर्खियों में आ गया है. कांग्रेस के समर्थक माने जाने वाले संतों की पहल पर अयोध्या राम मंदिर की तर्ज पर हरिद्वार में बनने वाले इस राम मंदिर की आधारशिला 2005 में रखी गई थी. लोकार्पण के लिए कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी सहित कई बड़े नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन इस मंदिर के भूमि विवाद ने इसके निर्माण को अधर में डाल दिया है.

हरिद्वार में 2005 में राम मंदिर की रखी गई आधारशिला: बता दें कि श्री राम मंदिर की तर्ज पर 2005 में हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में राममंदिर की आधारशिला रखा जाना तय हुआ था. इसका बीड़ा बनारस के रामनरेशाचार्य सहित हरिद्वार के कई बड़े संतों ने उठाया और शुरुआत की. इसके लिए रामालय नाम का ट्रस्ट भी बनाया गया और लोगों को इसमें जोड़ा गया. अयोध्या की ही तर्ज पर मंदिर के लिए बड़ी शिलाएं मंगवाई गई और मंदिर का मॉडल भी यहां रखा गया. सब कुछ कार्ययोजना के अनुसार चल रहा था और मंदिर के लोकार्पण के लिए सोनिया गांधी सहित पांच राज्यों के मुख्यमंत्री को निमंत्रण भेजा गया, लेकिन अचानक भूमि विवाद हो गया और काम अधर में लटक गया.

भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना: वरिष्ठ पत्रकार रत्नमणि डोभाल ने बताया कि जब इस बात का खुलासा हुआ कि कांग्रेस से जुड़े संत इसका निर्माण कर रहे हैं, तो यहां भूमि विवाद को हवा दी गई और मंदिर का निर्माण कार्य रोक दिया गया. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश जमदग्नि ने कांग्रेस की कार्यशैली पर निशाना साधा है.

ये भी पढ़ें: राम मंदिर आंदोलन की कहानी संत की जुबानी, सालों किया संघर्ष, कई बार गये जेल, फिर भी नहीं डिगी आस्था

जल्द शुरू होगा मंदिर का निर्माण: सुदर्शन आश्रम के परमाध्यक्ष का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट से केस जीतने के बाद अब इस मंदिर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा. उस समय इस राम मंदिर का नाम अधूतीय राम मंदिर रखा गया था. जिसका मतलब यह था कि इस मंदिर में केवल और केवल राम से जुड़ी गतिविधियों और राम से जुड़े ही स्थल बनाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: सोने सा चमकेगा रामलला का भव्य मंदिर, नृत्य मंडप तैयार, 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा ग्राउंड फ्लोर का काम

Haridwar Ram Temple

हरिद्वार: 22 जनवरी का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इस दिन अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जिसमें प्रधानमंत्री मोदी जजमान बनकर शामिल होंगे. इसी बीच धर्मनगरी का अधूरा राम मंदिर भी सुर्खियों में आ गया है. कांग्रेस के समर्थक माने जाने वाले संतों की पहल पर अयोध्या राम मंदिर की तर्ज पर हरिद्वार में बनने वाले इस राम मंदिर की आधारशिला 2005 में रखी गई थी. लोकार्पण के लिए कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी सहित कई बड़े नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन इस मंदिर के भूमि विवाद ने इसके निर्माण को अधर में डाल दिया है.

हरिद्वार में 2005 में राम मंदिर की रखी गई आधारशिला: बता दें कि श्री राम मंदिर की तर्ज पर 2005 में हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में राममंदिर की आधारशिला रखा जाना तय हुआ था. इसका बीड़ा बनारस के रामनरेशाचार्य सहित हरिद्वार के कई बड़े संतों ने उठाया और शुरुआत की. इसके लिए रामालय नाम का ट्रस्ट भी बनाया गया और लोगों को इसमें जोड़ा गया. अयोध्या की ही तर्ज पर मंदिर के लिए बड़ी शिलाएं मंगवाई गई और मंदिर का मॉडल भी यहां रखा गया. सब कुछ कार्ययोजना के अनुसार चल रहा था और मंदिर के लोकार्पण के लिए सोनिया गांधी सहित पांच राज्यों के मुख्यमंत्री को निमंत्रण भेजा गया, लेकिन अचानक भूमि विवाद हो गया और काम अधर में लटक गया.

भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना: वरिष्ठ पत्रकार रत्नमणि डोभाल ने बताया कि जब इस बात का खुलासा हुआ कि कांग्रेस से जुड़े संत इसका निर्माण कर रहे हैं, तो यहां भूमि विवाद को हवा दी गई और मंदिर का निर्माण कार्य रोक दिया गया. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश जमदग्नि ने कांग्रेस की कार्यशैली पर निशाना साधा है.

ये भी पढ़ें: राम मंदिर आंदोलन की कहानी संत की जुबानी, सालों किया संघर्ष, कई बार गये जेल, फिर भी नहीं डिगी आस्था

जल्द शुरू होगा मंदिर का निर्माण: सुदर्शन आश्रम के परमाध्यक्ष का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट से केस जीतने के बाद अब इस मंदिर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा. उस समय इस राम मंदिर का नाम अधूतीय राम मंदिर रखा गया था. जिसका मतलब यह था कि इस मंदिर में केवल और केवल राम से जुड़ी गतिविधियों और राम से जुड़े ही स्थल बनाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: सोने सा चमकेगा रामलला का भव्य मंदिर, नृत्य मंडप तैयार, 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा ग्राउंड फ्लोर का काम

Last Updated : Jan 10, 2024, 5:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.