हरिद्वार: विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हरकी पैड़ी पर मौजूद 16वीं शताब्दी के दो प्रमुख मंदिरों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेच दिए जाने का मामला सामने आया है. फर्जीवाड़ा कर मंदिर बेचने का आरोप लगाते हुए मंदिरों की देखरेख करने वाले ट्रस्ट ने नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. आरोप है कि लाखों रुपए में दोनों मंदिरों का सौदा मां-बेटे ने कर दिया. इस मामले में ट्रस्ट के सचिव विशाल शर्मा की ओर से नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है. जिसपर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.
फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में लाने वाले भूपतवाला निवासी विशाल शर्मा ने बताया कि कौरा देवी पत्नी रघुवंशपुरी ने अपनी वसीयत कर दिनांक 11 सितंबर वर्ष 1980 में महंत रघुवंशपुरी कौरा देवी ट्रस्ट बनाया था. इस ट्रस्ट के अधीन हरकी पैड़ी के ब्रह्मकुंड पर मौजूद प्राीचन मां गंगा मंदिर और अष्ठखंबा मंदिर आते हैं.
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मोहित पुरी (पुत्र रामपुरी उर्फ प्रसन्न कुमार) व उसकी मां पुष्पा पुरी ने ट्रस्ट के स्वामित्व वाले हरकी पैड़ी हरिद्वार स्थित मंदिर व अन्य ट्रस्ट संपत्ति को कौरा देवी का वारिस बताते हुए फर्जी तरीके से बेच दी, जबकि कौरा देवी की 20 नवंबर 1978 की पंजीकृत निरस्तीकरण में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि रामपुरी उर्फ प्रसन्न कुमार या उसके किसी भी उत्तराधिकारी का कौरा देवी की संपत्ति पर कोई वास्ता नहीं रहेगा. इसकी जानकारी मोहित व उनकी मां पुष्पा को थी. विशाल शर्मा ने बताया कि मंदिर में पुजारी का काम करने वाले लोगों को ही दोनों मंदिरों की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से कर दी गई.
हरिद्वार कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया की मुकदमा दर्ज कर लिया है. मामले की जांच के लिए इन्वेस्टिगेशन टीम भी बनाई गई है, फिलहाल पुलिस जांच में जुटी हुई है.