हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार के रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों को घुसने से रोकने के लिए अब वन विभाग मधुमक्खियों का सहारा लेगा. इसके लिए हरिद्वार वन विभाग द्वारा मास्टर प्लान तैयार किया गया है. वन विभाग जल्दी ही इसका ट्रायल करने जा रहा है. ट्रायल सक्सेस होने पर प्लान को पूरे हरिद्वार वनप्रभाग क्षेत्र में लागू किया जाएगा.
हरिद्वार वन क्षेत्र के रेंजर शैलेंद्र नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि आए दिन जंगली जानवर हरिद्वार के रिहायशी इलाकों में चहलकदमी करते हुए दिखाई देते हैं. ऐसे में वन विभाग द्वारा बनाई गई क्विक रिस्पांस टीम की ड्यूटी दिन-रात जंगल से शहरी क्षेत्र में आ जानवरों को जंगल की ओर खदेड़ने की रहती है. लेकिन अब जानवरों को रोकने के लिए हमने एक स्थायी समाधान निकाला है. जिसमें हम मधुमक्खियों के डमी छत्ते और मधुमक्खियों की डमी वॉइस के स्पीकर्स वन प्रभाग की बाउंड्री पर लगाएंगे. इससे शहरी इलाकों में हाथियों का आना बिल्कुल बंद हो जाएगा.
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साउथ अफ्रीका में सक्सेस रहा है प्रयोग: रेंजर शैलेंद्र नेगी ने बताया कि हमारे द्वारा वन विभाग से जुड़ी बाउंड्री पर मधुमक्खी के डमी छत्ते और मधुमक्खियों की डमी वॉइस के स्पीकर्स लगाने का प्लान है. जहां आबादी वाले क्षेत्र नहीं होंगे, वहां सिर्फ मधुमक्खियों के छत्ते लगाए जाएंगे और जहां आबादी वाला क्षेत्र होगा, वहां स्पीकर्स के माध्यम से मधुमक्खियों की ध्वनि निकाली जाएगी. जिससे हाथी इरिटेट होकर शहरी इलाकों की ओर रुख नहीं करेंगे. शैलेंद्र नेगी ने बताया कि यह प्लान साउथ अफ्रीका में भी हाथियों से बचने के लिए उपयोग में लाया गया है. इसके बाद अब हमने हरिद्वार में इस प्लान को लागू करने का निर्णय लिया है.
किसानों से करेंगे खेती में बदलाव करने की अपील: शैलेंद्र नेगी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह अब अपनी खेती में बदलाव करें. क्योंकि गन्ने की खेती से जानवर ज्यादा आकर्षित होते हैं. उन्होंने अदरक, ड्रैगन फ्रूट, लेमन ग्रास की खेती करने की नसीहत दी है.