हरिद्वारः आखिरकार आठ साल बाद मोनू हत्याकांड मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना ही दिया. मोनू हत्याकांड में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने दोषी पत्नी समेत 6 ससुरालियों पर आजीवन कारावास और 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है.
शासकीय अधिवक्ता सुकरमपाल सिंह ने बताया कि 30 नवंबर 2014 को बुलंदशहर के शेखपुरा निवासी मोनू अपने ससुराल कनखल थाना क्षेत्र आया था. जब काफी दिनों तक बातचीत नहीं हुई तो मोनू का भाई सोनू उसके ससुराल पहुंच गया. जहां ससुराल वालों ने भी मोनू के हरिद्वार में होने से साफ इनकार कर दिया. जिसके बाद सोनू ने अपने भाई मोनू की गुमशुदगी दर्ज कराई थी.
वहीं, 6 दिन बाद गांव पंजनहेड़ी निवासी प्रमोद चौहान के गन्ने के खेत में से एक कंकाल मिला था. सूचना मिलने पर कनखल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कंकाल और अन्य सामान को कब्जे में लिया था. सोनू ने पुलिस को बताया कि उसके भाई मोनू की शादी शिवानी पुत्री भानु प्रताप निवासी संदेश नगर कनखल के साथ हुई थी. करीब डेढ़ साल से दोनों के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा था. इसी वजह से मोनू अपने ससुराल आया हुआ था.
सोनू की शिकायत पर पुलिस ने मोनू की पत्नी शिवानी, सुमित कुमार, ससुर भानुप्रताप, सास संतोष निवासी संदेश नगर कनखल, करन उर्फ सोनू पुत्र बसंतराम निवासी मोहल्ला हनुमान गढ़ी कनखल और गौरव पुत्र रवि निवासी मोहल्ला कुम्हार गढ़ा कनखल के खिलाफ हत्या व साक्ष्य छिपाने के मामले में मुकदमा किया.
मोनू और शिवानी की हुई थी लव मैरिजः पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पुलिस ने जांच के बाद सभी 6 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए थे. मोनू का शिवानी से प्रेम विवाह हुआ था. जिससे उसके ससुराल वाले नाखुश चल रहे थे. इसी वजह से पति-पत्नी के बीच पारिवारिक विवाद शुरू हो गया था. इसके बाद शिवानी अपने ससुराल से आकर मायके कनखल में रहने लगी थी.
पहले गला घोंटा फिर गन्ने के खेत में छिपाया शवः आरोपियों ने रस्सी से गला घोंटकर मोनू की हत्या कर दी. जिसके बाद मोनू के शव को टेंपो में लादकर गन्ने के खेत में छिपा दिया था. मौके पर रजाई, चादर और टूटी अवस्था में मोबाइल पड़ा मिला था. जबकि, आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने शव को लाने में प्रयुक्त टेंपो, मृतक की बाइक बरामद की थी.
कॉल डिटेल से खुला राजः उधर, मोनू और उसके ससुरालियों के बीच हुई बातचीत की कॉल डिटेल निकलवाई गई तो उसकी मौजूदगी ससुराल में पाई गई. अब दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोषी पाया है. साथ ही आजीवन कारावास के साथ 25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
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