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मौनी अमावस्या स्नान के लिए पुलिस-प्रशासन ने कसी कमर, कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी नहीं

मकर संक्रांति के गंगा स्नान में करीब सात लाख से ज्यादा श्रद्धालु हरिद्वार आए थे. उसकी को ध्यान में रखते हुए मौनी अमावस्या गंगा स्नान की तैयारी की जा रही है. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने स्पष्ट किया है कि सभी स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है.

पुलिस-प्रशासन ने कसी कमर
पुलिस-प्रशासन ने कसी कमर
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Published : Feb 10, 2021, 5:41 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में 11 फरवरी को मौनी अमावस्या का बड़ा स्नान होने जा रहा है. जिसके लिए हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस ने कमर कस ली है. मौनी अमावस्या के गंगा स्नान में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. मकर संक्रांति के गंगा स्नान में भी करीब सात लाख से ज्यादा श्रद्धालु हरिद्वार आए थे. उसको ध्यान में रखते हुए मौनी अमावस्या गंगा स्नान की तैयारी की जा रही है. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने स्पष्ट किया है कि सभी स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है.

केंद्र सरकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी हरिद्वार महाकुंभ की एसओपी जारी कर दी है. हालांकि अभीतक उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ की अधिसूचना जारी नहीं की है. उम्मीद है कि इस महीने के आखिर में सरकार कुंभ की अधिसूचना जारी कर सकती है, लेकिन धार्मिक आस्था के हिसाब से एक जनवरी से कुंभ वर्ष की शुरुआत हो गई थी. कुंभ को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन ने पहले मकर संक्रांति और अब मौनी अमावस्या के गंगा स्नान की तैयारियों में जुटा हुआ है. हालांकि इस महीने तीन प्रमुख स्नान आ रहे हैं. पहला कल 11 फरवरी को मौनी अमावस्या का, दूसरा 16 फरवरी को बसंत पंचमी और तीसरा 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा का गंगा स्नान है.

पढ़ें- महाकुंभ 2021: हनुमंत ध्वजारोहण के साथ जयराम आश्रम में हुआ कुंभ का श्रीगणेश

11 फरवरी को पड़ने वाले मौनी अमावस्या स्नान के लिए लगे भल्ला कॉलेज स्टेडियम में मेले की ड्यूटी में लगे सभी पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने ब्रीफ किया गया. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने स्पष्ट किया है कि सभी स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है. हालांकि कुंभ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 रिपोर्ट लाना आवश्यक होगा.

मौनी अमावस्या के गंगा स्नान को देखते हुए मेला क्षेत्र को 9 जोन और 25 सेक्टर में बांटा गया है. मकर संक्रांति स्नान की तरह इस स्नान पर्व पर भी यातायात को भीड़ के अनुसार डायवर्ट किया जाएगा. हरकी पैड़ी पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी. जिससे एक ही स्थान पर अधिक श्रद्धालु एकत्र ना हो सके.

भूमानिकेतन के परमाध्यक्ष अच्युतानंद तीर्थ महाराज
भूमानिकेतन के परमाध्यक्ष अच्युतानंद तीर्थ महाराज

हरिद्वार कुंभ की SOP को अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने बताया फतवा

मंगलवार को उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ की SOP जारी कर दी है. जिसका कुंभ नगरी हरिद्वार में संतों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. भूमानिकेतन के परमाध्यक्ष अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने हरिद्वार कुंभ की SOP को सरकार का हिंदुओं के लिए जारी फतवा बताया है.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ: SOP को लेकर DM ने होटल कारोबारियों के साथ की बैठक

अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी न कर चार महीने के कुंभ को एक महीने का कर दिया और फिर अब उसमें भी एसओपी जारी करते हुए कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही है. केंद्र और राज्यों दोनों में हिन्दू वादी सरकारें है, फिर भी हिंदुओ के खिलाफ ही एसओपी जारी कर रही है. एसओपी में शर्ते रखी जा रही है कि कुंभ के दौरान भजन-कीर्तन, कथा और भंडारे का आयोजन नहीं हो सकता है. वे इस एसओपी का विरोध कर रहे है.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में 11 फरवरी को मौनी अमावस्या का बड़ा स्नान होने जा रहा है. जिसके लिए हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस ने कमर कस ली है. मौनी अमावस्या के गंगा स्नान में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. मकर संक्रांति के गंगा स्नान में भी करीब सात लाख से ज्यादा श्रद्धालु हरिद्वार आए थे. उसको ध्यान में रखते हुए मौनी अमावस्या गंगा स्नान की तैयारी की जा रही है. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने स्पष्ट किया है कि सभी स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है.

केंद्र सरकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी हरिद्वार महाकुंभ की एसओपी जारी कर दी है. हालांकि अभीतक उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ की अधिसूचना जारी नहीं की है. उम्मीद है कि इस महीने के आखिर में सरकार कुंभ की अधिसूचना जारी कर सकती है, लेकिन धार्मिक आस्था के हिसाब से एक जनवरी से कुंभ वर्ष की शुरुआत हो गई थी. कुंभ को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन ने पहले मकर संक्रांति और अब मौनी अमावस्या के गंगा स्नान की तैयारियों में जुटा हुआ है. हालांकि इस महीने तीन प्रमुख स्नान आ रहे हैं. पहला कल 11 फरवरी को मौनी अमावस्या का, दूसरा 16 फरवरी को बसंत पंचमी और तीसरा 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा का गंगा स्नान है.

पढ़ें- महाकुंभ 2021: हनुमंत ध्वजारोहण के साथ जयराम आश्रम में हुआ कुंभ का श्रीगणेश

11 फरवरी को पड़ने वाले मौनी अमावस्या स्नान के लिए लगे भल्ला कॉलेज स्टेडियम में मेले की ड्यूटी में लगे सभी पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने ब्रीफ किया गया. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने स्पष्ट किया है कि सभी स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है. हालांकि कुंभ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 रिपोर्ट लाना आवश्यक होगा.

मौनी अमावस्या के गंगा स्नान को देखते हुए मेला क्षेत्र को 9 जोन और 25 सेक्टर में बांटा गया है. मकर संक्रांति स्नान की तरह इस स्नान पर्व पर भी यातायात को भीड़ के अनुसार डायवर्ट किया जाएगा. हरकी पैड़ी पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी. जिससे एक ही स्थान पर अधिक श्रद्धालु एकत्र ना हो सके.

भूमानिकेतन के परमाध्यक्ष अच्युतानंद तीर्थ महाराज
भूमानिकेतन के परमाध्यक्ष अच्युतानंद तीर्थ महाराज

हरिद्वार कुंभ की SOP को अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने बताया फतवा

मंगलवार को उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ की SOP जारी कर दी है. जिसका कुंभ नगरी हरिद्वार में संतों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. भूमानिकेतन के परमाध्यक्ष अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने हरिद्वार कुंभ की SOP को सरकार का हिंदुओं के लिए जारी फतवा बताया है.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ: SOP को लेकर DM ने होटल कारोबारियों के साथ की बैठक

अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी न कर चार महीने के कुंभ को एक महीने का कर दिया और फिर अब उसमें भी एसओपी जारी करते हुए कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही है. केंद्र और राज्यों दोनों में हिन्दू वादी सरकारें है, फिर भी हिंदुओ के खिलाफ ही एसओपी जारी कर रही है. एसओपी में शर्ते रखी जा रही है कि कुंभ के दौरान भजन-कीर्तन, कथा और भंडारे का आयोजन नहीं हो सकता है. वे इस एसओपी का विरोध कर रहे है.

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