हरिद्वारः धर्म संसद में मुस्लिम महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी मामले में स्वामी यति नरसिंहानंद जेल में हैं. सीजेएम हरिद्वार की अदालत ने यति नरसिंहानंद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब यति नरसिंहानंद के वकील सत्र न्यायालय में अपील करेंगे. वहीं, गुरुवार यानी आज जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की सत्र न्यायालय में सुनवाई होनी है.
बता दें कि जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि हरिद्वार में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. जिसके लिए वे एक और संत के साथ अनशन पर बैठे थे. उन्होंने अनशन खत्म कर सत्याग्रह शुरू किया था. जिसके बाद 15 जनवरी की रात को पुलिस ने स्वामी यति नरसिंहानंद को धरनास्थल से उठाया और गिरफ्तार किया.
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बता दें कि हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच के वीडियो वायरल होने पर लॉ की एक छात्रा रुचिका ने स्वामी यति नरसिंहानंद के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. सोशल मीडिया में हरिद्वार धर्म संसद के वीडियो वायरल होने के बाद उनके साथ वसीम रिजवी पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में 13 जनवरी को वसीम रिजवी और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को गिरफ्तार किया.
ये है पूरा मामलाः हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें एक विशेष समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे. ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे, जिसके बाद इन वायरल वीडियो के आधार पर कई लोगों ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था.
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वहीं, इसी वीडियो के आधार पर हरिद्वार के ज्वालापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नदीम ने वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसके आधार पुलिस ने वसीम रिजवी के खिलाफ IPC की धारा 153ए, 298 में मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद विवेचक ने इन मुकदमे में संत धर्मदास, साध्वी अन्नपूर्णा भारती, स्वामी यति नरसिंहानंद व सागर सिंधु महाराज के नाम बढ़ाए थे. मामले की जांच एसआईटी कर रही है. अभी तक नरसिंहानंद पर 5 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.
क्या बोले स्वामी आनंद स्वरूपः शाम्भवी धाम पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि जिस तरह प्रशासन लगातार मुकदमे दर्ज कराने का कार्य कर रहा है. इससे साफ साबित हो रहा है कि वो के दबाव में इस तरह के कृत्य कर रहा है, लेकिन संत कानून को मानने वाले लोग हैं. इस लड़ाई को कानून से ही जीतेंगे.