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गुरू पूर्णिंमा स्पेशल: इस गुरू-शिष्य की जोड़ी की संपत्ति जानकार उड़ जाएंगे होश - बाबा रामदेव की संपत्ति

योग गुरू बाबा रामदेव की शिष्य आचार्य बालकृष्ण को बीते साल चीन की एक बिजनेस पत्रिका हुरून ने भारत के रईशों की सूची में 25वें स्थान पर रखा है. इस पत्रिका ने बालकृष्ण की कुल संपत्ति 25 हजार करोड़ रुपए आंकी थी. हालांकि, अब बीते दो सालों में उनकी संपत्ति में ओर भी इजाफा हुआ है.

baba ramdev and acharya balkrishna
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Published : Jul 16, 2019, 7:59 PM IST

Updated : Jul 16, 2019, 8:29 PM IST

देहरादून: 17 साल पहले कनखल में रहने वाले नेपाली मूल के इस वैद्य के बारे में लोग सिर्फ इतना ही जानते थे कि ये एक योगी के साथ वैद्य में रूप में रहते हैं. साइकिल पर चलने वाले इस वैद्य के तन पर कपड़ों के नाम पर एक धोती और कुर्ता टंगा रहता. तब सुबह से शाम तक पसीने से तरबतर रहने वाले इस वैद्य को देखकर किसी को इल्म नहीं रहा होगा कि ये व्यक्ति एक दिन देश-दुनिया के अमिरों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा.

ईटीवी भारत आपको आज ऐसी ही गुरू शिष्य की जोड़ी से अवगत कराने जा रहा है. जो आज अपनी मेहनत के दम पर देश-दुनिया में अपना अलग ही बना चुके हैं. जी हां, योग गुरू बाबा रामदेव के शिष्य आचार्य बालकृष्ण को बीते साल चीन की एक बिजनेस पत्रिका हुरून ने भारत के अमिरों की सूची में 25वें स्थान पर रखा है. इस पत्रिका ने बालकृष्ण की कुल संपत्ति 25 हजार करोड़ रुपए आंकी थी. हालांकि, अब बीते दो सालों में उनकी संपत्ति में ओर भी इजाफा हुआ है.

रामदेव की सफलता में बालकृष्ण का हाथ

इसमें कोई दो राय नहीं है कि योग गुरू स्वामी रामदेव का जीतना भी आज देश-दुनिया में एम्पायर खड़ा है. उसमें उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का भी बड़ा योगदान है. हरिद्वार के कनखल से एक छोटी सी कुटिया से अपने काम की शुरुआत करने वाले स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण इस मुकाम तक पहुंचेंगे ये शायद खुद उन्होंने भी नहीं सोचा था. वहीं, आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि योगपीठ लोककल्याण और देशहित के लिए कार्य कर रहा है. उनकी मानें तो अभी ये शुरुआत है, पतंजलि देश ही नहीं दुनिया में नंबर वन पर आएगी. बस देश की जनता उन्हें यूं ही प्यार देती रहे.

ये भी पढ़ेंः चंद्रग्रहण के चलते चारधाम समेत कई मंदिरों के कपाट बंद, कल से कर सकते हैं श्रद्धालु दर्शन

बालकृष्ण ने कंपनियों पर लगाया आरोप

वहीं, चीन की बिजनेस पत्रिका में नाम आने के बाद रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का कहना था की हमारी कंपनी अभी अनलिस्टेड है और ऐसे में अनलिस्टेड कंपनी का देश की बड़ी कंपनियों में शुमार होना एक बड़ी बात है. ज्यादातर कंपनियां आंकड़ों में हेराफेरी कर इस तरह की लिस्ट में आने की कोशिश करती है. लेकिन, पतंजलि की ग्रोथ दुनिया के लोगों के लिए आंखें खोल देने वाली है.

आखिर कितना है बालकृष्ण की कंपनियों का टर्न ओवर

लगभग 15 साल पहले शुरू हुआ काम पूरे देश में नजर आ रहा है. बिजनेस पत्रिका की मुताबिक, आचार्य बालकृष्ण के पास लगभग 25 हजार 600 करोड़ की संपत्ति है. जबकि, अमिरों की सूची में मुकेश अंबानी पहले और दिलीप सांघवी दूसरे नंबर पर हैं. वहीं, पतंजलि का मुनाफ़ा पिछले तीन साल में 233 प्रतिशत बढ़ा है.

मैगज़ीन ने पतंजलि को भारत में सबसे तेजी से बढ़ता एफएमसीजी ब्रांड बताया है. फिलहाल, पतंजलि का सालाना टर्नओवर 5 हजार करोड़ रुपये का है और 2017 में ये दोगुना होने की उम्मीद है. साल 2013-14 में पतंजलि का कुल मुनाफा 95.19 करोड़ था जो 2016 में बढ़कर 5 हज़ार करोड़ हो गया.

1995 में आचार्य बालकृष्ण ने अपने गुरू शंकरदेव के आश्रम में दिव्य फार्मेसी शुरू की थी. आज दिव्य फार्मेसी की सहयोगी पतंजलि दुनिया में मशहूर हो चुकी है और देश विदेश में पतंजलि के प्रोडक्ट्स की भारी मांग है.

वहीं, आज बालकृष्ण सफ़ेद रंग के कुर्ते में भले रहते हों, लेकिन उन्हें बाउंसरों ने घेरा रहता है. जबकि, वे 70 लाख से भी महंगी RANGE ROVER गाड़ी में चलते हैं. कंधे पर थैला और पैरों में चप्पल पहने आचार्य बालकृष्ण रामदेव के आयुर्वेद का पूरा कारोबार संभालते हैं.

देहरादून: 17 साल पहले कनखल में रहने वाले नेपाली मूल के इस वैद्य के बारे में लोग सिर्फ इतना ही जानते थे कि ये एक योगी के साथ वैद्य में रूप में रहते हैं. साइकिल पर चलने वाले इस वैद्य के तन पर कपड़ों के नाम पर एक धोती और कुर्ता टंगा रहता. तब सुबह से शाम तक पसीने से तरबतर रहने वाले इस वैद्य को देखकर किसी को इल्म नहीं रहा होगा कि ये व्यक्ति एक दिन देश-दुनिया के अमिरों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा.

ईटीवी भारत आपको आज ऐसी ही गुरू शिष्य की जोड़ी से अवगत कराने जा रहा है. जो आज अपनी मेहनत के दम पर देश-दुनिया में अपना अलग ही बना चुके हैं. जी हां, योग गुरू बाबा रामदेव के शिष्य आचार्य बालकृष्ण को बीते साल चीन की एक बिजनेस पत्रिका हुरून ने भारत के अमिरों की सूची में 25वें स्थान पर रखा है. इस पत्रिका ने बालकृष्ण की कुल संपत्ति 25 हजार करोड़ रुपए आंकी थी. हालांकि, अब बीते दो सालों में उनकी संपत्ति में ओर भी इजाफा हुआ है.

रामदेव की सफलता में बालकृष्ण का हाथ

इसमें कोई दो राय नहीं है कि योग गुरू स्वामी रामदेव का जीतना भी आज देश-दुनिया में एम्पायर खड़ा है. उसमें उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का भी बड़ा योगदान है. हरिद्वार के कनखल से एक छोटी सी कुटिया से अपने काम की शुरुआत करने वाले स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण इस मुकाम तक पहुंचेंगे ये शायद खुद उन्होंने भी नहीं सोचा था. वहीं, आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि योगपीठ लोककल्याण और देशहित के लिए कार्य कर रहा है. उनकी मानें तो अभी ये शुरुआत है, पतंजलि देश ही नहीं दुनिया में नंबर वन पर आएगी. बस देश की जनता उन्हें यूं ही प्यार देती रहे.

ये भी पढ़ेंः चंद्रग्रहण के चलते चारधाम समेत कई मंदिरों के कपाट बंद, कल से कर सकते हैं श्रद्धालु दर्शन

बालकृष्ण ने कंपनियों पर लगाया आरोप

वहीं, चीन की बिजनेस पत्रिका में नाम आने के बाद रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का कहना था की हमारी कंपनी अभी अनलिस्टेड है और ऐसे में अनलिस्टेड कंपनी का देश की बड़ी कंपनियों में शुमार होना एक बड़ी बात है. ज्यादातर कंपनियां आंकड़ों में हेराफेरी कर इस तरह की लिस्ट में आने की कोशिश करती है. लेकिन, पतंजलि की ग्रोथ दुनिया के लोगों के लिए आंखें खोल देने वाली है.

आखिर कितना है बालकृष्ण की कंपनियों का टर्न ओवर

लगभग 15 साल पहले शुरू हुआ काम पूरे देश में नजर आ रहा है. बिजनेस पत्रिका की मुताबिक, आचार्य बालकृष्ण के पास लगभग 25 हजार 600 करोड़ की संपत्ति है. जबकि, अमिरों की सूची में मुकेश अंबानी पहले और दिलीप सांघवी दूसरे नंबर पर हैं. वहीं, पतंजलि का मुनाफ़ा पिछले तीन साल में 233 प्रतिशत बढ़ा है.

मैगज़ीन ने पतंजलि को भारत में सबसे तेजी से बढ़ता एफएमसीजी ब्रांड बताया है. फिलहाल, पतंजलि का सालाना टर्नओवर 5 हजार करोड़ रुपये का है और 2017 में ये दोगुना होने की उम्मीद है. साल 2013-14 में पतंजलि का कुल मुनाफा 95.19 करोड़ था जो 2016 में बढ़कर 5 हज़ार करोड़ हो गया.

1995 में आचार्य बालकृष्ण ने अपने गुरू शंकरदेव के आश्रम में दिव्य फार्मेसी शुरू की थी. आज दिव्य फार्मेसी की सहयोगी पतंजलि दुनिया में मशहूर हो चुकी है और देश विदेश में पतंजलि के प्रोडक्ट्स की भारी मांग है.

वहीं, आज बालकृष्ण सफ़ेद रंग के कुर्ते में भले रहते हों, लेकिन उन्हें बाउंसरों ने घेरा रहता है. जबकि, वे 70 लाख से भी महंगी RANGE ROVER गाड़ी में चलते हैं. कंधे पर थैला और पैरों में चप्पल पहने आचार्य बालकृष्ण रामदेव के आयुर्वेद का पूरा कारोबार संभालते हैं.

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guru purnima special story on acharya balkrishna

गुरु पूर्णिंमा स्पेशल: इस गुरु शिष्य की जोड़ी की संपत्ति जानकार उड़ जाएंगें होश   



देहरादून: 17 साल पहले कनखल में रहने वाले नेपाली मूल के इस वैध के बारे में लोग सिर्फ इतना ही जानते थे कि ये एक योगी के साथ वैध में रूप में रहते हैं. साइकिल पर चलने वाले इस वैध के तन पर कपड़ों के नाम पर एक धोती और कुर्ता टंगा रहता. तब सुबह से शाम तक पसीने से तरबतर रहने वाले इस वैध को देखकर किसी को इल्म नहीं रहा होगा कि ये व्यक्ति एक दिन देश-दुनिया के रईशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा. 

ईटीवी भारत आपको आज ऐसी ही गुरु शिष्य की जोड़ी से अवगत कराने जा रहा है. जो आज अपनी मेहनत के दम पर देश-दुनिया में अपना अलग ही बना चुके हैं. जी हां, योगगुरु बाबा रामदेव की शिष्य आचार्य बालकृष्ण को बीते साल चीन की एक बिजनेस पत्रिका हुरून ने भारत के रईशों की सूची में 25वें स्थान पर रखा है. इस पत्रिका ने बालकृष्ण की कुल संपत्ति 25 हजार करोड़ रुपए आंकी थी. हालांकि, अब बीते दो सालों में उनकी संपत्ति में ओर भी इजाफा हुआ है. 

रामदेव की सफलता में बालकृष्ण का हाथ 

इसमें कोई दो राय नहीं है कि योगगुर स्वामी रामदेव का जीतना भी आज देश-दुनिया में एम्पायर खड़ा किया है. उसमें उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का भी बड़ा योगदान है. हरिद्वार के कनखल से एक छोटी सी कुटिया से अपने काम की शुरुवात करने वाले स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण इस मुकाम तक पहुंचेंगे ये शायद खुद उन्होंने भी नहीं सोचा था. वहीं, आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि योगपीठ लोककल्याण और देशहित के लिए कार्य कर रहा है. उनकी मानें तो अभी ये शुरुआत है, पतंजलि देश ही नहीं दुनिया में पहले नंबर वन पर आएगी. बस देश की जनता उन्हें यूं ही प्यार देते रहे. 

बालकृष्ण ने कंपनियों पर लगाया आरोप

वहीं, चीन की बिजनेस पत्रिका में नाम आने के बाद रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का कहना था की हमारी कम्पनी अभी अनलिस्टेड है और ऐसे में अनलिस्टेड कंपनी का देश की बड़ी कंपनियों में शुमार होना एक बड़ी बात है. ज्यादातर अन्य कंपनियां और लिस्टेड कंपनियां तक आंकड़ों में हेराफेरी कर इस तरह की लिस्ट में आने की कोशिश करती है. मगर, पतंजलि की ग्रोथ दुनिया के लोगो के लिए आंखें खोल देने वाली है.

आखिर कितना है बालकृष्ण की कंपनियों का टर्न ओवर

लगभग 15 साल पहले शुरू हुआ काम पूरे देश में नजर आ रहा है. बिजनेस पत्रिका की मुताबिक, आचार्य बालकृष्ण के पास लगभग 25 हजार 600 करोड़ की संपत्ति है. जबकि, रईशों की सूची में मुकेश अंबानी पहले और दिलीप सांघवी दूसरे नंबर पर हैं. वहीं, पतंजलि का मुनाफ़ा पिछले तीन साल में 233 प्रतिशत बढ़ा है.

मैगज़ीन ने पतंजलि को भारत में सबसे तेजी से बढ़ता एफएमसीजी ब्रांड बताया है. फिलहाल, पतंजलि का सालाना टर्नओवर 5 हजार करोड़ रुपये का है और 2017 में ये दोगुना होने की उम्मीद है. साल 2013-14 में पतंजलि का कुल मुनाफा 95.19 करोड़ था जो 2016 में बढ़कर 5 हज़ार करोड़ हो गया.

1995 में आचार्य बालकृष्ण ने अपने गुरु शंकरदेव के आश्रम में दिव्य फार्मेसी शुरू की थी. आज दिव्य फार्मेसी की सहयोगी पतंजलि दुनिया में मशहूर हो चुकी है और देश विदेश में पतंजलि के प्रोडक्ट्स की भारी मांग है. 

वहीं, आज बालकृष्ण सफ़ेद रंग के कुर्ते में भले रहते हो लेकिन उन्हें बाउंसरों ने घेरा रहता है. जबकि, वे 70 लाख से भी महंगी RANGE ROVER गाड़ी में चलते हैं. कंधे पर थैला और पैरों में चप्पल पहने आचार्य बालकृष्ण रामदेव का आयुर्वेद का पूरा कारोबार संभालते हैं.

 


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Last Updated : Jul 16, 2019, 8:29 PM IST
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