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हरिद्वार के मठ-मंदिरों में धूमधाम से मनाई गई गुरु पूर्णिमा - Guru Purnima celebrated with pomp in Haridwar

हरिद्वार के मठ-मंदिरों में धूमधाम से गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है. यहीं दूर-दूर से लोग अपने गुरुओं की पूजा अर्चना के लिए यहां पहुंचे हैं.

Guru Purnima in Haridwar
हरिद्वार के मठ-मंदिरों में धूमधाम से मनाई गई गुरु पूर्णिमा
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Published : Jul 13, 2022, 5:26 PM IST

हरिद्वार: आज गुरु पूर्णिमा है. यानि गुरु की पूजा का दिन है. आज ही के दिन वेदों की रचना करने वाले महर्षि वेद व्यास का जन्मदिन भी माना जाता है. वेद व्यास ज्ञान का भंडार थे. इसलिए हिन्दू धर्म में उन्हें प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है. यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. ये दिन गुरुओं के पूजन का भी होता है. हरिद्वार में भी आश्रम और अखाड़ों में लोग अपने-अपने गुरुओं की पूजा के लिए लोग दूर-दूर से हरिद्वार पहुंचे.

कोरोना महामारी के कारण 2 साल बाद आश्रम-अखाड़ों में होने वाले कार्यक्रम में भक्तों ने बड़ी संख्या में गुरु पर्व मनाया. आज के दिन निरंजनी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने अपने अपने आश्रम में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया.

धूमधाम से मनाई गई गुरु पूर्णिमा

पढे़ं- ऊखीमठ बाजार आ रही महिला के ऊपर गिरी चट्टान, मौके पर दर्दनाक मौत

गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के मां मनसा देवी चरण पादुका परिसर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व मां मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वाद दिया.

पढ़ें- उत्तराखंड के 5 जिलों में येलो अलर्ट, कहीं सड़कें बंद तो कहीं हुआ भूस्खलन

इस दौरान उन्होंने कहा सद्गुरुदेव अपने शिष्यों को सदमार्ग पर चलाकर उनको श्रद्धावान, ज्ञानवान, यशवान बनाकर एक अच्छे समाज की स्थापना करते हैं. उन्होंने कहा सद्गुरुदेव ही अपने शिष्यों को जीवन जीने की कला सिखाते हैं. उनके जीवन पर कष्टों को समाप्त कर जीवन का कल्याण करें. हमें अपने सद्गुरुदेव की आज्ञा को अपने जीवन में उतार कर जीवन के अंधकार को समाप्त कर प्रकाशमान करना चाहिए.

हरिद्वार: आज गुरु पूर्णिमा है. यानि गुरु की पूजा का दिन है. आज ही के दिन वेदों की रचना करने वाले महर्षि वेद व्यास का जन्मदिन भी माना जाता है. वेद व्यास ज्ञान का भंडार थे. इसलिए हिन्दू धर्म में उन्हें प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है. यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. ये दिन गुरुओं के पूजन का भी होता है. हरिद्वार में भी आश्रम और अखाड़ों में लोग अपने-अपने गुरुओं की पूजा के लिए लोग दूर-दूर से हरिद्वार पहुंचे.

कोरोना महामारी के कारण 2 साल बाद आश्रम-अखाड़ों में होने वाले कार्यक्रम में भक्तों ने बड़ी संख्या में गुरु पर्व मनाया. आज के दिन निरंजनी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने अपने अपने आश्रम में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया.

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गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के मां मनसा देवी चरण पादुका परिसर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व मां मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वाद दिया.

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इस दौरान उन्होंने कहा सद्गुरुदेव अपने शिष्यों को सदमार्ग पर चलाकर उनको श्रद्धावान, ज्ञानवान, यशवान बनाकर एक अच्छे समाज की स्थापना करते हैं. उन्होंने कहा सद्गुरुदेव ही अपने शिष्यों को जीवन जीने की कला सिखाते हैं. उनके जीवन पर कष्टों को समाप्त कर जीवन का कल्याण करें. हमें अपने सद्गुरुदेव की आज्ञा को अपने जीवन में उतार कर जीवन के अंधकार को समाप्त कर प्रकाशमान करना चाहिए.

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