हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार के दक्षिण काली पीठ मंदिर में इन दिनों विदेशियों का जमावड़ा लगा हुआ है. विदेशी साधक निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा लेने पहुंचे हैं. अमेरिका, रूस, जर्मनी, कनाडा जैसे देशों से 90 साधकों का दल हरिद्वार में यज्ञ अनुष्ठान में शामिल होकर हिंदू संस्कृति से जुड़ रहा है. सोमवार को ये सभी साधक कैलाशानंद गिरि से दीक्षा लेंगे. स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि विदेशी अनुयायी हिंदू पूजा-पद्धति से प्रभावित होकर काली मंदिर पीठ से जुड़ रहे हैं.
अमेरिका से 90 नागरिकों का दल आज हरिद्वार के दक्षिण काली मंदिर पहुंचा. जहां उन्होंने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी का आशीर्वाद लिया और यज्ञ में सम्मिलित हुए. स्वामी वेदव्यासानंद के नेतृत्व में 90 विदेशी नागरिक मकर संक्राति पर सनातन धर्म की दीक्षा लेंगे. निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज सभी नागरिकों को दक्षिण काली मंदिर के घाट पर सनातन धर्म की दीक्षा प्रदान करेंगे.
शुक्रवार को सभी नागरिकों ने गंगा तट पर ध्यान पूजन कर मां दक्षिण काली के दर्शन किए और स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज से आशीर्वाद लिया. सभी को मां की चुनरी और नारियल भेंट कर आशीर्वाद प्रदान करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि सनातन धर्म की संस्कृति और परंपराओं से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है.
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विदेशों में रह रहे लोग पाश्चात्य संस्कृति का परित्याग कर सनातन धर्म संस्कृति के बारे में जानना और इसे अपनाना चाहते हैं. हमारा प्रयास है कि पूरे विश्व में सनातन धर्म संस्कृति को पहुंचाया जाए. उन्होंने बताया कि शांति और ज्ञान की तलाश में अमेरिका से 90 लोग स्वामी वेदव्यासानंद महाराज के संयोजन में हरिद्वार आए हैं. सभी को सनातन परंपरा के अनुरूप यज्ञ, ध्यान और पूजन विधि सिखाई जा रही है. 15 जनवरी मकर संक्रांति के अवसर पर सभी को दीक्षा प्रदान की जाएगी.
उन्होंने कहा कि स्वामी वेदव्यासानंद महाराज विदेशों में सनातन धर्म संस्कृति को आगे बढ़ाने में अहम योगदान कर रहे हैं. गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है. गुरूदेव स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के मार्गदर्शन में अमेरिका व अन्य देशों में सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि 15 जनवरी को दीक्षा कार्यक्रम में अनेक प्रमुख संत मौजूद रहेंगे.