हरिद्वार: धर्मनगरी में होने वाले महाकुंभ में मुख्य शाही स्नान के लिए कुंभ मेला पुलिस किसी भी तरह से ढिलाई नहीं बरत रही है. अलग-अलग प्लान बनाकर मेला पुलिस हरिद्वार में हो रहे महाकुंभ को सुरक्षित, दिव्य और भव्य बनाने में जुटी हुई है. वहीं, आज हरिद्वार में गढ़वाली लोक कला व संस्कृति की झलक दिखाई दी. प्रेमनगर आश्रम में देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति द्वारा कुंभ मेले के अवसर पर भगवान बदरीनाथ और हनुमान जी की पवित्र धर्म ध्वजा स्थापना की गई.
आपातकालीन निपटने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनेगा
इसी कड़ी में महाकुंभ के मुख्य शाही स्नान को लेकर कुंभ मेला पुलिस ने बताया कि कुंभ में सुरक्षा और आपातकालीन स्थिति के समय किसी भी आकस्मिक घटना से निपटने के लिए देहरादून से हरिद्वार तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसके लिए फोरलेन हाईवे पर एक लेन को खाली रखा जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर तुरंत ही इस लेन का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए मेला पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है.
बता दें कि महाकुंभ के दौरान कई बार अप्रिय घटनाएं घट जाती हैं, इसके साथ ही शाही या अन्य स्नान के दौरान कई बार हाईवे पर यातायात का दबाव बढ़ जाता है. यातायात का दबाव बढ़ने पर एंबुलेंस और अन्य आकस्मिक वाहनों को रास्ता नहीं मिल पाता है. शाही स्नान के दौरान ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया है.
ये भी पढ़ें: फटी जींस विवाद: चौतरफा घिरे CM तीरथ बोले- गलत तरह से पेश हुआ बयान
कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बताया शाही स्नान के दौरान हाईवे पर एक लेन को पूरी तरह से खाली रखा जाएगा. इस लेन से वाहनों का आवागमन कराया जाएगा. वहीं, ग्रीन कॉरिडोर के रास्ते में आने वाली अड़चन को वहां पर पहले से ही तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा हटवाया जाएगा. साथ ही कुंभ मेला पुलिस ने कोरोना को देखते हुए मुख्य शाही स्नान को अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का निर्णय भी लिया है. इसके लिए कुंभ मेला पुलिस सभी तेरह अखाड़ों द्वारा किए जा रहे शाही स्नान को सोशल मीडिया के माध्यम से सीधा प्रसारित करेगी.
लोक संस्कृति की दिखी झलक
हरिद्वार में आज गढ़वाली लोक कला और संस्कृति की झलक दिखाई दी, प्रेमनगर आश्रम में देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति द्वारा कुंभ मेले के अवसर पर भगवान बद्रीनाथ और हनुमान जी की पवित्र धर्म ध्वजा की स्थापना की गई. इस कार्यक्रम में महिलाएं गढ़वाली पारंपरिक पोशाक पहने नजर आईं.
प्रेम नगर आश्रम में देव डोली कि धर्म ध्वजा में उत्तराखंड की संस्कृति देखने को मिली. उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों ने अलग ही समा बांध दिया. वाद्य यंत्र बजाने वाले वादक भगत दास का कहना है कि यह हमारे गढ़वाल की संस्कृति है. रणसिंघा, ढोल, दमाऊ, मस्क बीन गढ़वाल के वाद्य यंत्र है और इसको सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.