हरिद्वार: बैरागी कैंप क्षेत्र में बड़ी मात्रा में दवाइयों को गड्ढे में दबाने का मामला सामने आया है. गड्ढे के आसपास दवाओं के कुछ पत्ते मिले हैं, जो एक्सपायर भी नहीं थे. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एसडीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देकर जेसीबी से खुदाई करके गड्ढे से दवाइयों को बाहर निकलवाया और जांच के आदेश दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक स्थानीय लोगों ने बड़ी मात्रा में दवाओं को जमीन में दबाने की सूचना प्रशासन को दी. सूचना पाकर प्रशासन और विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच में जुट गए. जल्दबाजी में दबाई गई दवाओं के कुछ पत्ते आसपास फैले दिखाई दिए, जो एक्सपायर भी नहीं थे.
सूचना पर एसडीएम पूरण सिंह राणा भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों को जेसीबी मशीन से गड्ढे को खोदवाया और दवाइयों को निकलवाया. एसडीएम ने कहा गड्ढे में दबाई गईं सभी दवाएं सरकारी हैं. इनमें से कुछ दवाएं एक्सपायरी डेट की हैं तो, कुछ एक्सपायर नहीं हुई है. मामले की जांच की जा रही है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया है.
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मौके पर पहुंची हरिद्वार की ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कहा दवाओं में सिरप, कैप्सूल और टैबलेट सभी तरह की दवाएं हैं. स्थानीय निवासी ने बताया कि दवाओं को किसी ने रात में गड्ढे में दबाया था, लेकिन किसने और क्यों दवाओं को गड्ढे में छुपाया, ये अभी पता नहीं चल पाया है. बहुत सारी दवाओं पर एक्सपायरी डेट साल 2024 तक है.
अनीता भारती ने कहा फिलहाल मैंने दवाइयों के सैंपल ले लिए हैं. जिसकी रिपोर्ट हरिद्वार के सीएमओ को बना कर दी जाएगी. उसके बाद दवाइयों के बैच नंबर देखे जाएंगे, जिसके आधार पर पता चलेगा कि किस हॉस्पिटल को यह दवाइयां अलॉट हुई थीं.
सीएमओ डॉ मनीष दत्त ने कहा दवाओं को इस तरह डाला जाना एक अपराध है. मौके पर डॉक्टरों की टीम को भेजा गया है. इसका पता लगाया जाएगा कि दवाएं वहां किसने और क्यों दबाई? गौरतलब है कि 2010 में भी रुड़की सिविल अस्पताल के नाले में लाखों रुपए की दवाएं मिली थी.