हरिद्वारः केंद्र सरकार द्वारा गंगा की स्वछता और निर्मलता के लिए नमामि गंगे जैसी बड़ी परियोजना बनाई है. करोड़ों रूपये का बजट अब तक गंगा पर खर्च किया जा चुका है, मगर धरातल पर कितना काम हुआ है ये हरिद्वार में गंगा के सूखने पर साफ दिखाई दे रहा है. साफ सफाई के लिए सालाना बंदी के दौरान गंगा में गंदे नाले, सीवर का पानी धड़ल्ले से गिर रहा है. जिसको लेकर हरिद्वार के निवासियों और गंगा प्रेमियों में रोष है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार गंगा में एक भी नाला नहीं गिर रहा है. सभी गंदे नालों को टैप कर दिया गया है. हरिद्वार के गंगा प्रेमी रामेश्वर गौड़ का कहना है कि उनके अनशन के दौरान सरकार ने कहा था कि मार्च तक सभी नाले टैप कर दिए जाएंगे, मगर अभी तक ये काम नही किया गया.
हरिद्वार में ही गंगा बन्दी के दौरान कई नाले गंगाजी में साफ गिरते देखे जा रहे हैं, मगर सरकार को इसकी कोई फिक्र नही. लाखों करोड़ों रुपयों का बजट अब तक गंगा पर खर्च किया जा चुका है, मगर धरातल पर गंगा की स्वच्छता कहीं दिखाई नहीं देती. उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार इन नालों को टेप नहीं करती तो उन्हें फिर से अनशन के लिये मजबूर होना पड़ेगा.
वहीं हरिद्वार के स्थानीय लोगों ने भी इसे सरकार की नाकामयाबी ही बताया है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि आज गंगा की साफ सफाई के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट सरकार चला रही है, लेकिन आज जब गंगा बंदी के दौरान साफ देखा जा रहा है कि गंगा कितनी साफ हुई है.
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उनका ये भी कहना है कि आज गंगा में कितना गंदा पानी जा रहा है, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार प्रशासन क्या काम कर रही है गंगा के लिए ये तो गंगा की स्थिति देखकर लगता है कि ये तो देश और समाज के दुर्भाग्यपूर्ण है.