लक्सर: यदि आप भी बैंक में कमी पैसा जमा कराने या फिर निकालने जाते हैं तो लापरवाही बिल्कुल भी न बरतें. वरना आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसे ही एक मामला लक्सर में एसबीआई की ब्रांच से सामने आया है, जहां टप्पेबाज ने एक किसानों के एक लाख रुपए उड़ा लिए और किसान को खबर तक भी नहीं लगी.
लक्सर कोतवाली से मिली सूचना के मुताबिक किसान का नाम रियाजुल है, जो लक्सर कोतवाली क्षेत्र के खड़ंजा कुतुबपुर गांव का रहने वाला है. उसने बताया कि 30 जनवरी को वो लक्सर में एसबीआई बैंक की शाखा से पैसे निकालने गया था. बैंक ने उसने एक लाख रुपए निकाले और फिर बैंक के अंदर कैंश की विडो के पास खड़ा होकर पासबुक में एंट्री करवाने लगा. तभी किसी ने किसान थैले पर ब्लेड मारा और उसमें रखे एक लाख रुपए निकाल लिए.
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किसान ने बताया कि उसने जब थैले में हाथ डाला तो उसमें पैसे नहीं थे और फटा हुआ भी था. इसके बाद किसान ने पुलिस को कॉल किया. जानकारी मिलते ही बाजार चौरी के पुलिस बैंक पहुंची और मामले की जांच पड़ताल की. वहीं, लक्सर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज और अन्य माध्यमों से मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. फिलहाल ग्रामीण की तरफ से कोई लिखित तहरीर नहीं प्राप्त हुई है. लेकिन फिर भी पुलिस मामले की गहनता से जांच पड़ताल कर रही है, जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा.
गौरतलब है कि एसबीआई बैंक में टप्पेबाजी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले में भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें बैंक में गए लोग टप्पेबाजी का शिकार हो गए. अभी कुछ दिन समय पहले एक व्यक्ति के पीछे खड़े व्यक्ति द्वारा पैसे हटा लिए गए थे. वो घटना भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी.
नौकरी के नाम पर दो लाख की ठगी: वहीं, लक्सर कोतवाली में नौकरी लगवाने के नाम पर दो लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित भगवानपुर तहसील क्षेत्र के भलस्वगज गांव का रहना वाला है. उसने इस मामले में पुलिस को तहरीर दी है. तहरीर में पीड़ित ने कहा कि साल 2021 में नौकरी में लिए वो कनखल गया था, जहां उसकी मुलाकात अब्दुल कादिर नाम के व्यक्ति से हुई. अब्दुल कादिर ने उससे कहा कि वो उसकी सरकारी नौकरी लगवा देगा.
इसके लिए आरोपी कादिर ने पीड़ित से ढाई लाख रुपए का इंतजाम करना होगा. आरोप है कि कादिर के झांसे में आकर शुभम ने उसे ढाई लाख दे दिए. अब्दुल कादिर ने उसे अपने मोबाइल में एक नियुक्ति पत्र दिखाया और कहा कि इस पर सचिव के साइन होना बाकी है. कई दिन बीत जाने पर भी उसकी कहीं नौकरी नहीं लगी और ना ही उसका पैसा वापस मिला.