हरिद्वार: ज्वालापुर कोतवाली (Haridwar Jwalapur Kotwali) क्षेत्र में जहां पुलिस आए दिन वारदातों का खुलासा कर रही है, वहीं अपराधी एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दे रहे हैं. ताजा मामला कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में ही टप्पेबाजी का सामने आया है. जहां टप्पेबाजों ने सोने की घड़ी बताकर नकली घड़ी दो लोगों को दे दी (fraud in selling fake gold watch) और इसके बदले में लाखों रुपए की नकदी और सोने के जेवरात ले उड़े. अब पीड़ितों ने इस मामले में कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को तहरीर दी है.
मिली जानकारी के अनुसार भैरव मंदिर कॉलोनी कनखल में रहने वाले वाइके शर्मा मंगलवार शाम कोतवाली ज्वालापुर स्थित आईसीआईसीआई बैंक में किसी काम से आए थे. इसी दौरान बैंक के बाहर उन्हें तीन लोग उन्हें मिले, जिन्होंने खुद को यात्री बताते हुए पैसे चोरी होने की बात बताई और वाईके शर्मा को एक सोने की घड़ी जिसकी कीमत लाखों में बताकर उसे ₹50000 में बेचने की बात कही. वो जालसाजों के झांसे में आ गए और तत्काल एटीएम से पैसे निकाल कर उन्हें दे दिए. लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि वह घड़ी तो नकली है.
वहीं बुधवार शाम भी खन्ना नगर गली नंबर 1 में रहने वाले पीएन शर्मा ने भी पुलिस को तहरीर देकर कहा कि उनके घर की गली के बाहर उन्हें तीन लोग मिले जो खुद को यात्री बता रहे थे, इन तीनों लोगों ने उन्हें एक सोने की घड़ी दिखाई, जिसकी कीमत ₹800000 बताई. उन्होंने कहा कि उन्हें वापस जाना है, लिहाजा उन्हें पैसों की जरूरत है, वो अपनी घड़ी ₹300000 में बेच देंगे. लेकिन पीएन शर्मा ने ₹300000 देने में असमर्थ जताई तो आरोपियों ने उनसे ₹50000 और सोने के कुछ जेवरात में सौदा कर लिया. पैसा और जेवर लेकर तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन बाद मे पता चला कि उनके साथ सोने की घड़ी के नाम पर ठगी हुई है.
पढ़ें-टप्पेबाज महिलाओं ने ऑटो सवार मां-बेटी के पर्स पर किया हाथ साफ, 5 लाख के जेवरात गायब
जिसके बाद परिवार कोतवाली ज्वालापुर पुलिस के पास पहुंचा और तीनों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की. वरिष्ठ उप निरीक्षक ज्वालापुर प्रदीप तोमर ने बताया कि टप्पेबाजी की घटनाओं में पीड़ितों द्वारा तहरीर दी गई है, पुलिस इलाके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि इन शातिर टप्पेबाजों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सकें.
जमीन के नाम पर धोखाधड़ी: हरिद्वार के कई थाना क्षेत्रों में धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. थाना पुलिस से सहयोग न मिलने के बाद एक बार फिर एसएसपी के आदेश पर सिडकुल थाना पुलिस ने बैंक का लोन चुकाए बगैर संपत्ति बेचने के मामले में सिडकुल थाना में मुकदमा दर्ज कराया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मिली जानकारी के अनुसार बबीता सिंह और हरमन अरोड़ा निवासी शास्त्री नगर देहरादून ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को शिकायती पत्र देकर बताया कि उन्हें हरिद्वार में आवासीय संपत्ति खरीदनी थी. प्रॉपर्टी डीलर विकास त्यागी ने रावली महदूद निवासी स्मिता भंडारी व उसके पति धर्मेंद्र से मिलवाया. धर्मेंद्र का कहना था कि उनकी सम्पत्ति बैंक ऑफ बड़ौदा ऋषिकेश में बंधक है और लगभग 50 लाख रुपये बकाया है. प्रॉपर्टी डीलर विकास त्यागी, स्मिता भंडारी व उसके पति धर्मेन्द्र कुमार की बातों में आकर उन्होंने अलग-अलग किश्तों में कुल 52.20 लाख रुपये अदा किए और कब्जा लेकर संपत्ति को किराये पर दे दिया. कुछ दिन बाद एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस की ओर से उन्हें एक कॉल आई और उन्हें बताया गया कि संपत्ति पर 33 लाख रुपये का कर्ज बाकी है.
पढ़ें-रंगेहाथ हाथ पकड़ा गया टप्पेबाज, पुलिस पूछताछ में उगले कई राज
यह सुनकर वह चौंक गए, जानकारी जुटाने पर पता चला कि संपत्ति वर्ष 2015 से एलआईसी हाउसिंग के पास गिरवी रखी हुई है. उन्होंने स्मिता भंडारी, धर्मेन्द्र कुमार, विकास त्यागी आदि से सम्पर्क किया तो उन्होंने लोन चुकाने का वादा किया. बीते छह अगस्त को एलआईसी एचएफएल की ओर से संपत्ति खाली करने के लिए नोटिस चस्पा कर दिया गया. आरोप लगाया कि धोखाधड़ी कर बंधक रखी गई संपत्ति बेचते हुए रकम हड़प ली गई. एसएसपी के निर्देश पर सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया. इंस्पेक्टर सिडकुल प्रमोद उनियाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. जिन पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है, उनसे पूछताछ की जा रही है.
देहरादून पुलिस ने लौटाई धनराशि: देहरादून में साइबर अपराध थमने का नाम नहीं ले रही है, लेकिन पुलिस मामले के सामने आने के बाद तत्काल कार्रवाई कर रही है. साइबर क्राइम सेल देहरादून द्वारा ऑनलाइन साइबर ठगी के शिकार हुई महिला के खाते में कुल छह लाख रुपये की धनराशि लौटाई है. साथ ही पीड़िता की तहरीर के आधार थाना रानीपोखरी में अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है. बता दें कि 27 जुलाई को पीड़िता नीलम देवी निवासी रानीपोखरी जनपद देहरादून के साथ रुपये एक लाख बीस हजार रुपए की साइबर ठगी की शिकायत साइबर क्राइम सेल को दी.
जिसमें साइबर पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए खातों को फ्रीज कराया गया,साथ ही पीड़िता की धनराशि वापस लौटाई गई. मामले में पुलिस उपाधीक्षक स्पेशल ऑपरेशन्स के नीरज सेमवाल ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीड़िता को कॉल कर धोखाधड़ी की गई. जिस पर तत्काल कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति ठगी का शिकार होता है तो तत्काल नजदीकी थाना, साइबर क्राइम का टोल फ्री नम्बर- 1930 एवं www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकता है.