रामनगर: हरिद्वार के राजाजी नेशनल पार्क में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए कॉर्बेट पार्क से 5 बाघ भेजे जाने थे. इसमें दो बाघिन और एक बाघ पहले ही भेजे जा चुके हैं. अब चौथे बाघ को भेजने की तैयारी की जा रही है. चौथे बाघ को भेजे जाने की अनुमति मिलने के बाद कॉर्बेट प्रशासन पार्क के कोर जोन से बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने का प्रयास कर रहा है.
राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर धौलखंड क्षेत्र में सालों से दो बाघिन ही थीं. वहां बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व से 5 बाघ भेजे जाने की एनटीसीए ने योजना तैयार की थी, जिसके तहत 24 दिसंबर 2020 को बाघिन इसके बाद आठ जनवरी 2021 को एक और बाघ व 2023 में 3 महीन पहले एक बाघिन को रेस्क्यू कर राजाजी टाइगर रिजर्व भेजा जा चुका है.
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वहीं, अब तक कुल दो बाघिन और एक बाघ कॉर्बेट से राजाजी भेजे जा चुके हैं. अब चौथे बाघ को कॉर्बेट पार्क के वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम चिन्हित करने के साथ ही ट्रेंकुलाइज करने में जुटी है. वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल इसको एक अच्छी पहल मानते हैं. वे कहते हैं कि जब एक ही जगह की स्पीसेस ब्रीड करते हैं तो बीमारियों के बढ़ने का खतरा बढ़ता है. जब कॉर्बेट पार्क का बाघ और राजाजी की बाघिन मेट करेंगे तो इससे बाघों की संख्या तो बढ़ेगी ही, साथ ही उनका भविष्य भी सुनिश्चित होगा.
वहीं, कॉर्बेट पार्क निदेशक डॉक्टर धीरज पांडेय ने बताया कि एनटीसीए की अनुमति के बाद राजाजी में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए बाघों को भेजा जाएगा. इससे पहले 2 बाघिन व एक बाघ को भेजे जा चुके हैं. अब चौथे मेल बाघ को पार्क के कोर जोन से चिन्हीकरण व कैमरा ट्रैप की मदद से ट्रेंकुलाइज करने का कार्य अभी गतिमान है.