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गरीब बच्चों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रहे पूर्व फौजी, कई बच्चों का भारतीय सेना में हुआ चयन - Former military Rajkumar Sindhu

रुड़की के करौंदी गांव में पूर्व फौजी राजकुमार सिंधु ने अचीवर्स स्पोर्ट्स एंड मिलिट्री एकेडमी की शुरुआत लॉकडाउन से पहले की थी. इस एकेडमी में ट्रेनिंग लेकर से कई बच्चों ने आर्मी और पुलिस में नौकरी हासिल की है. वहीं, इसमें गरीब और असहाय बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है. यही वजह है कि सैकड़ों बच्चे बहुत कम खर्च पर यहां से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं.

Rajkumar Sindhu is giving training to poor children
गरीब बच्चों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रहे पूर्व फौजी
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Published : Jul 7, 2022, 5:59 PM IST

Updated : Jul 10, 2022, 10:57 PM IST

रुड़की: कहते हैं नेक नीयत हो तो, मंजिल मिल ही जाती है. इसी राह पर चलकर एक पूर्व फौजी ने गरीब बच्चों के लिए नि:शुल्क कोचिंग सेंटर की शुरुआत की, जिसमें आर्मी और पुलिस की भर्ती के लिए बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है. शुरुआत में चंद बच्चों के साथ शुरू हुआ ट्रेनिंग सेंटर अब बड़ा केंद्र बन चुका है. इस ट्रेनिंग सेंटर से कई बच्चे ट्रेनिंग पाकर आर्मी और पुलिस में भर्ती भी हो चुके हैं.

बता दें कि इंडियन आर्मी से सूबेदार की पोस्ट से रिटायर्ड होकर पूर्व फौजी राजकुमार सिंधु ने बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए अपनी खाली पड़ी जमीन पर ट्रेनिंग सेंटर बनाया. शुरुआत में बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग देकर उन्हें सरकारी नौकरी की भर्ती के लायक बनाया गया. जब बच्चों की तादाद बढ़ने लगी तो फौजी को और ट्रेनर की व्यवस्था करनी पड़ी, जिसके लिए बच्चों को मनमर्जी शुल्क देने और गरीब अहसाय बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग का सिसिला जारी रहा, इस ट्रेनिंग सेंटर से अभी तक 25 बच्चे ट्रेनिंग लेकर पुलिस, सीआरपीएफ और इंडियन आर्मी में भर्ती हो चुके हैं. वहीं, सैकड़ो बच्चें बहुत कम खर्च पर यहां से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं.

गरीब बच्चों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रहे पूर्व फौजी

भगवानपुर मार्ग स्थित करौंदी गांव में अचीवर्स स्पोर्ट्स एंड मिलिट्री एकेडमी की शुरुआत पूर्व फौजी राजकुमार सिंधु ने कोविड काल से पहले की थी. एकेडमी में ऐसे बच्चे जो निर्धन, गरीब है और पैसों के अभाव में ट्रेनिंग नहीं ले पाते उन्हें भर्ती किया गया. साथ ही उन्हें निःशुल्क ट्रेनिंग मुहैया कराई गई, लेकिन कुछ समय बाद ही कोविड-19 के चलते लॉकडाउन लग गया और एकेडमी को बंद करना पड़ा, लेकिन पूर्व सूबेदार ने हिम्मत नहीं हारी.

ये भी पढ़ें: प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की जान से खिलवाड़, हेल्थ एजेंसी और मेडिकल काउंसिल ऑफ उत्तराखंड ने भेजा नोटिस

लॉकडाउन खुलने के बाद एकेडमी को फिर दोबारा से शुरू किया गया. इस एकेडमी से ट्रेनिंग लेकर 25 बच्चे विभिन्न सरकारी नौकरियों में भर्ती हुए. पूर्व फौजी राजकुमार बताते हैं कि जब बच्चा कामयाब होता है तो, उनकी मेहनत सफल होती है. फौज से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर खोलने और गरीब बच्चों को ट्रेनिंग देने का मन बनाया था. उनके दोनों बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर रहते हैं. वह फौज से रिटायर्ड होने के बाद अकेले पड़ गए थे, इसके साथ ही उनके पास फौज की ट्रेनिंग का ज्ञान था. इसीलिए उन्होंने ये कदम उठाया, जिससे क्षेत्र के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो रहा है. उन्हें ये काम करके बेहद गर्व महसूस हो रहा है.

राजकुमार ने बताया कि एकेडमी में अभी तक करीब 250 छात्रों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. ये ट्रेनिंग करीब 4 माह की होती है. बाकी बच्चों के ऊपर होता है कि वो कितने दिनों में सीख सकता है. एकेडमी में दिल्ली, मेरठ, राजस्थान, सहारनपुर, तेलंगाना, कर्नाटक और अन्य राज्यों से छात्र ट्रेनिंग के लिए आते हैं. ट्रेनिंग का समय सुबह 5:30 से 7:30 और शाम 4:00 बजे से 6:30 होता है. ट्रेनिंग में 1600 मीटर की रनिंग आर्मी के लिए और पुलिस के लिए 3 किलोमीटर की होती है. इसी के साथ ट्रेनिंग में पुश अप टेस्ट होते हैं. साथ ही पुल अप, सेटअप व अन्य चीजें होती हैं. सुबह ट्रेनिंग के बाद छात्र अपनी परेड करते हैं. छात्रों की पढ़ाई के लिए क्लास रूम बनाए गए हैं. वहीं, छात्रों के लिए खाना बनाने के लिए एक व्यक्ति को रखा हुआ है.

रुड़की: कहते हैं नेक नीयत हो तो, मंजिल मिल ही जाती है. इसी राह पर चलकर एक पूर्व फौजी ने गरीब बच्चों के लिए नि:शुल्क कोचिंग सेंटर की शुरुआत की, जिसमें आर्मी और पुलिस की भर्ती के लिए बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है. शुरुआत में चंद बच्चों के साथ शुरू हुआ ट्रेनिंग सेंटर अब बड़ा केंद्र बन चुका है. इस ट्रेनिंग सेंटर से कई बच्चे ट्रेनिंग पाकर आर्मी और पुलिस में भर्ती भी हो चुके हैं.

बता दें कि इंडियन आर्मी से सूबेदार की पोस्ट से रिटायर्ड होकर पूर्व फौजी राजकुमार सिंधु ने बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए अपनी खाली पड़ी जमीन पर ट्रेनिंग सेंटर बनाया. शुरुआत में बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग देकर उन्हें सरकारी नौकरी की भर्ती के लायक बनाया गया. जब बच्चों की तादाद बढ़ने लगी तो फौजी को और ट्रेनर की व्यवस्था करनी पड़ी, जिसके लिए बच्चों को मनमर्जी शुल्क देने और गरीब अहसाय बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग का सिसिला जारी रहा, इस ट्रेनिंग सेंटर से अभी तक 25 बच्चे ट्रेनिंग लेकर पुलिस, सीआरपीएफ और इंडियन आर्मी में भर्ती हो चुके हैं. वहीं, सैकड़ो बच्चें बहुत कम खर्च पर यहां से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं.

गरीब बच्चों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रहे पूर्व फौजी

भगवानपुर मार्ग स्थित करौंदी गांव में अचीवर्स स्पोर्ट्स एंड मिलिट्री एकेडमी की शुरुआत पूर्व फौजी राजकुमार सिंधु ने कोविड काल से पहले की थी. एकेडमी में ऐसे बच्चे जो निर्धन, गरीब है और पैसों के अभाव में ट्रेनिंग नहीं ले पाते उन्हें भर्ती किया गया. साथ ही उन्हें निःशुल्क ट्रेनिंग मुहैया कराई गई, लेकिन कुछ समय बाद ही कोविड-19 के चलते लॉकडाउन लग गया और एकेडमी को बंद करना पड़ा, लेकिन पूर्व सूबेदार ने हिम्मत नहीं हारी.

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लॉकडाउन खुलने के बाद एकेडमी को फिर दोबारा से शुरू किया गया. इस एकेडमी से ट्रेनिंग लेकर 25 बच्चे विभिन्न सरकारी नौकरियों में भर्ती हुए. पूर्व फौजी राजकुमार बताते हैं कि जब बच्चा कामयाब होता है तो, उनकी मेहनत सफल होती है. फौज से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर खोलने और गरीब बच्चों को ट्रेनिंग देने का मन बनाया था. उनके दोनों बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर रहते हैं. वह फौज से रिटायर्ड होने के बाद अकेले पड़ गए थे, इसके साथ ही उनके पास फौज की ट्रेनिंग का ज्ञान था. इसीलिए उन्होंने ये कदम उठाया, जिससे क्षेत्र के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो रहा है. उन्हें ये काम करके बेहद गर्व महसूस हो रहा है.

राजकुमार ने बताया कि एकेडमी में अभी तक करीब 250 छात्रों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. ये ट्रेनिंग करीब 4 माह की होती है. बाकी बच्चों के ऊपर होता है कि वो कितने दिनों में सीख सकता है. एकेडमी में दिल्ली, मेरठ, राजस्थान, सहारनपुर, तेलंगाना, कर्नाटक और अन्य राज्यों से छात्र ट्रेनिंग के लिए आते हैं. ट्रेनिंग का समय सुबह 5:30 से 7:30 और शाम 4:00 बजे से 6:30 होता है. ट्रेनिंग में 1600 मीटर की रनिंग आर्मी के लिए और पुलिस के लिए 3 किलोमीटर की होती है. इसी के साथ ट्रेनिंग में पुश अप टेस्ट होते हैं. साथ ही पुल अप, सेटअप व अन्य चीजें होती हैं. सुबह ट्रेनिंग के बाद छात्र अपनी परेड करते हैं. छात्रों की पढ़ाई के लिए क्लास रूम बनाए गए हैं. वहीं, छात्रों के लिए खाना बनाने के लिए एक व्यक्ति को रखा हुआ है.

Last Updated : Jul 10, 2022, 10:57 PM IST
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