लक्सर: उत्तराखंड में हुए भर्ती घोटाले को लेकर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Former CM Trivendra Singh Rawat) ने एक फिर बड़ा बयान दिया है. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में माफिया तंत्र सम्मिलित हुआ है. उसने राज्य के युवाओं के लिए गलत काम किया है. इसलिए जहां उनकी जगह है, उन्हें वहां पहुंचने का काम राज्य सरकार कर रही है.
आपको बता दें कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत गुरुवार को लक्सर स्थित एक निजी बैंक्वेट हॉल (banquet hall) में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. इस कार्यक्रम में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को बीजेपी ज्वाइन कराई. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर से साफ किया कि उत्तराखंड भर्ती घोटाले के दोषियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा.
त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य के युवाओं को ठगने के लिए जिन लोगों ने भर्ती घोटाला करके गलत काम किया है, उन्हें उनकी जगह पहुंचाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संविधान में हर अपराध की सजा है और यह सजा अपराधियों को होकर रहेगी. भर्ती घोटाले की जांच कर रही कमेटी की जब रिपोर्ट आएगी, तब राज्य सरकार उस पर भी फैसला लेगी. गौरतलब है कि भर्ती घोटाला सामने आने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार सवाल उठा रहे हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात भी कह रहे हैं. आपको बताते चलें कि विधानसभा में हुई मनमानी भर्तियों की जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को सौंपी जा चुकी है.
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क्या है UKSSSC पेपर लीक मामला: बता दें कि यूकेएसएसएससी ने 4 और 5 दिसंबर 2021 को स्नातक स्तर की परीक्षा तीन पालियों में आयोजित की थी, जिसमें करीब 1 लाख 60 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. इस परीक्षा में 916 अभ्यर्थी चयनित हुए थे लेकिन बेरोजगार संगठनों और कई छात्रों ने मुख्यमंत्री से मिलकर इस परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच की मांग की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर 22 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें अब तक 41 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
दारोगा भर्ती गड़बड़ी: साल 2015 में हुई दारोगा भर्ती में भी गड़बड़ी (Uttarakhand Police 2015 SI recruitment) का मामला सामने आया है. इस मामले की जांच कुमाऊं विजिलेंस को सौंपी गई है. हल्द्वानी स्थित कुमाऊं विजिलेंस के हेड ऑफिस की टीम पूरे प्रदेश में इस दारोगा भर्ती घोटाले की जांच करेगी. इस मामले में कुमाऊं विजिलेंस की टीम ने शासन को पत्र भेजकर एफआईआर दर्ज कराने की अनुमति मांगी है.