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लंबी जद्दोजहद के बाद बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने वापस ली जमीन, 33 साल से था कब्जा

बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने 33 साल बाद खाली करवाया कब्जा.

बा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने वापस ली जमीन
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Published : Jun 1, 2019, 6:57 PM IST

हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरिद्वार के भूपतवाला स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व ने अपनी 19 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा वापस ले लिया है. इस जमीन पर 1986 में लीज खत्म होने के बाद अबतक बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम के लोगों ने कब्जा कर लिया था. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद शनिवार को राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कब्जा हटाकर अपनी जमीन वापस हासिल कर ली है.

बा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने वापस ली जमीन

वन विभाग से खड़खड़ी स्थित बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम ने गौशाला के नाम पर 1976 में दस साल के लिए भूमि लीज पर ली थी. 1986 में लीज समाप्त होने पर भी आश्रम ने भूमि को खाली नहीं किया. उसके बाद कंजर्वेशन एक्ट भी आया, बावजूद आश्रम प्रबंधन ने भूमि पर कब्जा जमाए रखा. इसी दौरान राजाजी पार्क का गठन हुआ और इस जमीन को खाली करने को दूधाधारी आश्रम को कहा गया, लेकिन आश्रम संचालकों ने जमीन कब्जाने की नीयत के चलते कब्जा हटाने से इनकार कर दिया था.

पढ़ें- निगम लगा रहा 'स्वच्छ भारत अभियान' को पलीता, शौचालय न बनने पर लोगों ने लगाए गंभीर आरोप

इसे लेकर विभाग ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. सालों तक मामला कोर्ट में चलने के बाद 14 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व के पक्ष में फैसला सुनाया और आदेश दिए कि 31 मई 2019 तक जमीन खाली कर पार्क को सौंप दी जाए. इसी आदेश के तहत महकमे ने मौके पर जाकर अपनी 19 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा वापस ले लिया है.

illegal enroachment of Khadkhari dudha dhari Baba
बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने वापस ली जमीन

राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन कोमल सिंह ने बताया यह भूमि रिजर्व एरिया में आती है, इसपर आश्रम स्थापित होने की वजह से जंगली जानवरों का जीवन प्रभावित हो रहा था. लेकिन, अब रिजर्व फॉरेस्ट का यह इलाका खाली होने से रिजर्व प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.

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बता दें कि दूधाधारी बर्फानी आश्रम जिसके नाम पर हरिद्वार का प्रमुख दूधाधारी चौक रखा गया है. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद वन विभाग ने भी इस अवैध कब्जे को खाली कराकर राहत की सांस ली है मगर अभी भी वन विभाग की जमीनों पर कई अवैध कब्जे हैं. अब देखना होगा वन विभाग कब तक उन अवैध कब्जों को भी खाली करा पता है.

हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरिद्वार के भूपतवाला स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व ने अपनी 19 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा वापस ले लिया है. इस जमीन पर 1986 में लीज खत्म होने के बाद अबतक बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम के लोगों ने कब्जा कर लिया था. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद शनिवार को राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कब्जा हटाकर अपनी जमीन वापस हासिल कर ली है.

बा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने वापस ली जमीन

वन विभाग से खड़खड़ी स्थित बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम ने गौशाला के नाम पर 1976 में दस साल के लिए भूमि लीज पर ली थी. 1986 में लीज समाप्त होने पर भी आश्रम ने भूमि को खाली नहीं किया. उसके बाद कंजर्वेशन एक्ट भी आया, बावजूद आश्रम प्रबंधन ने भूमि पर कब्जा जमाए रखा. इसी दौरान राजाजी पार्क का गठन हुआ और इस जमीन को खाली करने को दूधाधारी आश्रम को कहा गया, लेकिन आश्रम संचालकों ने जमीन कब्जाने की नीयत के चलते कब्जा हटाने से इनकार कर दिया था.

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इसे लेकर विभाग ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. सालों तक मामला कोर्ट में चलने के बाद 14 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व के पक्ष में फैसला सुनाया और आदेश दिए कि 31 मई 2019 तक जमीन खाली कर पार्क को सौंप दी जाए. इसी आदेश के तहत महकमे ने मौके पर जाकर अपनी 19 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा वापस ले लिया है.

illegal enroachment of Khadkhari dudha dhari Baba
बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम से वन विभाग ने वापस ली जमीन

राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन कोमल सिंह ने बताया यह भूमि रिजर्व एरिया में आती है, इसपर आश्रम स्थापित होने की वजह से जंगली जानवरों का जीवन प्रभावित हो रहा था. लेकिन, अब रिजर्व फॉरेस्ट का यह इलाका खाली होने से रिजर्व प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.

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बता दें कि दूधाधारी बर्फानी आश्रम जिसके नाम पर हरिद्वार का प्रमुख दूधाधारी चौक रखा गया है. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद वन विभाग ने भी इस अवैध कब्जे को खाली कराकर राहत की सांस ली है मगर अभी भी वन विभाग की जमीनों पर कई अवैध कब्जे हैं. अब देखना होगा वन विभाग कब तक उन अवैध कब्जों को भी खाली करा पता है.

Intro:सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज हरिद्वार के भूपतवाला स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व ने अपनी 19 हेक्टेयर जमीन पर अपना कब्ज़ा ले लिया है 1986 में लीज समाप्त होने के बाद अब तक बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम के लोगो ने इस भूमि पर अपना कब्जा जमाया हुआ था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद आज राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है।





Body:करीब 40 वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने दूधाधारी तिराहे के पास स्थित करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन 10 साल की लीज पर दूधाधारी आश्रम प्रबंधन को दी थी इसी दौरान राजाजी पार्क का गठन हुआ और इस जमीन को खाली कराने के प्रयास पार्क प्रशासन द्वारा शुरू कर दिए गए थे लेकिन आश्रम के संचालकों ने जमीन को कबजाने की कोशिश की लेकिन कोर्ट में प्रशासन की मजबूत पैरवी के चलते फैसला पार्क प्रशासन के हक में दिया और आज पूरी तरह से इस बेशकीमती करोड़ो की भूमि पर पार्क का कब्जा हो गया 

वन विभाग से खड़खड़ी स्थित बाबा बर्फानी दूधाधारी आश्रम ने गौशाला के नाम पर 1976 में दस साल के लिए भूमि लीज पर ली थी 1986 में लीज समाप्त होने पर आश्रम ने भूमि को खाली नही किया उसके बाद कंजर्वेशन एक्ट भी आ गया बावजूद उसके आश्रम प्रबंधन ने भूमि पर कब्जा जमाए रखा और इस पुरे मामले को लेकर न्यायालय चला गया कई सालों तक मामला कोर्ट में चलने के बाद 14 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व के पक्ष में फैसला सुनाया और आदेश दिए कि 31 मई 2019 तक जमीन खाली कर पार्क को सौंपा जाए जिसके बाद आज महकमे ने मौके पर जा कर अपनी 19 हेक्टेयर जमीन पर कब्ज़ा ले लिया राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन कोमल सिंह ने बताया यह भूमि रिजर्व एरिया में आती है इस पर आश्रम स्थापित होने की वजह से जंगली जानवरों का जीवन प्रभावित हो रहा था लेकिन अब रिजर्व फॉरेस्ट का यह इलाका खाली होने से रिजर्व प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है


बाइट-- कोमल सिंह--वार्डन राजाजी टाइगर रिजर्व


Conclusion:दूधाधारी बर्फानी आश्रम जिसके नाम पर हरिद्वार का प्रमुख दूधाधारी चौक रखा गया उसके आश्रम की पहचान आज आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो गई लंबी लड़ाई लड़ने के बाद वन विभाग ने भी इस अवैध कब्जे को खाली कराकर राहत की सांस ली है मगर अभी भी वन विभाग की जमीनों पर कई अवैध कब्जे हो रखे हैं अब देखना होगा वन विभाग कब तक उन अवैध कब्जों को भी खाली करा पता है

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