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इंसान ही नहीं बेजुबानों पर भी सर्दी का सितम, वन महकमे ने कसी कमर

हरिद्वार में इस बार वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग पहले से ही मुस्तैद है. कई टीमों को इसके लिए तैयार रखा गया है.

Haridwar News
इंसान ही नहीं बेजुबानों पर भी सर्दी का सितम
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Published : Nov 26, 2020, 4:55 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 2:41 PM IST

हरिद्वार: ठंड और कोहरे का सितम इंसानों पर ही नहीं जंगली जानवरों पर भी पड़ता है. कड़ाके की ठंड में कई जंगली जानवर मर जाते हैं. वहीं, जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे-वैसे हाईवे इत्यादि पर कोहरे के कारण वन्यजीवों के ट्रक इत्यादि से टक्कर के कारण मृत्यु होने की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती है. इसको लेकर वन विभाग ने इस बार पहले से ही तैयारियां कर ली हैं. बता दें कि ठंड और कोहरे के कारण हाईवे पर आवागमन के कारण कई वन्यजीवों की मौत हो जाती है.

इंसान ही नहीं बेजुबानों पर भी सर्दी का सितम.
वन विभाग के अधिकारी नीरज शर्मा के अनुसार इस बार वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग पहले से ही मुस्तैद है. कई टीमों को इसके लिए तैयार रखा गया है. जिन्हें किलोमीटर के हिसाब से बांटा गया है और टीमों को विशेष सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. खासकर पूरी टीम लगातार हाईवे और जंगल से जुड़े क्षेत्रों में गश्त करेगी. इस बार कर्मचारियों को वायलेंस के माध्यम से भी जुड़ा गया है. साथ ही टीमों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है.

पढ़ें-किसान आंदोलनः बदरपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात, हर किसी की हो रही चैकिंग

ताकि वह किसी भी परिस्थिति को संभाल सकें. कुंभ को देखते हुए वन विभाग इस बार पूरी तरह मुस्तैद है. बता दें कि सर्दियों में ज्यादातर वन्यजीवों का मूवमेंट शहर की ओर हो जाता है, चाहे बात हाथियों की की जाए या फिर लेपर्ड की. इसलिए कई सालों से लगातार वन विभाग के लिए सर्दियों में इनकी सुरक्षा एक बहुत बड़ी चुनौती रहती है. हरिद्वार का हिस्सा जंगलों से सटा हुआ है ऐसे में वन्यजीवों के शहर की ओर आने की संभावना बहुत अधिक हैं.

हरिद्वार: ठंड और कोहरे का सितम इंसानों पर ही नहीं जंगली जानवरों पर भी पड़ता है. कड़ाके की ठंड में कई जंगली जानवर मर जाते हैं. वहीं, जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे-वैसे हाईवे इत्यादि पर कोहरे के कारण वन्यजीवों के ट्रक इत्यादि से टक्कर के कारण मृत्यु होने की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती है. इसको लेकर वन विभाग ने इस बार पहले से ही तैयारियां कर ली हैं. बता दें कि ठंड और कोहरे के कारण हाईवे पर आवागमन के कारण कई वन्यजीवों की मौत हो जाती है.

इंसान ही नहीं बेजुबानों पर भी सर्दी का सितम.
वन विभाग के अधिकारी नीरज शर्मा के अनुसार इस बार वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग पहले से ही मुस्तैद है. कई टीमों को इसके लिए तैयार रखा गया है. जिन्हें किलोमीटर के हिसाब से बांटा गया है और टीमों को विशेष सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. खासकर पूरी टीम लगातार हाईवे और जंगल से जुड़े क्षेत्रों में गश्त करेगी. इस बार कर्मचारियों को वायलेंस के माध्यम से भी जुड़ा गया है. साथ ही टीमों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है.

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ताकि वह किसी भी परिस्थिति को संभाल सकें. कुंभ को देखते हुए वन विभाग इस बार पूरी तरह मुस्तैद है. बता दें कि सर्दियों में ज्यादातर वन्यजीवों का मूवमेंट शहर की ओर हो जाता है, चाहे बात हाथियों की की जाए या फिर लेपर्ड की. इसलिए कई सालों से लगातार वन विभाग के लिए सर्दियों में इनकी सुरक्षा एक बहुत बड़ी चुनौती रहती है. हरिद्वार का हिस्सा जंगलों से सटा हुआ है ऐसे में वन्यजीवों के शहर की ओर आने की संभावना बहुत अधिक हैं.

Last Updated : Dec 17, 2020, 2:41 PM IST
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