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सरकारी राशन में कटौती से चिंतित खाद्य अधिकारी, राशन लेने से हिचकिचा रहे डीलर

सरकार द्वारा दी जा रही सरकारी राशन सामग्री में कटौती को लेकर स्थानीय जनता, राशन डीलर और खाद्य अधिकारी भी चिंतित हैं.

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Published : May 3, 2020, 6:11 PM IST

Updated : May 24, 2020, 5:01 PM IST

रुड़की: जहां एक ओर लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा उनके लिए राशन उपलब्ध कराया जा रहा है तो वहीं सरकार द्वारा दी जा रही सरकारी राशन सामग्री में कटौती को लेकर स्थानीय जनता, राशन डीलर और खाद्य अधिकारी भी चिंतित हो गए हैं.

दरअसल, सरकार द्वारा मई माह में ढाई किलो गेहूं और 5 किलो चावल ही प्रति एपीएल कार्ड धारक को दिया जाएगा. प्रति एपीएल कार्ड धारक के खाते में एक किलो चना और एक किलो मसूर की दाल आएगी. जिसमें अभी तक मात्र 70 प्रतिशत दाल ही खाद्य विभाग को उपलब्ध कराई गई है. जिस कारण राशन डीलर भी गोदामों से राशन उठाने से हिचकिचा रहे हैं.

पढ़े: सेना ने कोरोना वॉरियर्स का अनोखे तरीके से किया सम्मान, कैबिनेट मंत्री कौशिक का सलाम

उनका कहना है कि इतना कम राशन बांटने से राशनकार्ड धारक गुस्सा कर सकते हैं, क्योंकि लॉकडाउन के चलते पहले से ही लोग परेशान हैं, ऊपर से कम राशन देखकर राशनकार्ड धारकों को समझाना कठिन हो जाएगा.

राशनकार्ड उपभोक्ता भी सरकार के इस रवैये से परेशान हैं. उनका कहना है कि इतने राशन में पूरे परिवार का खर्चा नहीं चलाया जा सकता है. वहीं खाद्य विभाग के अधिकारियों का भी मानना है कि इतनी कम खाद्य सामग्री के कारण लोगों मे सरकार के प्रति गुस्सा पनप सकता है.

रुड़की: जहां एक ओर लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा उनके लिए राशन उपलब्ध कराया जा रहा है तो वहीं सरकार द्वारा दी जा रही सरकारी राशन सामग्री में कटौती को लेकर स्थानीय जनता, राशन डीलर और खाद्य अधिकारी भी चिंतित हो गए हैं.

दरअसल, सरकार द्वारा मई माह में ढाई किलो गेहूं और 5 किलो चावल ही प्रति एपीएल कार्ड धारक को दिया जाएगा. प्रति एपीएल कार्ड धारक के खाते में एक किलो चना और एक किलो मसूर की दाल आएगी. जिसमें अभी तक मात्र 70 प्रतिशत दाल ही खाद्य विभाग को उपलब्ध कराई गई है. जिस कारण राशन डीलर भी गोदामों से राशन उठाने से हिचकिचा रहे हैं.

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उनका कहना है कि इतना कम राशन बांटने से राशनकार्ड धारक गुस्सा कर सकते हैं, क्योंकि लॉकडाउन के चलते पहले से ही लोग परेशान हैं, ऊपर से कम राशन देखकर राशनकार्ड धारकों को समझाना कठिन हो जाएगा.

राशनकार्ड उपभोक्ता भी सरकार के इस रवैये से परेशान हैं. उनका कहना है कि इतने राशन में पूरे परिवार का खर्चा नहीं चलाया जा सकता है. वहीं खाद्य विभाग के अधिकारियों का भी मानना है कि इतनी कम खाद्य सामग्री के कारण लोगों मे सरकार के प्रति गुस्सा पनप सकता है.

Last Updated : May 24, 2020, 5:01 PM IST
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