लक्सर: पिछले कुछ समय से लक्सर क्षेत्र में डीपीए खाद न मिलने से हजारों किसान गन्ना समिति और सहकारी समिति के चक्कर काटकर परेशान हो गए हैं, लेकिन लक्सर क्षेत्र की किसी भी सहकारी समिति के गोदाम में डीपीए खाद उपलब्ध नहीं है. जिले की अधिकांश सहकारी समितियों पर यूरिया खाद उपलब्ध है, लेकिन डीएपी, पोटाश और सुपर फास्फेट उर्वरक नहीं है. जिससे किसानों को समस्या से दो चार होना पड़ रहा है.
किसानों को डीएपी खाद की जरूरत: बता दें कि धान की कटाई के बाद किसानों ने रबी की बुआई शुरू कर दी है. ऐसे में किसानों को सरसों, मटर, दलहनी, तिलहनी और गेहूं की फसल और शरदकालीन गन्ने की बुआई के लिए डीएपी, सुपर फास्फेट और पोटाश उर्वरक की जरूरत है.
किसान बोले खाद ना मिलने पर गेहूं की फसल हो रही पीछे: किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल की बुआई चल रही है. ऐसे में अगर किसानों को समय पर खाद नहीं मिली तो, उनकी गेहूं की फसल पीछे हो जाएगी. सहकारी समिति के गोदाम पर एक भी डीएपी खाद नहीं है, जबकि गेहूं और गन्ने की फसलों में डीएपी खाद की बहुत जरूरत है. उन्होंने कहा कि वह खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं.
अधिकारी शॉर्टेज बताकर झाड़ रहे पल्ला: किसानों ने कहा कि समिति के अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए खाद की शॉर्टेज बता रहे हैं, बल्कि सभी अधिकारियों को पता है कि गेहूं और गन्ने की फसल की बुआई चल रही है. जिसमें डीपीए खाद की सबसे ज्यादा डिमांड होती है.
ये भी पढ़े: देहरादून में गीले कूड़े से बनेगी खाद, अब Waste नहीं जाएगा 'वेस्ट'
इफको से डीएपी खाद की गई डिमांड: वहीं लक्सर गन्ना विकास समिति के सचिव सूरजभान का कहना है कि हमने इफको से आठ हजार डीएपी खाद के बोरों की डिमांड की है. जिससे आजकल में ही समिति गोदाम में 5 हजार डीएपी खाद पहुंच जाएगी. उसके बाद किसानों को खाद का वितरण किया जाएगा.
ये भी पढ़े: जैविक खाद वितरण में लापरवाही का मामला, कृषि विभाग के एक और अधिकारी पर गिरी गाज