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किसानों ने रुड़की में किया प्रदर्शन, गन्ने का मूल्य घोषित करने की मांग

Farmers protest in Roorkee उत्तराखंड के रुड़की में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गन्ना किसानों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया. किसानों की प्रमुख मांग गन्ने का मूल्य घोषित करने और गन्ने की खरीद 500 रुपए प्रति कुंतल करने की है. किसानों ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 5, 2024, 5:42 PM IST

रुड़की: उत्तराखंड में अभीतक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया गया है, जिसको लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ाता ही जा रहा है. शुक्रवार पांच जनवरी को अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए गन्ना किसानों ने हरिद्वार जिले के रुड़की में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के बैनर तले मिलिट्री चौक से तहसील परिसर तक पैदल मार्च निकाला.

अपनी मांगों को लेकर किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय रुड़की के बाहर धरना भी दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का कहना था कि सरकार ने गन्ने का मूल्य अभी तक घोषित नहीं किया है. साथ ही किसानों की मांग है कि सरकार गन्ने का मूल्य 500 रुपए कुंतल घोषित करे.
पढे़ं- मत्स्य पालकों को मछली बीज उत्पादन की दी जा रही ट्रेनिंग, किसान होंगे आत्मनिर्भर

किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो, वो बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. इस दौरान भाकियू के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक गन्ने का मूल्य तय नहीं हो जाता, तब तक किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करता रहेगा.

इस दौरान भाकियू के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूंजीपतियों की सरकार है. इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है और किसान भुखमरी की कगार पर आ पहुंचा है, लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. किसान मिल में गन्ना लेकर 24 घंटे इस कड़ाके की ठंड में खड़ा रहता है, लेकिन उसको वाजिब दाम तक नहीं मिल पा रहे हैं. अपनी तमाम मांगों को लेकर किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी दिया है.

रुड़की: उत्तराखंड में अभीतक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया गया है, जिसको लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ाता ही जा रहा है. शुक्रवार पांच जनवरी को अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए गन्ना किसानों ने हरिद्वार जिले के रुड़की में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के बैनर तले मिलिट्री चौक से तहसील परिसर तक पैदल मार्च निकाला.

अपनी मांगों को लेकर किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय रुड़की के बाहर धरना भी दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का कहना था कि सरकार ने गन्ने का मूल्य अभी तक घोषित नहीं किया है. साथ ही किसानों की मांग है कि सरकार गन्ने का मूल्य 500 रुपए कुंतल घोषित करे.
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किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो, वो बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. इस दौरान भाकियू के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक गन्ने का मूल्य तय नहीं हो जाता, तब तक किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करता रहेगा.

इस दौरान भाकियू के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूंजीपतियों की सरकार है. इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है और किसान भुखमरी की कगार पर आ पहुंचा है, लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. किसान मिल में गन्ना लेकर 24 घंटे इस कड़ाके की ठंड में खड़ा रहता है, लेकिन उसको वाजिब दाम तक नहीं मिल पा रहे हैं. अपनी तमाम मांगों को लेकर किसानों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी दिया है.

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