लक्सर: प्रदेश सरकार सबका साथ, सबका विकास का ढिंढोरा पिटती है. वहीं, दूसरी तरफ हरिद्वार जिले की ये खबर सरकार की हकीकत को बयां कर रही है. यहां एक गरीब परिवार के पास मकान न होने के चलते खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं. मजबूर होकर महिला का परिवार मंदिर परिसर की जगह में झोपड़ी बनाकर रह रहा है. ये महिला दिन भर कड़ी मेहनत मजदूरी करके कुछ पैसों की कमाई करती है. फिर उन्हीं पैसे से अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है.
बता दें कि मामला रुड़की के नारसन ब्लॉक के हरचंदपुर गांव का है, जहां चार साल पहले महिला के पति को कैंसर हो गया था. वहीं, लंबी बिमारी के बाद उसकी मौत हो गई. महिला ने पति के इलाज में अपना पैतृक मकान भी बेच दिया, लेकिन पति को नहीं बचा सकी. जिसकी बाद से महिला का पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे ही गुजर बसर करने को मजबूर है.
वहीं, महिला के पांच बच्चे हैं, जिसमें एक लड़की की शादी हो गई है. महिला का कहना है कि जिस दिन कोई काम नहीं मिलता, उस दिन पूरे परिवार को भूखा सोना पड़ता है.
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ऐसे में 'बाते कम, काम ज्यादा' का नारा लगाने वाली त्रिवेंद्र सरकार आंखे मूंदे बैठी है. कोई भी अधिकारी या नेता इस परिवार की सुध लेने को तैयार नहीं. जबकि, सरकार की तरफ से महिला को कोई सरकारी सुविधाएं नहीं मिल रही है. गरीबी के चलते महिला अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज पाती है.