हरिद्वार: आगामी कुंभ मेले को लेकर राज्य सरकार और मेला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. लेकिन कोरोना की वजह से कुंभ का स्वरूप क्या होगा यह आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा. वहीं, कुंभ मेले को लेकर साधु संतों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. साधु संत सरकार और मेला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों से संतुष्ट नजर आ रहे हैं. साथ ही कोरोना की वजह से कुंभ मेले को सूक्ष्म रूप से किया जाए या भव्य रूप से किया जाए इसको लेकर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करने की बात कर रहे हैं. वहीं साधु-संतों ने भक्तों और अखाड़ों के संतों से कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है.
कुंभ मेले को लेकर साधु संतों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. कुंभ भारतीय परंपरा से जुड़ा हुआ है और कुंभ मेले में भारतीय संस्कृति भी देखने को मिलती है. कुंभ मेला कोरोना की वजह से भव्य स्वरूप में हो पाएगा या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन साधु संत कुंभ मेले को लेकर काफी खुश नजर आ रहे हैं.
जूना अखाड़े के उपाध्यक्ष देवेंद्र पुरी महाराज का कहना है कि कुंभ कार्य अब सही गति से चल रहे हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा सभी साधु संतों को अवगत कराया गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए जैसी भी स्थिति होगी उसको देखते हुए व्यवस्था की जाएगी. कुंभ मेला विशाल और भव्य होगा साधु संतों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. अखाड़ों और साधु संतों में मनोबल बना हुआ है, कि प्रदेश और केंद्र सरकार कुंभ मेले को अच्छे से संपन्न करवाएगी. उन्होंने कहा कि अगर कोरोना का प्रकोप बढ़ता है तो सूक्ष्म रूप से भी कुंभ मेले को किया जा सकता है. जिस तरह से सरकार की गाइडलाइन होगी उसके अनुसार साधु संत कार्य करेंगे. साधु संत सभी से कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रहे हैं.
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वहीं कमल दास महाराज का कहना है कि कुंभ मेले को साधु संत दिव्य और भव्य रूप से मनाएंगे. लेकिन कोरोना को देखते हुए अखाड़ों मेला प्रशासन द्वारा क्या स्वरूप होगा, उसके अनुसार ही कुंभ मेले को किया जाएगा. कुंभ मेला तो निश्चित ही होगा क्योंकि कुंभ मेले को टाला नहीं जा सकता. जिसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है.