हरिद्वार: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) का रण अब धीरे-धीरे चरम पर पहुंच रहा है. हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीटों में अलग-अलग समीकरण बनते जा रहे हैं. इसमें सबसे रोचक समीकरण हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में बन गया है. बहुजन समाज पार्टी द्वारा रातों रात अपने प्रत्याशी को बदलकर दर्शन शर्मा के स्थान पर यूनुस अंसारी को प्रत्याशी बनाये जाने से चुनाव के समीकरण ही बदल गए हैं. इससे पहले इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय था लेकिन अब चतुष्कोणीय होता दिखाई दे रहा है.
इस चुनाव में एक ओर हरीश रावत को हार का स्वाद चखाने वाले बीजेपी के कद्दावर नेता स्वामी यतीश्वरानन्द की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. वहीं, हरीश रावत की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव मैदान में डटीं कांग्रेस की अनुपमा रावत की प्रतिष्ठा पर भी दांव पर लगी हुई है. इसके साथ ही सबसे अधिक मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने का दम भरने वाले बसपा प्रत्याशी यूनुस अंसारी तो चुनाव ही अपने समाज (दलित और बैकवर्ड) के बूते लड़ रहे हैं. उधर, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी नरेश शर्मा भी अपनी जीत को लेकर आशावान दिख रहे हैं.
मुस्लिम वोटर का दबदबा: हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में करीब सवा लाख वोटर हैं. इनमें सबसे अधिक मुस्लिम करीब 50 हजार वोटर हैं. करीब 28 हजार दलित और बाकी अन्य समाज के लोग हैं. अंतिम समय में बसपा कैंडिडेट दर्शन शर्मा को बदलकर यूनुस अंसारी को टिकट देने से हरिद्वार ग्रामीण का चुनाव रोचक हो गया है. मुस्लिम और दलित वोटर निर्णायक वोटर हैं. बसपा का मुस्लिम कैंडिडेट होने से कांग्रेस की परेशानी बढ़ी है. भाजपा पर कैंडिडेट बदलवाने के आरोप लग रहे हैं.
कांग्रेस के लिए खड़ी हुई मुश्किल: बीएसपी का कैंडिडेट बदले जाने से हरीश रावत के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं क्योंकि ये बात हरीश रावत भी जानते हैं कि बसपा के कैंडिडेट बदलने से मुस्लिम वोट कटेगा. पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने कहा कि बसपा को सोचना चाहिए कि उसका लक्ष्य बीजेपी हो हराना है, कांग्रेस को हराना नहीं. उन्होंने कहा कि अंतिम क्षण में बसपा उम्मीदवार इसलिए बदल दिया गया कि ताकि बीजेपी के उम्मीदवार के लिए रास्ता साफ हो जाए. हरीश रावत ने कहा कि राजनीतिक दल सुपारी किलर की भूमिका निभा रहे हैं.
अनुपमा रावत ने खुद को बताया बेटी: इस पर कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा रावत (Congress candidate Anupama Rawat) का कहना है कि वो उत्तराखंड की बेटी हैं. उनको भी प्रदेशवासियों की सेवा करने का मौका मिलना चाहिए. रातों रात बसपा कैंडिडेट बदले जाने पर अनुपमा कहती हैं कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ा करती है. लोग अच्छी तरीके से जानते हैं कि यह क्या हुआ कि 12 घंटे के अंदर टिकट बदल दिया. पब्लिक है यह सब जानती है. मुझे विश्वास है कि अपनी बेटी को हरिद्वार की जनता निराश नहीं करेगी.
स्वामी यतीश्वरानंद: बीजेपी प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद (BJP candidate Swami Yatishwaranand) का कहना है कि हरिद्वार ग्रामीण सीट पर उनकी स्थिति बहुत अच्छी है. वो जिस भी गांव में जनसंपर्क के लिए पहुंच रहे हैं, उनको जनता का भारी समर्थन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की नीतियों और प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री के काम करने के तरीके से लोग प्रभावित हैं. हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र की जनता तीसरी बार भी बीजेपी के प्रत्याशी को जिताने का काम करेगी.
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यूनुस अंसारी: बसपा प्रत्याशी यूनुस अंसारी (BSP candidate Yunus Ansari) का कहना है कि इस चुनाव में उनका मुख्य मुद्दा विकास का है. उन्होंने वन गुर्जरों के पुनर्वास का भी मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद से प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी की बारी-बारी सरकार रही है. लेकिन यहां पर कोई विकास नहीं किया गया. ये लोग यहां 25 साल से बसे हैं लेकिन कोई विकास नहीं किया गया.
यूनुस अंसारी का गणित: यूनुस अंसारी ने कहा कि वो यहां 80 हजार वोटों की लड़ाई लड़ रहे हैं. 80 हजार वोट में करीब 50 हजार मुस्लिम समाज के वोट हैं. 28 हजार दलित समाज का वोट है. उस हिसाब से हरिद्वार ग्रामीण सीट पर कुल एक लाख 27 हजार वोट हैं. ऐसे में उनकी जीत सुनिश्चित है.
आम आदमी पार्टी प्रत्याशी नरेश शर्मा: नरेश शर्मा का कहना है कि हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर इस बार समीकरण बदले हैं. आम आदमी एक ऐसी पार्टी है, जिसको हर जगह और हर बिरादरी का वोट मिलेगा. भाजपा और कांग्रेस से लोग ऊब चुके हैं. इस बार जनता ने बदलाव का मन बना लिया है. यहां की जनता आम आदमी पार्टी के साथ है. बसपा का कैंडिडेट बदलने के सवाल पर नरेश शर्मा ने कहा कि यूनुस अंसारी को उतारने से उनके वोट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ऐसे में आम आदमी पार्टी की जीत पक्की है.
मतदाता समीकरण: हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के जातीय आंकड़े देखे जाएं तो यहां पर सबसे अधिक दलित मतदाता 35 से 40 फीसदी हैं, जिनमें ओबीसी भी शामिल हैं. जबकि ठाकुर 22 फीसदी और ब्राह्मण वोट 7 फीसदी हैं. मुस्लिम समाज का वोट 20 फीसदी और पर्वतीय वोट 10 फीसदी है. क्षेत्र में एससी और ओबीसी के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक होने के चलते यह वोट जिधर जाएगा, उस पार्टी का प्रत्याशी जीतने की संभावना प्रबल रहती है.
विधानसभा चुनाव 2017 की बात करें तो बीजेपी प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद ने अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी हरीश रावत को 12,278 वोटों से पराजित किया था. स्वामी यतीश्वरानंद को 44,964 वोट प्राप्त हुए, जबकि हरीश रावत को 32,686 वोट ही मिले थे. इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के मुकर्रम 18,383 मत प्राप्त करके तीसरे स्थान पर रहे थे.
साल 2012 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी के इरशाद अली को 3,875 वोटों से पराजित किया था. इस चुनाव में स्वामी यतीश्वरानंद को 25,159 वोट मिले जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी इरशाद अली को 21,284 वोट प्राप्त हुए थे.