रुड़की: कहते हैं मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मंजिल आसान हो जाती है और राहों में चुनौतियां छोटी होती जाती हैं. ये पंक्तियां पानीपत की साइना जो इन दिनों रुड़की में ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पाल रही हैं उन पर सटीक बैठती हैं. साइना तमाम चुनौतियों के बीच ऑटो चलाकर परिवार को बेहतर जिंदगी देने में लगी हैं.
साइना आज आधी आबादी के लिए नजीर बन चुकी हैं. समाज के तानों की परवाह किए बगैर उन्होंने अपनी राह खुद चुनी है. वहीं इस राह पर उनके पैर कभी नहीं लड़खड़ाए, आज वे अपने परिवार का अच्छे ढंग से भरण-पोषण कर रही हैं. साइन ने बताया कि पति के देहांत के बाद बच्चों की अच्छी परवरिश देने के लिए ई-रिक्शा चलाना शुरू किया तो लोगों ने मजाक भी बनाया. लेकिन उनके कदम नहीं डगमगाए और करीब 9 सालों के लंबे सफर को साइना ने ई- रिक्शा चलाकर आसान किया. इस बीच उन्हें काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा. क्यों कि पति के मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई.
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साइना मूलरूप से पानीपत की रहने वाली हैं और हाल में रुड़की के पिरान कलियर में रहती हैं. साइना की दो बेटी और एक बेटा है. जिन्हें साइना ई-रिक्शा चलाकर बच्चों को अच्छी परवरिश दे रही हैं. छोटी बेटी 10वीं कक्षा में पढ़ती है, जबकि दो बच्चे 12वीं में हैं. साइना रोज ई-रिक्शा लेकर रुड़की की सड़कों पर निकलती हैं. उन्होंने कहा कि मेहनत से ही मुश्किल सफर आसान होता है.