हरिद्वारः ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर से बड़ा असर देखने को मिला है. हरिद्वार में कमजोर होती मनसा देवी की पहाड़ी की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. खबर दिखाए जाने के बाद खुद हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए मनसा देवी ट्रस्ट के पदाधिकारियों से वार्तालाप करने और विशेषज्ञों की सलाह पर आगे की रणनीति बनाने की बात कही है.
गौर हो कि बीती 7 जनवरी को ईटीवी भारत ने 'संभल जाओ सरकार! जोशीमठ की तरह हरिद्वार पर भी मंडरा रहा बड़ा खतरा' हेडलाइन से खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसका बड़ा असर हुआ है. खबर दिखाए जाने के बाद डीएम शंकर पांडे ने मामले को गंभीरता से लिया है. डीएम पांडे का कहना है कि मामले को लेकर मनसा देवी ट्रस्ट के पदाधिकारियों से बात की जाएगी. उनकी ओर से यदि किसी भी तरह की समस्या बताई जाती है, तो विशेषज्ञों की सलाह ली जाएगी.
हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे (Haridwar DM Vinay Shankar Pandey) का ये भी कहना है कि हालांकि, उनके संज्ञान में मनसा देवी की पहाड़ी के कमजोर होने का मामला नहीं है, लेकिन एहतियात बरतते हुए दोनों ही पहाड़ी का भू वैज्ञानिकों से शोध कराया जाएगा. जिसमें चंडी देवी और मनसा देवी दोनों ही पहाड़ियां शामिल होंगी. ताकि आने वाले समय में कोई भी समस्या हरिद्वार के लिए न बन पाए. फिलहाल, ट्रस्ट से जुड़े लोगों से बातचीत की जा रही है.
क्या था मामला? दरअसल, इन दिनों जोशीमठ में भू धंसाव और दरार का मामला सुर्खियों में है. जहां ऐतिहासिक शहर तबाह होने की कगार पर है. इसके इतर सूबे में कई ऐसी जगहें भी हैं जो जोशीमठ की तरह ही खतरे के मुहाने पर खड़े हैं. जिसमें हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर की पहाड़ियां भी शामिल हैं. यहां शिवालिक पर्वत पर स्थित मां मनसा देवी मंदिर के आसपास की पहाड़ियां लगातार दरक (Mansa Devi hill landslide) रही हैं, जिसकी वजह से पहाड़ियों के नीचे रहने वाले लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.
बीते 2 साल पहले ही हरिद्वार के मनसा देवी की पहाड़ियों का आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) की टीम ने निरीक्षण किया था. जिसकी रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने मनसा देवी की पहाड़ियों को काफी कमजोर बताया था. उन्होंने इसे ही लगातार पहाड़ी दरकने की वजह बताई थी. इतना ही नहीं मनसा देवी की पहाड़ियों को लेकर इसी तरह की एक रिपोर्ट करीब 20 साल पहले पर्यावरणविद् बीडी जोशी ने भी तैयार की थी.
हरिद्वार के जाने माने पर्यावरणविद् बीडी जोशी ने भी अपनी रिपोर्ट में हरिद्वार की पहाड़ियों को लेकर आगाह किया था. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आने वाले समय में यह पहाड़ी दिनों दिन कमजोर होती जाएगी. ऐसे में यदि जल्द ही इसका ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो हरिद्वार के लिए यह खतरनाक भी साबित हो सकता है. भू वैज्ञानिकों का कहना है कि मनसा देवी मंदिर के आसपास की पहाड़ियां रेतीली जगह में होने की वजह लगातार नीचे झुक रही हैं. इन पहाड़ों पर बिना ट्रीटमेंट के ही कार्य किए जा रहे हैं.
वहीं, हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर की पहाड़ी के नीचे हरिद्वार से मोतीचूर तक सड़क का निर्माण किया गया है. यह सड़क हर मॉनसून सीजन में मलबा आने से बाधित हो जाती है. हालांकि, इस सड़क की वजह से हरिद्वार को काफी राहत मिली है. क्योंकि, आए दिन लगने वाले जाम की समस्या से इस सड़क की वजह से निजात मिली है.
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