हरिद्वार: भगवान भोलेनाथ को हर कोई अलग-अलग ढंग से मनाने का प्रयास करता है, लेकिन इस बार शिवभक्त कांवड़ियां भगवान भोलेनाथ को डीजे के जरिए मनाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इस बार धर्मनगरी हरिद्वार में पूरे देश से डीजे आए हुए हैं. जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं.
रास्ते में डीजे का होता है मुकाबला: कांवड़ियों द्वारा लाए जा रहे डीजे की काफी चर्चाएं हो रही हैं. रात में धर्मनगरी में कांवड़िये विशालकाय डीजे लगाकर भगवान भोले के भजनों पर नाचते हुए दिखाई देते हैं. डीजे सिस्टम के जरिए एक दूसरे से मुकाबला भी होता है. यही कारण है कि डीजे सिस्टम अब हरिद्वार में इतने विशालकाय और बड़े आने लगे हैं. जिसमें डीजे कसाना, डीजे रावण ,डीजे धड़कन, डीजे रावण,डीजे मोनू ,डीजे अमर प्रमुख हैं.
भोले की भक्ति में डूब जाने का आधुनिक माध्यम डीजे: कांवड़ियों ने बताया कि यह भोले की भक्ति में डूब जाने का एक साधन है. कई लोग इसे मनोरंजन और हुड़दंग बाजी करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. जब यह अपनी ध्वनि से भोले के भजन सुनाता है, तो मानो ऐसा लगता है कि अब भोले की भक्ति में लीन हो जाओ और पैर अपने आप थिरकने लगते हैं. उन्होंने कहा कि पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान सभी कांवड़ियों में उत्साह और जोश भरने का काम डीजे करता है.
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करोड़ों के होते हैं विशालकाय डीजे: डीजे मालिकों ने बताया कि एक सिंपल सा डीजे लाने में भी 5 लाख रुपए का खर्चा आता है और अगर विशालकाय डीजे की बात करें तो यह खर्च और बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि अगर डीजे के सामान की बात की जाए तो एक करोड़ से अधिक का सामान एक बड़े डीजे में लगाया जाता है.
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