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हरिद्वार में यहां होंगे मूर्ति विसर्जन, गंगा में विसर्जित की तो होगी कड़ी कार्रवाई - गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक

अगर आप हरिद्वार में गंगा में मूर्ति विसर्जन की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए. एनजीटी ने गंगा और दूसरी नदियों में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा रखी है. ऐसे में एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन ने हरिद्वार गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई है. अगर किसी ने इस नियम को तोड़ा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हरिद्वार में मूर्ति विसर्जन के लिए तीन जगह चिह्नित किए गए हैं.

Idol Immersion in Ganga
हरिद्वार गंगा में मूर्ति विसर्जन
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Published : Aug 29, 2022, 3:59 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 4:31 PM IST

हरिद्वारः हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. इस बार 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी 2022 (Ganesh Chaturthi 2022) है. इसके बाद शारदीय नवरात्रि 2022 (Shardiya Navratri 2022) भी शुरू होगी. इस दौरान भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को स्थापित कर मां गंगा में विसर्जित किया जाता है, लेकिन इस बार श्रद्धालु भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को गंगा या अन्य नदी में विसर्जित नहीं कर पाएंगे.

दरअसल, गंगा की पवित्रता और स्वच्छता (Cleanliness of Ganga) को बनाए रखने के लिए गंगा समिति की एक बैठक हुई. जिसमें यह निर्णय लिया गया है. हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने स्पष्ट किया है कि एनजीटी के आदेश के अनुपालन में गंगा की पवित्रता और निर्मलता के लिए यह निर्णय लिया गया है. विकल्प के रूप में मूर्ति विसर्जन के लिए तीन स्थानों को चिन्हित किया गया है. जहां पर गड्ढे बनाकर उनमें पानी भरा जाएगा और उन्हीं गड्ढों में मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा.

गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक.
ये भी पढ़ेंः देश में गंगा की स्थिति ICU मरीज की तरहः गौतम राधाकृष्णन

गंगा में मूर्ति विसर्जित करने पर कार्रवाई होगीः हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे (Haridwar DM Vinay Shankar Pandey) ने साफ लहजे में कहा कि जो व्यक्ति इस आदेश का पालन नहीं करेगा, उससे पहले तो अनुरोध किया जाएगा और जब वो नहीं मानेगा तो उसके खिलाफ कानून अपना कार्य करेगा. इस दौरान मूर्ति विसर्जन के लिए जाने के प्रवेश द्वार और संबंधित तट पर पुलिस फोर्स तैनात रहेगा और मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी.

उनका कहना है कि त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है. पहले गणेश महोत्सव और फिर उसके बाद शारदीय नवरात्र भी शुरू होंगे. अभी तक भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को गंगा की धारा में विसर्जित किया जाता रहा है, यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. मां गंगा की निर्मलता व अविरलता और पर्यावरण प्रदूषण के मद्देनजर मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने (Banned Idol Immersion in Ganga) का फैसला लिया गया है.
ये भी पढ़ेंः हरकी पैड़ी पर गंगा में छोड़ी गई एक लाख मछलियां, गंदगी से दिलाएंगी छुटकारा

हरिद्वार में यहां होंगे मूर्ति विसर्जनः हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने बताया कि श्रद्धालु तीन स्थान बैरागी कैंप, कनखल में सती कुंड और वीआईपी घाट के पास अस्थायी गड्ढे बनाए जाएंगे. यह जिम्मेदारी नगर निगम को और सिंचाई विभाग को दी गई है. उसमें जल भरा जाएगा और ताकि लोग श्रद्धापूर्वक उसमें मूर्तियों का विसर्जन कर सकें.

हरिद्वारः हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. इस बार 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी 2022 (Ganesh Chaturthi 2022) है. इसके बाद शारदीय नवरात्रि 2022 (Shardiya Navratri 2022) भी शुरू होगी. इस दौरान भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को स्थापित कर मां गंगा में विसर्जित किया जाता है, लेकिन इस बार श्रद्धालु भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को गंगा या अन्य नदी में विसर्जित नहीं कर पाएंगे.

दरअसल, गंगा की पवित्रता और स्वच्छता (Cleanliness of Ganga) को बनाए रखने के लिए गंगा समिति की एक बैठक हुई. जिसमें यह निर्णय लिया गया है. हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने स्पष्ट किया है कि एनजीटी के आदेश के अनुपालन में गंगा की पवित्रता और निर्मलता के लिए यह निर्णय लिया गया है. विकल्प के रूप में मूर्ति विसर्जन के लिए तीन स्थानों को चिन्हित किया गया है. जहां पर गड्ढे बनाकर उनमें पानी भरा जाएगा और उन्हीं गड्ढों में मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा.

गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक.
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गंगा में मूर्ति विसर्जित करने पर कार्रवाई होगीः हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे (Haridwar DM Vinay Shankar Pandey) ने साफ लहजे में कहा कि जो व्यक्ति इस आदेश का पालन नहीं करेगा, उससे पहले तो अनुरोध किया जाएगा और जब वो नहीं मानेगा तो उसके खिलाफ कानून अपना कार्य करेगा. इस दौरान मूर्ति विसर्जन के लिए जाने के प्रवेश द्वार और संबंधित तट पर पुलिस फोर्स तैनात रहेगा और मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी.

उनका कहना है कि त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है. पहले गणेश महोत्सव और फिर उसके बाद शारदीय नवरात्र भी शुरू होंगे. अभी तक भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियों को गंगा की धारा में विसर्जित किया जाता रहा है, यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. मां गंगा की निर्मलता व अविरलता और पर्यावरण प्रदूषण के मद्देनजर मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने (Banned Idol Immersion in Ganga) का फैसला लिया गया है.
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हरिद्वार में यहां होंगे मूर्ति विसर्जनः हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने बताया कि श्रद्धालु तीन स्थान बैरागी कैंप, कनखल में सती कुंड और वीआईपी घाट के पास अस्थायी गड्ढे बनाए जाएंगे. यह जिम्मेदारी नगर निगम को और सिंचाई विभाग को दी गई है. उसमें जल भरा जाएगा और ताकि लोग श्रद्धापूर्वक उसमें मूर्तियों का विसर्जन कर सकें.

Last Updated : Aug 29, 2022, 4:31 PM IST
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