हरिद्वार: जब्त प्लास्टिक से दूसरे राज्यों को गंगाजल भेजे जाने के बाद मेयर अनीता शर्मा और नगर आयुक्त के बीच बहस हो गई है. मेयर ने जब्त की हुई प्लास्टिक कैन में गंगाजल भेजने पर आपत्ति जताई है. साथ ही निगम के अधिकारियों से इसका जवाब मांगने की बात भी कही है. वहीं, मेयर ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा गंगा घाटों पर प्लास्टिक कैन बेचना और इसका इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.
दरअसल, नगर निगम की ओर से समय-समय पर प्लास्टिक कैन बेचने वालों पर कार्रवाई कर कैन जब्त की जाती है. इस बार कांवड़ यात्रा रद्द की गई है, जिसकी वजह से हरिद्वार प्रशासन की ओर से दूसरे राज्यों को गंगाजल भेजने की व्यवस्था बनाई है. कई एनजीओ भी गंगाजल भेजने में प्रशासन की मदद कर रहे हैं.
बीते दिन बीइंग भगीरथ ने प्लास्टिक की 3 हजार कैनों में गंगाजल भरकर दूसरे राज्यों को भेजा था. गंगाजल के वाहन को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था, जिस पर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
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वहीं, मेयर अनीता शर्मा ने कहा कि अगर प्लास्टिक कैन में गंगाजल भरकर दूसरे राज्यों में भेजा जा सकता है, तो जो गरीब इसे बेचते हैं, उनसे क्यों जब्त किया जाता है? उन्होंने हरिद्वार के मुख्य नगर आयुक्त जय भारत सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने बिना मेरी जानकारी के प्लास्टिक के कैन को एनजीओ को मुफ्त में दिया है, जो सरासर गलत है.