हरिद्वार: आज पतंजलि अनुसंधान संस्थान द्वारा वनस्पति नामकरण कार्यशाला के मध्यसत्र का उद्घाटन उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत द्वारा किया गया. आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में विगत दशक से भी अधिक वर्षों से चल रहे वनस्पति नामावली शास्त्रों के निर्माण कार्य को अंतिम रूप प्रदान करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए विद्वान लोगों ने सहभागिता की.
बता दें कि कार्यशाला में कई विद्वान जन पिछले तीस दिनों से शामिल हैं. ये कार्यशाला तीन दिन और चलेगी. कार्यशाला में वनस्पति विश्वकोश के लिए संस्कृत भाषा में नामकरण व कार्यों के निर्धारण का कार्य चल रहा है. कार्यशाला के माध्यम से 3 लाख 60 हजार से ज्यादा वनस्पतियों का नामकरण किया जा रहा है.
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कार्यशाला के बारे में आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि आधुनिक वनस्पति शास्त्र के आधार पर संस्कृत नामकरण का यह अपने आप में अद्भुत व प्रथम प्रयास है. इससे हमारे शास्त्रों के संरक्षण को विश्वव्यापी बनाने में बड़ा योगदान होगा.
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धनसिंह रावत ने कार्यशाला की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह की विश्वव्यापी कार्यशाला का आयोजन पतंजलि के द्वारा ही किया जा सकता है. इस महान् कार्य की महत्ता व इसकी व्यापकता से आने वाली सदियां लाभान्वित होंगी. संस्कृत भाषा में विज्ञान, शिक्षा व अन्य विषयों के शब्दकोष व विविध शास्त्रों के निर्माण से ही हम अपनी संस्कृति के महत्व को विश्व में पुनः प्रतिस्थापित कर पायेंगे.