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भारत विकास प्रदर्शनी को उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया महत्वपूर्ण, अशासकीय महाविद्यालयों को दी नसीहत

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत ने भारत विकास प्रदर्शनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, तो वहीं राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड के अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी ढंग से और उच्च शिक्षा आयोग या लोक सेवा आयोग से शिक्षकों की नियुक्ति की जाने की बात कही.

Haridwar India Development Exhibition
हरिद्वार भारत विकास प्रदर्शनी
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Published : Dec 27, 2020, 10:19 PM IST

हरिद्वार: उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत रविवार को हरिद्वार दौरे पर रहे. धन सिंह रावत प्रेमनगर आश्रम में दो दिवसीय भारत विकास प्रदर्शनी के समापन अवसर पहुंचे. इस मौके पर धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य स्तरीय औद्योगिक मेला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. कोरोना के बाद इस तरह के मेले भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी ढंग से की जानी चाहिए. इसके लिए उच्च शिक्षा आयोग या लोक सेवा आयोग से शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.

मंत्री धन सिंह रावत ने भारत विकास प्रदर्शनी को बताया महत्वपूर्ण.

डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि भारत विकास प्रदर्शनी में 30 से 35 स्टॉल सरकारी और गैर सरकारी लगाए गए हैं. यहां काफी लोग खरीदारी करने आए हैं. यहां काफी लोगों को मुनाफा भी हुआ है. यह आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए अच्छी पहल है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है किसानों की आय दुगनी करनी है, आत्मनिर्भर भारत बनाना है, स्वदेशी का प्रचार करना है. यह सभी वस्तुएं यहां पर देखने को मिलीं हैं.

इस मौके पर धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी ढंग से की जानी चाहिए. इसके लिए उच्च शिक्षा आयोग या लोक सेवा आयोग से शिक्षकों की नियुक्ति की जाएंगी. उन्होंने कहा कि किसी भी अशासकीय महाविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भत्ते नहीं रोके गए हैं. इन कॉलेजों के प्रबंधकों को स्पष्ट कह दिया गया है कि वे नियुक्तियां पारदर्शी ढंग से करें.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र के फेफड़ों में हल्का इंफेक्शन, दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती

उन्होंने कहा कि कई मैनेजमेंट नियुक्तियों में धांधली कर रहे हैं और उनकी नियुक्तियों में सवाल उठ रहे हैं, इसीलिए राज्य सरकार ने इन अशासकीय महाविद्यालयों का अनुदान रोका है. इन्हें साफ कहा गया है कि वे श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी से मान्यता लें, क्योंकि राज्य सरकार उन्हें वेतन भत्ते और अनुदान देती है. पेंशन देती है और वे राजकीय विश्वविद्यालय श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी से मान्यता लेने की बजाय केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से मान्यता लिए हुए हैं. नियुक्तियां भी स्वयं करते हैं.

ऐसे में राज्य सरकार उन्हें क्यों वेतन भत्ते या अनुदान दे. यदि उन्हें अनुदान और वेतन भत्ते भविष्य में चाहिए तो उन्हें श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से मान्यता लेनी होगी. नियुक्तियों का अधिकार उच्च शिक्षा चयन आयोग या लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अशासकीय महाविद्यालय के प्रबंधक द्वारा जो रवैया बनाया जा रहा है वह ठीक नहीं है.

हरिद्वार: उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत रविवार को हरिद्वार दौरे पर रहे. धन सिंह रावत प्रेमनगर आश्रम में दो दिवसीय भारत विकास प्रदर्शनी के समापन अवसर पहुंचे. इस मौके पर धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य स्तरीय औद्योगिक मेला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. कोरोना के बाद इस तरह के मेले भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी ढंग से की जानी चाहिए. इसके लिए उच्च शिक्षा आयोग या लोक सेवा आयोग से शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.

मंत्री धन सिंह रावत ने भारत विकास प्रदर्शनी को बताया महत्वपूर्ण.

डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि भारत विकास प्रदर्शनी में 30 से 35 स्टॉल सरकारी और गैर सरकारी लगाए गए हैं. यहां काफी लोग खरीदारी करने आए हैं. यहां काफी लोगों को मुनाफा भी हुआ है. यह आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए अच्छी पहल है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है किसानों की आय दुगनी करनी है, आत्मनिर्भर भारत बनाना है, स्वदेशी का प्रचार करना है. यह सभी वस्तुएं यहां पर देखने को मिलीं हैं.

इस मौके पर धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी ढंग से की जानी चाहिए. इसके लिए उच्च शिक्षा आयोग या लोक सेवा आयोग से शिक्षकों की नियुक्ति की जाएंगी. उन्होंने कहा कि किसी भी अशासकीय महाविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भत्ते नहीं रोके गए हैं. इन कॉलेजों के प्रबंधकों को स्पष्ट कह दिया गया है कि वे नियुक्तियां पारदर्शी ढंग से करें.

पढ़ें- सीएम त्रिवेंद्र के फेफड़ों में हल्का इंफेक्शन, दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती

उन्होंने कहा कि कई मैनेजमेंट नियुक्तियों में धांधली कर रहे हैं और उनकी नियुक्तियों में सवाल उठ रहे हैं, इसीलिए राज्य सरकार ने इन अशासकीय महाविद्यालयों का अनुदान रोका है. इन्हें साफ कहा गया है कि वे श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी से मान्यता लें, क्योंकि राज्य सरकार उन्हें वेतन भत्ते और अनुदान देती है. पेंशन देती है और वे राजकीय विश्वविद्यालय श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी से मान्यता लेने की बजाय केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से मान्यता लिए हुए हैं. नियुक्तियां भी स्वयं करते हैं.

ऐसे में राज्य सरकार उन्हें क्यों वेतन भत्ते या अनुदान दे. यदि उन्हें अनुदान और वेतन भत्ते भविष्य में चाहिए तो उन्हें श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से मान्यता लेनी होगी. नियुक्तियों का अधिकार उच्च शिक्षा चयन आयोग या लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अशासकीय महाविद्यालय के प्रबंधक द्वारा जो रवैया बनाया जा रहा है वह ठीक नहीं है.

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