हरिद्वार: साधु-संतों ने कई हजार दीप जलाकर देव-दीपावली का बड़े ही हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया. कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हर की पैड़ी, ब्रह्मकुंड और तमाम गंगा घाटों पर देव दीपावली की रौनक दिखी. हरिद्वार के तुलसी मानस मंदिर में जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी के नेतृत्व में साधु-संतों द्वारा कई हजार दीप जलाकर इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी का कहना है कि श्री तुलसी मानस मंदिर में देवोत्थान एकादशी और बैकुंठ पूर्णिमा के उपलक्ष में भगवान लक्ष्मी नारायण और सभी देवी-देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीप जलाए गए. हरिद्वार में गंगा का स्थान है. हर कुंभ में साधु-संत गंगा में स्नान करते हैं. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज की संस्था गंगा सभा और साथ में कई और संस्थाओं ने मिलकर हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर दीपोत्सव का मंगलमय कार्यक्रम किया. उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प 11 हजार दीपों को जलाने का था, मगर उससे कई ज्यादा दीप जलाए गए. उन्होंने कहा कि आज हमने दीप इसलिए जलाए क्योंकि भगवान विष्णु 6 महीने के विश्राम के बाद अब उठ गए हैं.
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वहीं नासिक से हरिद्वार इस पर्व को मनाने पहुंचे संविदा नंद सरस्वती का कहना है कि हमारी संस्कृति में दीपों का काफी महत्व है. जब भी हम कोई मांगलिक कार्य करते हैं सबसे पहले दीपक जलाते हैं. देवता स्वर्ग में आज के दिन दीपावली मनाते हैं, इसे देव दीपावली कहा जाता है. धरती पर लोग नदियों के किनारे दीपक जलाकर भगवान से मंगल कामना करते हैं.