हरिद्वार: पौड़ी बस हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के आंसू 22 दिन बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं, हादसे के बाद इन आंसुओं को पोंछने का शासन प्रशासन ने दावा किया था, जो समय के साथ हवा हवाई हो गए. एक राशन को छोड़ दें तो बाकी किसी भी दावे पर जिम्मेदार अधिकारी खरे नहीं उतरे. आज भी इस हादसे में मारे गए लोगों के परिवार सरकारी मदद के लिए टकटकी बांधे देख रहे हैं.
पौड़ी बस हादसा: बता दें की 4 अक्टूबर को लालढांग से पौड़ी जिले के सिमड़ी गांव के लिए दोपहर में बारातियों से भरी बस रवाना हुई थी, लेकिन सिमड़ी गांव से कुछ दूर पहले ही बारातियों से भरी बस हादसे का शिकार हो गई. जिसमें बस सवार 52 बारातियों में से 33 लोगों की मौत हो गई. जबकि 19 लोग घायल हो गए थे. घायलों को कोटद्वार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गंभीर रूप से घायलों को एम्स ऋषिकेश में रेफर किया गया था.
सरकारी मदद का आश्वासन: घायलों और आश्रितों को मदद का आश्वासन इस पौड़ी बस हादसे को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दुख जताया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी. वहीं, गंभीर रूप से घायलों को भी एक-एक लाख और सामान्य रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान किया था. इसके अलावा भी कई घोषणाएं शासन-प्रशासन की ओर से की गई थी. लेकिन अभी तक मृतकों के आश्रितों के परिवारों को सिर्फ सरकारी राशन ही मिला है, लेकिन आर्थिक और अन्य प्रकार की सहायता नहीं दी गई है.
सदमे से नहीं उबरा परिवार: पौड़ी बस एक्सीडेंट में पीड़ित दूल्हे के परिवार और अन्य मृतकों के परिवार को आज तक हादसे को नहीं भुला पाए है. हादसे पर 20 दिन बाद भी मां देवश्वरी की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा उनकी क्या किस्मत फूटी थी कि उन्हें यह दिन देखना था. बार-बार उन्हें घटना की याद आ रही है. जिससे वह उबर नहीं पा रहे हैं.
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केवल तीन दिन इलाज: पौड़ी बस हादसे में लालढांग के मोहित गंभीर रूप से घायल हुए थे. हादसे के बाद उन्हें कोटद्वार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत गंभीर होने पर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया. मोहित के भाई हेमंत ने बताया कि तीन दिन तक तो मुफ्त में एम्स में इलाज चलता रहा, लेकिन इसके बाद उन्हें मुफ्त में इलाज देने से मना कर दिया गया. जिससे उन्होंने बाद का इलाज खर्च स्वयं वहन किया.
एसडीएम ने कहा जल्द मिलेगा मुआवजा: हरिद्वार एसडीएम पूरण सिंह राणा ने कहा मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता देने की फाइल सीएम के यहां गई हुई है. उम्मीद है कि जल्द ही पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिल जाएगा. मृतकों के बच्चों की सूची तैयार हो गई है. अब एक-दो दिन में ही विशेष शिविर लगाकर सभी सहायता के लिए प्रक्रिया पूरी करा ली जाएगी.
मृतकों के सामान की लूट: दूल्हे संदीप ने बताया कि हादसे के दौरान मारे गए उसके भाई कुलदीप की जेब में पड़े पैसे और मोबाइल आज तक नहीं मिल सका है. जबकि मोबाइल 14 अक्टूबर तक चालू रहा है, लेकिन जैसे मोबाइल पाने वाले व्यक्ति को घटना के बारे में पता चला तो उसने फोन बंद कर दिया. जिसका आज तक कोई पता नहीं चल सका है. उनकी मृतक बहन सतेश्वरी के गले में पड़ी सोने की चेन और अंगूठी भी नहीं मिल पाई है.